
पंचतत्व में विलीन हुए उद्योगपति सुब्रत राय सहारा
लखनऊ : जाने माने उद्योगपति और सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय ‘सहाराश्री’ का अंतिम संस्कार गुरुवार को यहां कर दिया गया।श्री राॅय का मंगलवार देर रात मुबंई के एक अस्पताल में हृदयाघात के कारण निधन हो गया था। उनका पार्थिव शरीर बुधवार को लखनऊ स्थित सहारा शहर में अंतिम दर्शन के लिये लाया गया था। आज दोपहर उनकी अंतिम यात्रा गोमतीनगर स्थित बैकुंठ धाम (भैसाकुंड) के लिये रवाना हुयी जिसमें समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव, अम्मार रिजवी,प्रमोद तिवारी और राजबब्बर समेत राजनीतिक और उद्योग जगत की कई नामचीन हस्तियाें के अलावा बड़ी संख्या में सहारा परिवार के सदस्य (कर्मचारी) शामिल हुये।श्री रॉय की चिता काे मुखाग्नि शाम करीब चार बजे उनके पोते हिमांक ने दी। इस मौके पर वहां मौजूद लोगों ने ‘सहाराश्री अमर रहें’ के नारे लगाये गये और अश्रुपूरित नेत्रों से उन्हे अंतिम विदाई दी गयी। इस अवसर पर सहारा समूह के ओम प्रकाश श्रीवास्तव और अनिल विक्रम सिंह समेत तमाम वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।
गोरखपुर को व्यवसायिक पहचान दिलायी थी सहाराश्री ने
सत्तर के दशक में अपराधियों की शरण स्थली और गैंगवार के लिये कुख्यात हो रहे गोरखपुर में सुब्रत रॉय ‘सहाराश्री’ ने उद्योग का बीज रोपा था,वह आज सहारा इंडिया परिवार के रूप में वटवृक्ष का आकार ले चुका है।श्री रॉय परलोक सिधार चुके हैं मगर गोरखपुर के लोग उनके योगदान को कभी भुला नहीं सकेंगे। उन्होने गोरखपुर को एक नयी व्यवसायिक पहचान दी। श्री राॅय ने गोरखपुर में राजकीय पॉलीटेक्निक से मैंकेनिकल इंजीनियरिंग से डिप्लोमा किया। उन्होने गोरखपुर की सडकों पर नमकीन बेंचा, लमब्रेटा स्कूटर से छोटे-छोटे बचतकर्ताओं तक पहुंचे मगर उन्होंने कभी अपने सपनों को छोटा नहीं किया।(वार्ता)