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ज्ञानवापी मामले में आदि महादेव काशी धर्मालय मुक्ति न्यास नाम से ट्रस्ट गठित

वादी पक्ष की चार महिलाएं ट्रस्ट में शामिल,मंगलवार को न्यायालय में होगी सुनवाई

वाराणसी । ज्ञानवापी मस्जिद शृंगार गौरी मामले में हिंदू पक्ष ने सोमवार को श्री आदि महादेव काशी धर्मालय मुक्ति न्यास नाम से ट्रस्ट का गठन किया है। अब ये ट्रस्ट न्यायालय में चल रहे मामलों को देखेंगे। ट्रस्ट में वादी पक्ष की चार महिलाओं लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास एक अन्य महिला सहित 5 मेहमान, 11 ट्रस्टी, 21 सम्मानित ट्रस्टी शामिल किए गए हैं। ट्रस्ट का पंजीकरण भी हो गया है। सोमवार शाम को इस ट्रस्ट की पहली बैठक होगी।

बैठक में उच्चतम न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) के वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन, अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, अधिष्ठाता लालबाबू जायसवाल, हाईकोर्ट की अधिवक्ता रंजना और समाजसेवी कुलदीप तिवारी भी शामिल होंगे। ट्रस्ट की ओर से अब पूरे प्रकरण की देखरेख के साथ ही न्यायालय के खर्चे और अभियान को लेकर रणनीति तय की जाएगी। इस ट्रस्ट में वादी राखी सिंह को नहीं शामिल किया है। ज्ञानवापी मामले में अभी तक हिंदू पक्ष की ओर से अखिल भारतीय वैदिक सनातन संघ के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह विसेन पक्ष रख रहे हैं। बिसेन ने इस मुकदमें से अधिवक्ता हरिशंकर जैन को पहले ही बाहर कर दिया था।

गाैरतलब है कि ज्ञानवापी शृंगार गौरी मामले में मंगलवार 12 जुलाई को न्यायालय में सुनवाई की तिथि तय है। सुनवाई में प्रतिवादी मुस्लिम पक्ष की दलीले पेश होगी। इसके बाद हिंदू पक्ष अपने दावे पेश करेगा। जिला न्यायाधीश डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश तय करेंगे कि केस सुनवाई योग्य है या नहीं। इसके पहले चार जुलाई को शृंगार गौरी मंदिर में नियमित पूजा-अर्चना की अनुमति देने की मांग करने वाली अर्जी पर जिला जज ने सुनवाई की थी।

इस मामले में अदालत ने मुस्लिम पक्षकारों की दलीलों को सुना। मुस्लिम पक्ष की ओर से अधिवक्ता अभय नाथ यादव ने जिला न्यायालय में 51 में से 47 दलीलें पेश की हैं। अधिवक्ता को पांच और दलीलें पेश करनी हैं और उम्मीद जताई जा रही है कि 12 जुलाई मंगलवार को शेष दलीलें पूरी हो जाएंगी।(हि.स.)

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