Breaking News

टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस ने जूम को लिखा पत्र, मीटिंग में शामिल लोगों की मांगी जानकारी

एक के बाद एक नए खुलासे से टूलकिट मामला गरमा गया है। हाल ही में इस मामले में एनवायरमेंटल एक्टिविस्ट दिशा रवि की गिरफ्तारी हुई और अब दिल्ली पुलिस ने जूम को पत्र लिखकर 26 जनवरी को हुई हिंसा मामले में टूलकिट को लेकर हुई मीटिंग की जानकारी मांगी है।

11 से 22 फरवरी के बीच आरोपितों ने जूम के जरिए कई बैठकें की

गौरतलब हो दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने जूम को पत्र लिखकर 11 से 22 फरवरी के बीच आरोपितों द्वारा की गई बैठक की जानकारी मांगी है। दिल्ली पुलिस की तरफ से यह भी कहा गया है कि 11 से 22 फरवरी के बीच आरोपितों ने जूम के जरिए कई बैठकें की हैं। इसमें दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर साजिश रची गई थी। इसके साथ ही पुलिस को यह भी पता चला है कि शांतनु और दिशा दिल्ली में हिंसा के दिन मौजूद थे।

करीब 60 लोग बैठक में हुए थे शामिल

जानकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस की साइबर सेल टूलकिट मामले को लेकर जांच कर रही है। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने बेंगलुरु से दिशा रवि को गिरफ्तार किया है, जो पांच दिन के रिमांड पर है। प्राथमिक पूछताछ के दौरान दिल्ली पुलिस को पता चला है कि गणतंत्र दिवस के मौके पर हिंसा फैलाने को लेकर 11 जनवरी को एक महत्वपूर्ण बैठक की गई थी। इस बैठक में निकिता जैकब, दिशा रवि और शांतनु सहित करीब 60 लोग शामिल हुए थे। इस बैठक में यह तय किया गया था कि किस तरीके से 26 जनवरी के मौके पर निकलने वाली रैली को लेकर डिजिटल स्ट्राइक करनी है और कैसे सरकार के विरुद्ध काम करना है।

दिल्ली में मौजूद थे दिशा और शांतनु

टूलकिट मामले की जांच कर रही साइबर सेल को पता चला है कि 26 जनवरी की रैली से पहले शांतनु और दिशा दिल्ली में मौजूद थे। यहां पर उन्होंने उस दिन के पूरे घटनाक्रम को देखा। यह भी बताया जा रहा है कि दोनों टिकरी बॉर्डर भी गए थे। इसके बाद 27 जनवरी को दोनों दिल्ली से चले गए थे। इसके कई महत्वपूर्ण साक्ष्य भी पुलिस के हाथ लगे हैं, जिसे लेकर आगे छानबीन की जा रही है। इसे लेकर पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव की तरफ से यह कहा गया है कि आरोपित की उम्र नहीं देखी जानी चाहिए। इस मामले में महत्वपूर्ण साक्ष्य सामने होने के बाद ही दिशा की गिरफ्तारी की गई है।

क्या है टूलकिट मामला

बीते दिनों खबरों के माध्यम से आपके सामने बहुत बार में ‘टूलकिट’ शब्द आया होगा। यदि आपको इसे समझने में मुश्किल हो रही है तो आपकी मुश्किल का हल यहां है। दरअसल टूलकिट किसी मुद्दे को समझाने के लिए बनाया गया एक दस्तावेज होता है, जिसको किसी थ्योरी या विचारधारा को प्रैक्टिकल के रूप में समझाने के लिए बनाया जाता है। किसी भी आंदोलन या कार्यक्रम को शुरू करने और फिर उसका दायरा बढ़ाने के लिए कुछ एक्शन पॉइंट्स तैयार किए जाते हैं और इन्हें जिस दस्तावेज में दर्ज किया जाता है, उसे टूलकिट कहते हैं। टूलकिट को उन्हीं लोगों के बीच साझा किया जाता है, जिनसे आंदोलन को बढ़ाने में मदद मिल सकती है।

पहले जब कोई रैली, हड़ताल या फिर आंदोलन होता था, तब दिवारों पर पोस्टर चिपकाए जाते थे। बदलते वक्त में टूलकिट डिजिटल हो गया है। टूलकिट में सोशल मीडिया का इस्तेमाल किस दिन, किस वक्त और क्या ट्वीट्स या पोस्ट्स करने से फायदा होगा, इन सभी बातों की जानकारी दी जाती है। टूलकिट में लोगों को कैंपेन सामग्री, न्यूज आर्टिकल्स की जानकारी दी जाती है और उन्हें बताया जाता है कि कैसे प्रदर्शन करना है।

VARANASI TRAVEL
SHREYAN FIRE TRAINING INSTITUTE VARANASI

Related Articles

Back to top button
%d bloggers like this: