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माँ गंगा की गोद में उनके स्नेह ने कृतार्थ कर दिया: मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी में सोमवार काे काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण से पहले गंगा स्नान कर धार्मिक अनुष्ठान में हिस्सा लिया। मोदी ने गंगा स्नान के अनुभव को कृतार्थ करने वाला बताया।प्रधानमंत्री मोदी ने दो दिवसीय काशी प्रवास पर यहां पहुंचने के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में पहुंच कर पहले भगवान काल भैरव की पूजा अर्चना की। इसके बाद मोदी ने गंगा तट पर पहुंच कर रो-रो बोट ‘अलकनंदा’ से ललिता घाट तक का सफर तय किया।घाट पर उन्होंने गंगा स्नान किया।

गंगा में खड़े होकर मोदी ने भगवान सूर्य को गंगा जल से अर्घ्य दिया। नदी से गंगा जल लेकर वह विश्वनाथ मंदिर में भगवान शिव के जलाभिषेक के लिये मंदिर प्रांगण में पहुंचे।गंगा स्नान के अपने अनुभव को सोशल मीडिया के माध्यम से साझा करते हुये मोदी ने कहा, “माँ गंगा की गोद में उनके स्नेह ने कृतार्थ कर दिया। ऐसा लगा जैसे माँ गंगा की कलकल करती लहरें विश्वनाथ धाम के लिए आशीर्वाद दे रही हैं। हर हर महादेव।”प्रधानमंत्री ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक दोपहर एक बजे काशी विश्वनाथ मंदिर में पहुंच कर पूजा अर्चना प्रारंभ की। इससे पहले उन्होंने विशाल प्रांगण से मंदिर तक की दूरी तय करते हुये नवनिर्मित कार्यों का अवलोकन भी किया।

वाराणसी पहुंचे पीएम मोदी, सीएम योगी ने किया स्वागत

वाराणसी । कशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का उद्घाटन करने प्रधानमंत्री मोदी वाराणसी पहुंचे। एयरपोर्ट में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने उनका स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी का विशेष विमान वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर सुबह 10:15 बजे पहुंचा। पीएम की अगवानी के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एयरपोर्ट पहुंचे। करीब 12 बजे पीएम काशी विश्वनाथ धाम में प्रवेश करेंगे। अनुष्ठान 22 मिनट में संपन्न हो जाएगा। मंगलाआरती के बाद वैदिक विद्वान चारों वेदों की ऋचाओं और मंत्रों का पारायण शुरू हो जाएगा।

241 साल बाद बाबा के धाम का नया स्वरूप

700 करोड़ की लागत से 33 महीने में तैयार हुए काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण रेवती नक्षत्र में होने जा रहा है। राम मंदिर के लिए मुहूर्त तैयार करने वाले आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ ने बताया कि 13 दिसंबर को रेवती नक्षत्र में दिन में 1:37 बजे से 1:57 बजे तक 20 मिनट का शुभ मुहूर्त प्राप्त हुआ है। गंगा तट से मंदिर के गर्भगृह तक बने काशी विश्वनाथ धाम का यह नया स्वरूप 241 साल दुनिया के सामने आ रहा है। इतिहासकारों के अनुसार काशी विश्वनाथ मंदिर पर वर्ष 1194 से लेकर 1669 तक कई बार हमले हुए। 1777 से 1780 के बीच मराठा साम्राज्य की महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था। ढाई दशक बाद पीएम मोदी ने आठ मार्च 2019 को मंदिर के इस भव्य दरबार का शिलान्यास किया था।

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