Site icon CMGTIMES

जाति और मजहब के आधार पर लोगों के विभाजित होने से कमजोर होगा भारत : योगी

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारत की सामूहिकता को देश की ताकत करार देते हुए मंगलवार को कहा कि लोगों के जाति और मजहब के आधार पर बंटने से देश कमजोर होगा।मुख्यमंत्री ने नौ अगस्त 1925 को लखनऊ के काकोरी इलाके में हुए ‘ट्रेन एक्शन’ की 96वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में कहा, “भारत की ताकत उसकी सामूहिकता है। जब 135 करोड़ की आबादी एक साथ बोलती है, तब भारत सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में ही नहीं, बल्कि लोकतंत्र की मां के रूप में भी दुनिया को प्रतिनिधित्व देते और उसका मार्गदर्शन करते हुए नजर आता है।”

उन्होंने कहा, “जब हम जाति, मत, मजहब, क्षेत्र और भाषा के आधार पर बंटे होंगे तो यह विभाजन हमारी ताकत का विभाजन करेगा, भारत को कमजोर करेगा, विकास को बाधित करेगा, अव्यवस्था और अराजकता सहित तमाम ऐसी विकृतियों को जन्म देगा, जो एक बार फिर देश की स्वाधीनता के लिए खतरा पैदा कर सकती हैं। इसलिए हमारा सबसे बड़ा संकल्प यह होना चाहिए कि हम भारत को किसी भी तरह से कमजोर नहीं होने देंगे।”

योगी ने कहा, “हम सबका सौभाग्य है कि 15 अगस्त 2022 को जब आजादी के 75 वर्ष पूरे होंगे, तब पूरा देश इस अमृत महोत्सव का साक्षी बनेगा। प्रधानमंत्री ने देश के सामने एक लक्ष्य रखा है कि हम अभी से अगले 25 वर्ष की व्यापक कार्ययोजना बनाकर देश के सामने रखें कि जब यह देश आजादी का शताब्दी वर्ष मना रहा होगा, उस समय हमें कैसा भारत चाहिए।”

उन्होंने कहा, “पूरे भारत की एकता का संकल्प लेकर विकृतियों को दूर करते हुए हम एक साथ मिलकर काम करेंगे। और इसीलिए प्रधानमंत्री के संकल्प के साथ जुड़कर उत्तर प्रदेश सरकार ने भी तय किया है कि इस राज्य को हम अगले पांच वर्षों के अंदर देश की एक बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करेंगे।”मुख्यमंत्री ने काकोरी की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि नौ अगस्त 1925 को लखनऊ के काकोरी क्षेत्र में देश की आजादी के लिए मर मिटने वाले क्रांतिकारियों ने ट्रेन से खजाने के रूप में ले जाए जा रहे 4,679 रुपये रेलगाड़ी रोककर ले लिए थे।

उन्होंने कहा, “पंडित राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में काकोरी की घटना को अंजाम दिया गया था। उन्हें गोरखपुर जेल में रखा गया। अशफाकउल्ला खां, ठाकुर रोशन सिंह, राजेंद्र नाथ लाहिड़ी को भी गोंडा, फैजाबाद और नैनी जेल में अलग-अलग स्थानों पर रखा गया।”योगी ने कहा, “चंद्रशेखर आजाद ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ लड़ते हुए प्रयागराज में शहीद हुए, लेकिन क्रांति की यह लौ कभी बुझी नहीं।”

Exit mobile version