मन की बात में कला, कारीगर, पूर्वोत्तर के लिए तैयार किया बाजार: धनखड़

नयी दिल्ली : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ को नए भारत की नींव करार देते हुए कहा है कि इससे स्थानीय कलाओं, कारीगरों, पूर्वोत्तर तथा अन्य राज्यों की लोकप्रिय संस्कृति के लिए एक बाजार तैयार हुआ है।श्री धनखड़ ने बुधवार को यहां ‘मन की बात’ कार्यक्रम की 100वें संस्करण के उपलक्ष में आयोजित एक कार्यक्रम ‘मन की बात एट 100’ को संबोधित करते हुए कहा कि ‘मन की बात’ के माध्यम से प्रधानमंत्री के संबोधन राष्ट्र के लिए सकारात्मकता का प्रतीक हैं।

उन्होंने कहा कि ‘मन की बात’ कार्यक्रम की 100वीं कड़ी पूरी होने के साथ ही यह ‘इंडिया एट 100’ की नींव बन जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत वर्ष 2047 में जब अपना शताब्दी समारोह मनाएगा तो दुनिया में शीर्ष पर होगा।श्री धनखड़ ने कहा कि ‘मन की बात’ देश के कोने-कोने तक पहुंची और पहुंच और लोकप्रियता में अद्वितीय है। उन्होंने स्थानीय कला और कारीगरों को पहचान और ब्रांड वैल्यू देने और उनके लिए बाजार स्थान बनाने के लिए कार्यक्रम को भी श्रेय दिया।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि ‘मन की बात’ ने स्वच्छ भारत, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसी सरकार की प्रमुख पहलों को एक बड़ी प्रेरणा दी और उन्हें जन आंदोलनों में बदल दिया। उन्होंने कहा कि ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री का संबोधन कोविड महामारी के दौरान राष्ट्र के लिए ‘सकारात्मकता का प्रतीक’ था। ‘मन की बात’ का सौवां संस्करण 30 अप्रैल को प्रसारित होगा।श्री धनखड़ ने कार्यक्रम के 100वें संस्करण को एक ऐतिहासिक मील का पत्थर बताते हुए कार्यक्रम की सराहना की और कहा कि कार्यक्रम में पूर्वोत्तर की संस्कृति और त्योहारों को लोकप्रिय बनाने और मुख्यधारा में लाने के लिए एक प्रभावी मंच के रूप में कार्य किया है।

उन्होंने कहा, “मन की बात, वास्तव में, हमारी सभ्यतागत लोकाचार की भावना का प्रतिबिंब है।”उपराष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि व्यक्ति को ‘हमेशा राष्ट्र को पहले रखना चाहिए’। उन्होंने कहा कि भारत की विकास गाथा ‘नारी शक्ति’ से भी रेखांकित होती है, जिसका उदाहरण एक आदिवासी महिला को भारत के राष्ट्रपति के रूप में चुना जाना है। उन्होंने विभिन्न कल्याणकारी पहलों जैसे प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण, पीएम उज्ज्वला योजना, पीएम किसान सम्मान निधि और अन्य को देश में सामाजिक-आर्थिक स्थिति में परिवर्तन के संकेत का रुप बताया।

आयोजन के दौरान, श्री धनखड़ ने कॉफी टेबल बुक ‘माई डियर फेलो सिटिजन्स…’ का विमोचन किया।उन्होंने प्रसार भारती के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी शशि शेखर वेम्पति की पुस्तक ‘कलेक्टिव स्पिरिट, कंक्रीट एक्शन’ का भी विमोचन किया, जो राष्ट्र पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम के प्रभाव का वर्णन करती है।उद्घाटन के अवसर पर सूचना और प्रसारण तथा युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्रा, प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौरव द्विवेदी भी उपस्थित रहे।

इनके अलावाभारतीय पुलिस सेवा की पूर्व अधिकारी और राजनेता किरण बेदी, अभिनेता आमिर खान, अभिनेत्री रवीना टंडन, श्री रिकी केज,‌ खिलाड़ी निकहत ज़रीन जैसी प्रतिष्ठित हस्तियां भी उपस्थित थी। देश के विभिन्न हिस्सों से लगभग उन 100 सम्मानित नागरिक ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया जिनका उल्लेख प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ के विभिन्न संस्करणों में किया है।(वार्ता)

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