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उर्वरकों की आपूर्ति बढ़ाने के लिए भारत वैश्विक आपूर्तिकर्ताओं से कर रहा है समझौते: मांडविया

नयी दिल्ली : केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने उर्वरकों की दीर्घावधि में सुचार आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए रासायनिक उर्वकों के वैश्विक आपूर्तिकर्ताओं के साथ साझेदारियों की व्यवस्था की है। श्री माडविया ने कहा कि यह व्यवस्था वैश्विक कंपनियों द्वारा गुट बना कर बाजार को प्रभावित करने की समस्या का भी समाधान करेंगी।डॉ. मांडविया के समक्ष शुक्रवार को यहां दुबई की कंपनी एग्रीफील्ड्स के साथ भारतीय उर्वरक कंपनी मद्रास फर्टिलाइजर लिमिटेड का एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) प्रस्तुत किया गया। मद्रास फर्टिलाइजर लिमिटेड ने तीन वर्षों के लिए सालाना 30,000 टन फॉस्फोरिक एसिड प्राप्त करने के लिए दुबई के मैसर्स एग्रीफील्ड्स के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। डीएपी और एनपीके उर्वरकों की उपलब्धता में सुधार लाने की दिशा में यह एक उल्लेखनीय कदम माना जा रहा है।

रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के मुताबिक केंद्रीय मंत्री ने इस अवसर पर कहा, ‘‘उर्वरकों, विशेष रूप से डीएपी तथा एनपीके की आपूर्ति में व्याप्त अनिश्चितताओं की पृष्ठिभूमि में किया जाने वाला यह एमओयू कार्टेलाइजेशन के माध्यम से प्रबंध करने वाली कुछ वैश्विक कंपनियों के बजाये अर्थव्यवस्थाओं में निष्पक्ष व्यवसाय करने में एक मजबूत भूमिका निभाएगा। ”दुबई की कंपनी के साथ मिलने वाले फॉस्फोरिक एसिड के उपयोग से देश में लगभग 1.67 लाख टन एनपीके का उत्पादन किया जाएगा।डॉ. मांडविया ने टिप्पणी की कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में फॉस्फेटिक उर्वरकों में गिरावट का रुझान देखा जा रहा है, देश में भी वैसी ही प्रवृत्ति आने वाली तिमाहियों के दौरान फॉस्फोरिक एसिड जैसे उर्वरकों के कच्चे मालों में देखी जानी चाहिए।’’उन्होंने कहा कि फॉस्फोरिक एसिड डीएपी एवं अन्य जटिल एनपीके उर्वरकों के विनिर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण कच्चा माल है। कच्चे माल तथा उर्वरक अवयवों के आयात पर भारत की उच्च निर्भरता को देखते हुए, भारत सरकार भारतीय किसानों को पी एंड के उर्वरकों की दीर्घावधि उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक उत्पादकों एवं आपूर्तिकर्ताओं के साथ ऐसी आपूर्ति साझेदारियां करती रही हैं।

डॉ. मांडविया ने जोर देकर कहा कि आगामी फसली सीजन से पहले इस प्रकार के समझौता ज्ञापनों का महत्व और बढ़ गया है क्योंकि यह न केवल देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में योगदान देगा बल्कि वैश्विक खाद्य सुरक्षा को सुदृढ़ बनाने में भी सहायता करेगा।(वार्ता)

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