Site icon CMGTIMES

जगदीप धनखड़ बने राजग के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार

नयी दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आज पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को देश के उपराष्ट्रपति पद के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का उम्मीदवार घोषित किया।पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में शनिवार शाम हुई भाजपा संसदीय दल की बैठक में यह फैसला लिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी और भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा के संगठन महासचिव बी एल संतोष शामिल हुए।

BJP National President Shri JP Nadda addresses a press conference at party headquarters.

बैठक के बाद श्री नड्डा ने संवाददाता सम्मेलन में इस निर्णय का एलान किया। उन्होंने कहा, “भाजपा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) उपराष्ट्रपति पद के लिए प्रत्याशी किसान पुत्र श्री जगदीप धनखड़ को घोषित करती है।”भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि श्री धनखड़ अभी पश्चिम बंगाल के राज्यपाल हैं और उन्होंने लगभग तीन दशक तक सार्वजनिक जीवन में काम किया है। उन्होंने राजस्थान के झुंझनू जिले के एक गांव में जन्म लिया और गांव में ही आरंभिक शिक्षा प्राप्त करके राजस्थान विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा हासिल की।

बाद में एलएलबी की उपाधि हासिल करके राजस्थान उच्च न्यायालय और फिर उच्चतम न्यायालय में एक उत्कृष्ट वकील के रूप में पहचान बनायी। उन्होंने 1989 में पहली बार लोकसभा का चुनाव जीता और वह 1990 में संसदीय कार्य राज्य मंत्री बने। वह राजस्थान के किशनगढ़ से विधायक भी रहे। श्री धनखड़ को 2019 में पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनाया गया था। उन्होंने जनता के राज्यपाल के रूप में अपनी पहचान बनायी है।उल्लेखनीय है कि श्री धनखड़ ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के पद पर रहते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केे साथ कई बार सैद्धांतिक एवं संवैधानिक मुद्दों पर टकराव लेने से गुरेज़ नहीं किया।

मोदी, नड्डा ने धनखड़ को बताया ‘किसान पुत्र’

राजस्थान के जाट नेता और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को शनिवार को सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उप-राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार घोषित किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें एक किसान के बेटे ‘किसान पुत्र’ के रूप में संबोधित किया।श्री मोदी ने कहा,”किसान पुत्र जगदीप धनखड़ जी अपनी विनम्रता के लिए जाने जाते हैं। वह अपने साथ एक शानदार कानूनी, विधायी और गवर्नर करियर लेकर आए हैं। उन्होंने हमेशा किसानों, युवाओं, महिलाओं और हाशिए के लोगों की भलाई के लिए काम किया है। खुशी है कि वह हमारे होंगे उप-राष्ट्रपति उम्मीदवार बनेंगे।’

उन्होंने कहा,”श्री जगदीप धनखड़ जी को हमारे संविधान का उत्कृष्ट ज्ञान है। वे विधायी मामलों से भी अच्छी तरह वाकिफ हैं। मुझे यकीन है कि वे राज्यसभा में एक उत्कृष्ट अध्यक्ष होंगे और राष्ट्रीय प्रगति को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से सदन की कार्यवाही का मार्गदर्शन करेंगे।”श्री नड्डा ने कहा,”किसान पुत्र श्री जगदीप धनखड़ तीन दशकों से अधिक समय से सार्वजनिक जीवन में हैं। श्री जगदीप धनखड़ की जीवन कहानी नए भारत की भावना को दर्शाती है।”श्री धनखड़, राज्यपाल कार्यालय और ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार के बीच तकरार को लेकर कई मौकों पर सुर्खियां बटोर चुके हैं।हाल ही में, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने नागरिक समाज के सदस्यों और बुद्धिजीवियों से राज्य में जारी हिंसा और भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध करने की अपील की थी।

उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार धनखड़ ने वकालत छोड़कर की थी राजनीतिक जीवन की शुरुआत

उपराष्ट्रपति पद के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार एवं पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने वकालत छोड़कर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी और भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की अध्यक्षता में शनिवार को भाजपा संसदीय दल की बैठक में जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार चुना गया।वर्ष 1951 में राजस्थान में झुंझुनूं जिले के किठाना में जन्मे श्री धनखड़ ने चित्तौरगढ़ में एक सैनिक स्कूल से अपना अध्ययन पूरा किया था। इसके बाद उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से कानून की पढाई करने के बाद राजस्थान उच्च न्यायालय से वकालत की शुरुआत की थी। वह राजस्थान बार काउसिंल के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

श्री धनखड़ ने अपनी राजनीतिक जीवन की शुरुआत जनता दल से की थी और वह 1989 में झुंझनुं लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे। वह 1989 से 1991 तक तत्कालीन वीपी सिंह और चंद्रशेखर की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे।इसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए और अजमेर के किशनगढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर 1993 में विधायक बने , हालांकि वह 2003 में कांग्रेस छोड़कर पुनः भाजपा में शामिल हो गए। उन्होंने राजस्थान में जाटों को आरक्षण दिलवाने में अहम भूमिका निभाई थी। जाट समुदाय में श्री धनखड़ का अच्छा वर्चस्व है।राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 30 जुलाई 2019 को श्री धनखड़ को पश्चिम बंगाल का 28वां राज्यपाल नियुक्त किया था।(वार्ता)

Exit mobile version