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45 घण्टे में साढ़े पांच लाख श्रद्धालुओं ने विश्वनाथ धाम में माँ अन्नपूर्णा के किये दर्शन

काशी विश्वनाथ धाम में पिछले साल सीएम योगी आदित्यनाथ के हाथों स्थापित माँ अन्नपूर्णा की मूर्ति ने पहली बार खजाना किया वितरित

  • धनतेरस पर कनाडा से आयी माँ अन्नपूर्णा की प्रतिमा के दर्शन को उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयास के बाद कनाडा से भारत लौटी थी मूर्ति

वाराणसी । काशी से गायब हुई माँ अन्नपूर्णा की मूर्ति, जब कनाडा से 108 साल बाद पिछले वर्ष काशी वापस आई तो इस वर्ष पहले धनतेरस के मौके पर मां अन्नपूर्णा के दर्शन के लिए भक्तों का ताँता लग गया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों श्री काशी विश्वनाथ धाम में स्थापित माँ अन्नपूर्णा के विग्रह का धनतेरस पर पहली बार दर्शन के लिए महज 4 दिनों में 5 लाख 50 हज़ार से ज्यादा श्रद्धालु शीश नवाने पहुंचे और माता का खजाना पाकर धन्य हुए। श्री काशी विश्वनाथ धाम के उद्घाटन के बाद पहली बार बाबा के दरबार में माँ का खजाना वितरित हुआ है।

श्री काशी विश्वनाथ धाम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा ने बताया कि विश्वनाथ धाम के उद्धघाटन के बाद पहली बार धनतेरस से 4 दिनों तक माँ अन्नपूर्णा के दर्शन की व्यवस्थ की गई थी। जिसमे 23 अक्टूबर से लेकर 26 अक्टूबर तक लगभग 45 घंटो (सूर्य ग्रहण में मंदिर का कपाट लगभग 7 घंटे दर्शन बंद रहा है। दैनिक आरतियो के समय में भी दर्शन बंद रहा) में करीब साढ़े पांच लाख भक्तों ने दर्शन किया और सभी को माँ के खोजने के रूप में सिक्के और लावा वितरित किया गया। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं की संख्या के अनुमान से सुगम दर्शन व उनकी सुविधा के लिए पूरी व्यवस्थ की गई थी। श्रद्धालुओ ने भी माँ के दरबार में जमकर दान किया व चढ़ावा चढ़ाया।

वाराणसी से करीब एक सदी पहले मूर्ति के ग़ायब होने के बाद माँ अन्नपूर्णा की मूर्ति कनाडा के यूनिवर्सिटी ऑफ रेजिना के मैकेंजी आर्ट गैलरी में देखी गई थी। प्रधानमंत्री के प्रयास के बाद कनाडा सरकार ने इस मूर्ति को भारत को लौटाया था। 11 नवंबर 2021 को मूर्ति दिल्ली से सुसज्जित वाहन से जुलूस के रूप चली थी। 15 नवंबर 21 को वाराणसी पहुंचने पर माँ अन्नपूर्णा के आँचल में बसने वाली काशी का कण-कण अपनी माँ का स्वागत किया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद माँ अन्नपूर्णा की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा किये थे।

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