नयी दिल्ली : भारत ने बंगलादेश के हालात को देखते हुए राजधानी ढाका स्थित अपने उच्चायोग से गैर जरूरी कर्मचारियों और उनके परिवारों को स्वदेश बुला लिया है।सूत्रों के अनुसार उच्चायोग के ये गैर-जरूरी कर्मचारियों और परिवारों की वापसी वाणिज्यिक उड़ान के माध्यम से हुई है।सूत्रों ने बताया कि सभी राजनयिक उच्चायोग में ही हैं तथा उच्चायोग सामान्य रूप से कार्य कर रहा है।
बंगलादेश में हिन्दुओं की रक्षा करे सेना: शंकराचार्य
ज्योतिर्मठ पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने मंगलवार को उम्मीद जतायी कि बंगलादेश की सेना वहां रह रहे हिन्दुओं की रक्षा करेगी क्योंकि इस समय शासन सेना के हाथ में है।स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बंगलादेश में सोमवार को तख्तापलट के बाद हिन्दुओं, उनके प्रतिष्ठानों और मंदिरों पर हमलों को चिंता जताते हुये वहां की सेना से अनुरोध किया कि हिन्दू जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जाये।शंकराचार्य ने कहा, “हमें बंगलादेश में राजनीतिक उथल-पुथल के बारे में सूचित किया गया है। देश सेना शासन के अधीन है। हम उम्मीद करते हैं कि सेना नागरिकों की सुरक्षा का अपना कर्तव्य अवश्य निभायेगी। बंगलादेश में लगभग 10 प्रतिशत हिन्दू रहते हैं। उनकी सुरक्षा की जरूरत है, इसलिये हम सेना से यह सुनिश्चित करने का आग्रह करना चाहेंगे।
”उन्होंने कहा कि बंगलादेश में रह रहे हिन्दू भी आपके देश का नागरिक है और हर नागरिक के लिये एक तरह की व्यवस्था, सुविधा और व्यापार स्वाभाविक है। इसी अपेक्षा के साथ हम आपसे आग्रह करते हैं कि वहां के जो हिन्दू हैं, उनसे हम कहना चाहेंगे। परिस्थितियों के अनुसार धैर्य बनाये रखते हुये अपनी सुरक्षा करें, साथ ही अपने देश की उन्नति के लिये अपना योगदान दें।गौरतलब है कि बंगलादेश में पिछले कुछ दिनों से जारी भारी तनाव और प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना सोमवार को देश छोड़कर भारत में शरण ली। सुश्री हसीना ने अपनी छोटी बहन शेख रेहाना के साथ देश छोड़ने के बाद हजारों प्रदर्शनकारियों ने उनके सरकारी आवास गणभवन पर धावा बोल दिया।
बंगलादेश में हिंदुओं की सुरक्षा के लिए तत्काल कार्रवाई हो , सदगुरू ने किया आह्वान
आध्यात्मिक गुरू सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने बुधवार को भारत से बंगलादेश में हिंदुओं की सुरक्षा के लिए तत्काल कार्रवाई का आह्वान किया।श्री सद्गुरु ने बंगलादेश में हिंदुओं के समक्ष आ रही चिंताजनक स्थिति पर प्रकाश डाला और कहा, “हिंदुओं के खिलाफ हो रहा अत्याचार केवल बंगलादेश का आंतरिक मामला नहीं है। अगर हम अपने पड़ोस में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जल्द से जल्द खड़े होकर कार्रवाई नहीं करते हैं तो भारत महा-भारत नहीं बन सकता है।
”श्री सद्गुरु ने बंगलादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के निष्कासन के बाद वहां की राजनीतिक उथल-पुथल के बीच हिंदुओं के घरों और व्यवसायों पर हमलों की रिपोर्ट के संदर्भ में यह टिप्पणी की। उन्होंने जोर दिया कि इन समुदायों की रक्षा करना केवल कूटनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि भारत के लिए एक नैतिक और सभ्यतागत जिम्मेदारी भी है। उन्होंने भारत और बंगलादेश के अल्पसंख्यकों के बीच गहरे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों की ओर भी ध्यान आकर्षित किया।उन्होंने कहा, “जो इस राष्ट्र का हिस्सा था, वह दुर्भाग्य से पड़ोस बन गया। लोगों को , जो वास्तव में इस सभ्यता से संबंधित हैं , इन चौंकाने वाले अत्याचारों से बचाना हमारी जिम्मेदारी है।”
बंगलादेश में हिंदुओं, अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए: आलोक कुमार
विश्व हिंदू परिषद(विहिप) के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने विश्व समुदाय से बंगलादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा तथा मानवाधिकारों की रक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाने की अपील की है।श्री कुमार ने मंगलवार को यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा,“ हमारा पड़ोसी मुल्क बंगलादेश इस समय अनिश्चितता, हिंसा और अराजकता में फंसा हुआ है। हसीना सरकार के त्यागपत्र और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीन के देश छोड़ने के बाद अन्तरिम सरकार के गठन की प्रक्रिया चल रही है। संकट की इस घड़ी मे भारत बंगलादेश के समस्त समाज के साथ एक मित्र के नाते मजबूती से खड़ा है।”(वार्ता)
बंगलादेश के चार सौ पुलिस स्टेशनों में तोड़फोड़, 50 पुलिसकर्मियों के मारे जाने की आशंका
पड़ोस जल रहा, हिंदुओं को चुन-चुनकर बनाया जा रहा निशाना : योगी आदित्यनाथ