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कोविड-19-प्रवासी कामगार वर्तमान में जिन प्रदेशों में फंसे हैं, वहां से बाहर आवाजाही की इजाजत नहीं

नई दिल्ली । कोविड-19 वायरस फैलने के कारण उद्योग, कृषि, निर्माण और अन्‍य क्षेत्रों में कार्यरत कामगार अपने कार्यस्‍थलों से निकल चुके हैं और राज्‍यों/संघशासित प्रदेशों द्वारा संचालित किए जा रहे राहत/आश्रय शिविरों में ठहरे हुए हैं। चूंकि 20 अप्रैल, 2020 से प्रभावी होने वाले समेकित संशोधित दिशानिर्देशों में कंटेनमेंट जोन्‍स के बाहर अतिरिक्‍त नई गतिविधियों की अनुमति दी गई है, इसलिए इन कामगारों औद्योगिक, विनिर्माण, निर्माण, खेती-बाड़ी और मनरेगा कार्यों में शामिल किया जा सकता है।

गृह मंत्रालय की ओर से 29 मार्च, 2020, 15 अप्रैल 2020 और 16 अप्रैल, 2020 को जारी किए गए पिछले आदेशों की निरंतरता में फंसे हुए कामगारों की राज्‍यों/संघशासित प्रदेशों के भीतर आवाजाही के लिए मानक परिचालन प्रोटोकॉल (स्‍टेंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल-एसओपी) कार्यान्‍वयन के कड़ाई से अनुपालन के निर्देशों सहित भारत सरकार, राज्‍यों/संघशासित प्रदेशों की सरकारों के मंत्रालयों/विभागों तथा राज्‍य/संघशासित क्षेत्र प्राधिकरणों के लिए जारी किए गए हैं।

राज्‍यों/संघशासित प्रदेशों के भीतर उनकी आवाजाही में सहायता करने के लिए निम्‍नलिखित दिशानिर्देशों  का पालन किया जाएगा :

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