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कोविड-19 रोगियों के स्वस्थ होने के मामले में अमेरिका को पीछे छोड़कर शीर्ष पर पहुंचा भारत

देश में ठीक होने वाले रोगियों की संख्या 42 लाख के पार; वैश्विक रिकवरी दर का 19 फीसदी भारत में फिर से एक दिन में सर्वाधिक संख्या में रोगी ठीक हुए पिछले 24 घंटों में 95,000 से अधिक रोगी हुए ठीक

भारत ने एक ऐतिहासिक वैश्विक उपलब्धि हासिल की है। कोविड 19 से ठीक होने वाले रोगियों की दर के मामले में भारत ने संयुक्त राष्ट्र अमेरिका को पछाड़ते हुए विश्व में पहला स्थान हासिल कर लिया है। भारत में अभी तक सबसे अधिक 42 लाख से अधिक (42,08,431) कोविड के रोगी ठीक हो चुके हैं। वैश्विक रिकवरी दर में भारत का योगदान करीब 19% है। इसकी बदौलत भारत का राष्ट्रीय रिकवरी दर लगभग 80% (79.28%) पर पहुंच गया है। केंद्र सरकार के नेतृत्व में आक्रामक तरीके से जांच करके रोगियों की जल्दी पहचान करने के केंद्रित, क्रमबद्ध और प्रभावी उपायों, त्वरित निगरानी और मानकीकृत उच्च गुणवत्ता पूर्ण क्लीनिकल देखभाल के कारण इस वैश्विक उपलब्धि को हासिल किया जा सका है।

कोविड-19 के खिलाफ अपनी मजूबत लड़ाई में, भारत ने पिछले 24 घंटों के दौरान एक दिन में सबसे अधिक रिकवरी दर हासिल करने का रिकॉर्ड बनाया है। पिछले चौबीस घंटे के दौरान कुल 95,880 रोगी ठीक हुए हैं। 16 राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों से नए ठीक होने वाले मामलों की सख्या 90% बताई जा रही है। ठीक होने वाले नए मामलों में से लगभग 60% मामले पांच राज्यों से आए हैं जिनमें महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश शामिल हैं। अकेले महाराष्ट्र ने 22,000 (23%) से अधिक का योगदान दिया है और आंध्र प्रदेश ने एक दिन में ठीक होने वाले रोगियों की संख्या में 11,000 (12.3%) से अधिक का योगदान दिया है। कुल रिकवर होने वाले मामलों में 90% योगदान 15 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों का है।

अधिकतम मामले महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश जैसे शीर्ष पांच राज्यों से आए हैं और इन्हीं राज्यों से सबसे अधिक रोगियों के ठीक होने की दर भी सामने आई है।भारत बहुत अधिक संख्या में रोगियों के ठीक होने की दिशा में लगातार बढ़ रहा है। यह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में विशेष केंद्रित रणनीतियों के साथ समन्वित प्रभावी कार्रवाई का परिणाम है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने व्यापक नैदानिक देखभाल प्रबंधन और उपचार प्रोटोकॉल के मानक जारी किए हैं। वैश्विक उभरते उदाहरणों को देखते हुए इनमें नियमित रूप से संशोधन किया जा रहा है।

देश में रेमडेसिविर, प्लाज्मा थैरेपी अैर टोसिलीजुमैब जैसी अनुसंधान आधारित पद्धतियों के तर्कसंगत इस्तेमाल की अनुमति दी गई और अन्य तरीकों को भी अपनाया गया। हल्के और कम लक्षणों वाले मामलों के लिए घर पर देखभाल / आइसोलेशन की सुविधा, रोगियों के तुरंत और समय पर उपचार के लिए एंबुलेंस की बेहतर सेवाओं से रोगियों को बेहतर मदद मिली है। एम्स के साथ सक्रिय सहयोग से स्वास्थ्य मंत्रालय ‘नेशनल ई-आईसीयू ऑन कोविड ​​-19 प्रबंधन’ परीक्षण कर रहा है, जिसमें उत्कृष्टता केंद्रों के माध्यम से राज्य / केंद्रशासित प्रदेश के अस्पतालों के आईसीयू डॉक्टरों आते हैं। सप्ताह में दो बार, मंगलवार और शुक्रवार को आयोजित, इन सत्रों ने मामलों की प्रजनन दर में गिरावट में प्रमुख भूमिका निभाई है।

अब तक देश भर में 28 राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के 249 अस्पतालों को कवर करते हुए 19 ऐसे राष्ट्रीय ई-आईसीयू आयोजित किए गए हैं। केंद्र नियमित रूप से राज्य / केंद्रशासित प्रदेश सरकारों को दी जाने वाली सहायता की समीक्षा कर रहा है। कई उच्च स्तरीय बहु-विशेषज्ञ केंद्रीय टीमों को राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में तैनात किया गया है। ये कंटेनर, निगरानी, परीक्षण और कुशल नैदानिक प्रबंधन को मजबूत करने में उनकी सहायता करते हैं। केंद्र सरकार नियमित रूप से नियमित रूप से अस्पतालों तथा अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में ऑक्सीजन की उपलब्धता पर भी लगातार नजर रख रही है। इन सबने भारत में ठीक होने वाले रोगियों की संख्या में बड़ी भूमिका निभाई है और मृत्यु दर (सीएफआर) को कम करने में भी सहायता की है जो वर्तमान में 1.61% है।

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