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जमानत पर रिहा हुए लालू, चारा घोटाले में काट रहे थे सजा

फाइल फोटो

रांची । राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव जेल से बाहर आ गए हैं। उनकी यह रिहाई चारा घोटाला के एक मामले में झारखंड हाई कोर्ट द्वारा उनकी जेल की सजा निलंबित होने के बाद हुई है। लालू के वकीलों ने उनकी रिहाई के आदेश गुरुवार को सीबीआई की विशेष अदालत से हासिल किए। लालू के वकील प्रभात कुमार ने कहा, `हमने हाई कोर्ट की ओर से रखी शर्तों को पूरा कर दिया है। कोर्ट ने एक-एक लाख रुपए के दो मुचलके जमा करने और 10 लाख रुपए का जुर्माना भरने का आदेश दिया था।`

बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल के अधीक्षक हामिद अख्तर ने कहा कि कोर्ट के रिहाई वाले आदेश को नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को भेज दिया गया है। एम्स में लालू यादव का इलाज चल रहा है। आधिकारिक रूप से लालू रांची के बिरसा मुंडा जेल में सजा काट रहे थे। एम्स के सूत्रों का कहना है कि कोर्ट के रिहाई के आदे श को स्वीकार कर लिया गया है। दुमका कोषागार घोटाले में सजा काट रहे लालू यादव गत जनवरी में तबीयत बिगड़ गई जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए एम्स लाया गया।

कोर्ट ने 17 अप्रैल को जेल की सजा निलंबित की
जस्टिस अपरेश कुमार सिंह ने गत 17 अप्रैल को कुछ शर्तों के साथ लालू यादव की जेल की सजा निलंबित कर दी। दरअसल, कोरोना के खतरे की वजह से लालू के वकील उनकी रिहाई का आदेश पाने के लिए निचली अदालत नहीं जा सके। झारखंड स्टेट बार काउंसिल (जेएसबीसी) ने 18 अप्रैल को गाइडलाइन जारी कर कहा कि सभी वकील एवं सपोर्ट स्टॉफ आन लॉइन एवं ऑफ लाइन कार्यों से दूर रहेंगे। जेएसबीसी ने अपना यह निर्देश आगे 26 अप्रैल तक बढ़ा दी।

2017 से जेल में बंद थे लालू
लालू देवघर कोषागार से लगभग 89 लाख रुपये की राशि के गबन के आरोप में यहां सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा 23 दिसंबर 2017 को दोषी ठहराये जाने के बाद से जेल में थे। लालू यादव को दुमका कोषागार गबन में 40 महीने बाद जमानत मिली है। रिहा होने के बाद लालू दिल्ली में रहेंगे या पटना जाएंगे यर अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। ऐसी चर्चा है कि कोरोना को खतरे को देखते हुए उन्हें उनकी अपनी बेटी एवं राज्यसभा की सांसद मीसा भारती के आवास पर कुछ दिनों तक रखा जा सकता है।

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