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काशी, क्योटो की तर्ज़ पर कर रही  विकास: लेक़िन अपने मूल स्वरूप को रखा है क़ायम 

वाराणसी । काशी, क्योटो की तर्ज़ पर विकास की राह पर है। लेक़िन अपना मूल स्वरूप क़ायम रखा है।  वाराणसी में बदलते बनारस की चमकती तस्वीर दिखने लगी है। भरोसा न हो तो काशी आकर यहाँ की बदलती तस्वीर को खुद महसूस कीजिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को पूरा करने में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोई कसर नहीं छोड़ रहे है। गंगा हो या शहर की गलियां सभी को संवारा जा रहा है।

हम बात कर रहे है वाराणसी  के ह्रदयस्थल गोदौलिया से दशास्वमेघ घाट  तक  जाने वाले मार्ग की। गुलाबी पत्थरो से दोनों ओर पाथ वे ,गुलाबी पत्थरों से बनी चौड़ी सड़के। हेरिटेज लाइट के साथ ही पूरी सड़क को हेरिटेज लुक देने की कोशिश की गई है। वाराणसी का गौदोलिया क्षेत्र अब ग़ुलाबी गलियारा सा दिखने लगा है। सड़क के दोनों तरफ़ की प्राचीन इमारतों को उनके मूल स्वरुप के साथ ख़ूबसूरत बनाया गया है।

काशी के हेरिटेज़ को ध्यान में रखते हुए दुकानों व भवनों को सजाया सवारा गया है। चित्रकारी की थीम वाराणसी के प्राचीन पौराणिक भवनों के संरचना पर आधारित है। वाराणसी नगर के ऐतिहासिक भवनों एवं किलों में प्रयोग किये गये पत्थर की नक़्क़ाशी तथा भवनों की संरचना, डिजाईनों का ,चित्रकारी के कार्य में समावेश किया गया है।

ग़ुलाबी हो चुकी गोदौलिया से दशाश्वमेध घाट तक जाने वाले मार्ग को देखकर नजरें ठहर जा रही है। अद्भुत नजारा है ,इस पिंक कॉरिडोर का। चुनार के गुलाबी पत्थरों को सड़कों पर बड़े ही करीने से लगाया गया है। सड़क के दोनों किनारों पर खूबसूरत डिज़ाइनर खम्बों के पिलर लगे है। जो फुटपाथ को मुख्यमार्ग से अलग करते है।  सड़क के दोनों ओर चौड़े पाथ वे बने है। जिससे घाट तक जाने वाले पर्यटक और मार्केटिंग करने वालो को काफी सहूलियत हो रही है।

आप थकते है तो आप के आराम करने की भी व्यस्था इस पाथ  वे पर है। गुलाबी पत्थरों को तराश कर डिज़ाइनर बेंच बनाए गए है। तराशे गए चुनार के गुलाबी पत्थर पूरे मार्ग पर चार चाँद लगा रहे है। आध्यात्मिक नगरी के बदलते स्वरुप को देखकर लोग हैरान है।  वाराणसी शहर में प्रसाद  योजना फेज-2 एवं स्मार्ट सिटी मिशन  के अंतर्गत गोदौलिया से दशाश्वमेध घाट तक पर्यटन विकास का काम 10.78 करोड़ में पूरा हुआ है। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 की वाराणसी यात्रा में करेंगे।
गोदोलिया से दशश्वमेध घाट तक जाने वाला रास्ता अब आपको बदला-बदला सा नज़र आएगा। इस बाज़ार से गुजरने पर आप को ग़ुलाबी एहसास होगा। इस मार्ग के दोनों तरफ के भवनों और दुकानों में एकरूपता दिखे इसका ध्यान रखते हुए  सुंदरीकरण का काम किया गया है। काशी के हेरिटेज को ध्यान में रखते हुए भवनों व दुकानों की समरूपता को बनाए रखते हुए  गोदौलिया चौराहे से दशाश्वमेध  घाट तक जाने वाले मार्ग के दोनो तरफ भवनों एवं  दुकानों के शटर पर पेंटिंग,फसाड डिजाइनिंग का काम किया गया है।

पेंटिंग की थीम वाराणसी के धार्मिक ,आध्यात्मिक व ऐतिहासिक भवनों के बनावट पर आधारित है। बनारस के ऐतिहासिक भवनों एवं किलों में प्रयोग किये गए पत्थर की नक्काशी तथा भवनों के संरचना, गुम्बद, खिड़की, दरवाजा, छज्जा, खम्भा के डिजाईनों का चित्रकारी के कार्य में समावेश किया गया है। अब ये मार्ग क्योटो के तर्ज पर काशी के गरिमामई विकास की कहानी बया कर रहा है। जो अपना मूल स्वरुप बरक़रार रखे हुए है।  योगी के प्रयासों से काशी का कायाकल्प हो रहा  है।

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