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देश को पहली महिला सीजेआइ मिलने में ज्यादा देर नहीं : जस्टिस नरिमन

नई दिल्ली  । सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस रोहिंटन फली नरिमन ने उम्मीद जताई कि देश की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश मिलने में ज्यादा समय नहीं है। 26वें जस्टिस सुनंदा भंडारे मेमोरियल लेक्चर को संबोधित करते हुए जस्टिस नरिमन ने कहा कि भारत में महिला राष्ट्रपति रह चुकी हैं। देश में पहली महिला प्रधानमंत्री भी रहीं, लेकिन दुर्भाग्यवश अभी तक भारत में पहली महिला मुख्य न्यायाधीश नहीं हुई हैं। जस्टिस नरिमन ने कहा कि हम आज जस्टिस सुनंदा का चित्र देख सकते हैं। निश्चित रूप से वह देश की पहली मुख्य न्यायाधीश होने की काबलियत रखती थीं। इतिहास की महान महिलाएं विषय पर उन्होंने कहा कि न्यायपालिका के 26 जनवरी, 1950 से अस्तित्व में आने के बाद से अगले मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना समेत 48 मुख्य न्यायाधीशों में एक भी महिला नहीं है। वर्ष 1950 से 2020 तक सुप्रीम कोर्ट के कुल 247 जजों में केवल आठ महिलाएं हैं। शुक्रवार को इस कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के जज वी.रामासुब्रह्मण्यन और पूर्व जज जस्टिस मदन बी.लोकुर भी मौजूद थे।

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