किशोरी ने की आत्महत्या, पिता गया जेल
सिंंगरौली। 12 वर्ष की छोटी उम्र की किशोरी द्वारा आत्महत्या करने के मामले में पुलिस ने मृतका के पिता को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार नाबालिग बालिका को आत्महत्या जैसे अमानुषिक कदम को उठाने के लिए उसके पिता पर दुष्प्रेरित करने का आरोप लगा है। आरोपी पिता कोकिया को पुलिस चौकी बाबूपुर थाना कोलगवाँ की पुलिस द्वारा चंद घंटों की विवेचना के बाद गिरफ्तार किया।
घटनाक्रम
प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते 21 अक्तूबर को सूचनाकर्ता रावेन्द्र विश्वकर्मा पिता सियाशरण विश्वकर्मा द्वारा पुलिस को सूचना दी गई कि उसकी भतीजी आकांक्षा विश्वकर्मा पुत्री प्रमोद विश्वकर्मा उम्र 12 वर्ष निवासी ग्राम कैमा थाना कोलगवाँ जिला सतना की मृत्यु बिजली का करंट लगने से हो गई है। सूचना पर पुलिस ने मर्ग कायम कर जाँच में ले लिया।
अनुसंधान के दौरान यह बात सामने आई कि 21 अक्तूबर को मृतका आकांक्षा पर अपनी बडी माँ ललिता विश्वकर्मा का पैसा चुराने का आरोप लगा था। इसकी शिकायत उसके पिता प्रमोद से की गई थी। इस पर प्रमोद विश्वकर्मा द्वारा दोपहर में लगभग 2 से 3 बजे अपनी पुत्री आकांक्षा को लात घूंसों से मारापीटा गया और उससे बोला गया कि “अच्छा होगा कि तू कहीं जाकर मर जा” और स्वयं तलाब की तरफ चला गया।
बताया गया है कि शाम को प्रमोद का बेटा विवेक विश्वकर्मा द्वारा अपने पिता प्रमोद को बताया गया कि आकांक्षा अंदर वाले कमरे में छत के हुक में अपनी माँ की साड़ी से फाँसी लगाकर लटकी हुई है। तब प्रमोद विश्वकर्मा ताबड़तोड़ घर पहुंचा और आकांक्षा के गले से साड़ी के फंदे को खोलकर नीचे उतारा और सामने वाले कमरे रख लिटा दिया। लेकिन तब तक उसकी मृत्यु हो चुकी थी। तब घर वालों को यह बताया गया कि आकांक्षा की बिजली का करंट लगने से मौत हो गई है।
बाबूपुर चौकी थाना कोलगवां की पुलिस ने आरोपी प्रमोद विश्वकर्मा पिता सियाशरण विश्वकर्मा उम्र 33 वर्ष निवासी ग्राम कैमा कोठार को गिरफ्तार कर लिया। उस पर अपनी अल्पवय बेटी से मारपीट कर उसे मानसिक रूप से परेशान करने और जान दे देने के लिए दुष्प्रेरित करने का आरोप लगा है। पुलिस ने आरोपी के विरूद्ध अपराध क्र. 1313/20 धारा 306, 201 भादवि के अंतर्गत कायम कर गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उसके द्वारा छिपाई गयी साड़ी जिसके फंदे पर झूलकर मासूम ने अपनी जीवन लीला का अंत कर लिया था, उसे जप्त कर लिया है। गिरफ्तार आरोपी को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया जहाँ से उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है।