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सशस्त्र बलों के बीच खादी की बढ़ी लोकप्रियता, 1.91 लाख दरियों की आपूर्ति करेगा KVIC

खादी उद्योग जहां ग्रामीण भारत में रोजगार पैदा करता है वहीं खादी के उत्पाद स्वदेश और अपनेपन का एहसास दिलाते हैं। खादी दिन प्रति दिन एक नई ऊंचाई पर पहुंच रहा है। खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) को देश भर से अलग-अलग उत्पादों के लिए बड़े स्तर पर ऑर्डर मिलने लगा है। इसी क्रम में अर्धसैनिक बलों ने 10 करोड़ रुपये की 1.91 लाख खादी कपास दरियों का आपूर्ति का ऑर्डर दिया है। वहीं केवीआईसी द्वारा 1.91 लाख दरियों में से 51,000 की आपूर्ति की जाएगी।

यह आदेश आईटीबीपी से मिला है, जो देश में सभी अर्धसैनिक बलों की ओर से खरीद के लिए नोडल एजेंसी है। दरअसल, इस वर्ष 6 जनवरी को दरियों की आपूर्ति के लिए केवीआईसी और आईटीबीपी के बीच हस्ताक्षरित एक समझौते के अनुसार यह आपूर्ति की जा रही है।

उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब में बनाई जा रही दरियां

समझौते के अनुसार, केवीआईसी 1.98 मीटर लंबाई और 1.07 मीटर चौड़ाई की नीली रंग की दरियां प्रदान करेगा। कपास की दरियों का उत्पादन उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब के खादी संस्थानों द्वारा किया जाएगा। इस खरीद आदेश से ही खादी कारीगरों के लिए अनुमानित 1.75 लाख श्रम दिवसों का अतिरिक्त कार्य सृजित होगा। यह पहली बार है जब केवीआईसी अर्धसैनिक बलों को दरियों की आपूर्ति कर रहा है।

नवंबर तक पूरा किया जाना है ऑर्डर

1.91 लाख दरियों में से 51,000 की आपूर्ति आईटीबीपी को कर दी जाएगी जाएगी। जबकि पूरी आपूर्ति इस साल नवंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। इसमें से बीएसएफ को 59,500, सीआईएसएफ को 42,700 और एसएसबी को 37,700 दरियों की आपूर्ति की जाएगी। केवीआईसी द्वारा तैयार कपास की दरियों को कपड़ा मंत्रालय की एक इकाई, उत्तरी भारत वस्त्र अनुसंधान संघ (एनआईटीआरए) द्वारा प्रमाणित किया गया है।

सशस्त्र बलों के बीच खादी की बढ़ी लोकप्रियता

केवीआईसी के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने कहा, “आईटीबीपी का यह आदेश उच्च गुणवत्ता मानकों के कारण सशस्त्र बलों के बीच खादी की लोकप्रियता का प्रमाण है। केवीआईसी नियमित रूप से बलों को बड़ी मात्रा में कच्ची घानी सरसों के तेल की आपूर्ति कर रहा है।” गौरतलब हो कि गृह मंत्री द्वारा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में स्वदेशी उत्पादों पर विशेष जोर के मद्देनजर यह खरीद की जा रही है। गृह मंत्री ने सभी सशस्त्र बलों में केवल स्वदेशी उत्पादों के उपयोग का आदेश दिया था

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