राज्यों के वित्तीय अनुशासन को सुनिश्चित करने में सीएजी की महती भूमिका : बिरला
नयी दिल्ली : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार को कहा कि सीएजी दुनिया के सबसे प्रभावी और प्रतिष्ठित ऑडिट संस्थानों में से एक है तथा राज्यों के वित्तीय अनुशासन को सुनिश्चित करने में इनकी महती भूमिका है।श्री बिरला ने आज यहां लेखापरीक्षा दिवस और लेखापरीक्षक सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सदन और संसदीय समितियों के भीतर सीएजी की रिपोर्ट पर चर्चा और सकारात्मक सुझाव देश के लोकतंत्र को मजबूत करता हैं। वहीं सीएजी की रिपोर्ट पर सदन में पार्टी लाइन से परे जाकर चर्चा की जाती है और राष्ट्र के हित में निर्णय लिए जाते हैं।
सीएजी की भूमिका का उल्लेख करते हुए श्री बिरला ने कहा कि इस संस्थान को संविधान ने व्यापक और सक्रिय भूमिका प्रदान की है और सुनिश्चित किया है कि उनकी निष्ठा केवल संविधान और राष्ट्र के प्रति हो। उन्होंने कहा कि सीएजी सभी हितधारकों को आश्वस्त करती है कि सरकारी निधियों का उपयोग दक्षतापूर्वक और नियत प्रयोजन हेतु ही किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन की बदौलत सीएजी विश्व की अग्रणी ऑडिट संस्था है और लोक वित्त एवं शासन से संबन्धित स्वतंत्र, विश्वसनीय, संतुलित तथा समयबद्ध रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए उन्हें पूरे विश्व में जाना जाता है।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि बदलते परिप्रेक्ष्य में सीएजी रिपोर्टों का महत्व बढ़ा है तथा देश में लेखापरीक्षा की प्रासंगिकता और बढ़ी है। संसदीय लोकतंत्र में शासन की पारदर्शिता और जवाबदेही को मूलमंत्र बताते हुए उन्होंने कहा कि जनता के धन का प्रभावी इस्तेमाल संसद और शासन दोनों का ध्येय हैदेश की तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के सन्दर्भ में श्री बिरला ने कहा कि डिजिटल ईकोनामी के दौर में सशक्त डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल वित्तीय रिकार्ड के परिप्रेक्ष्य में सीएजी की भूमिका और भी चुनौतीपूर्ण है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए कौशल और प्रशिक्षण के साथ साथ नवीनतम तकनीक में पारंगत होना आवशयक है।इस अवसर पर भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक गिरीश चंद्र मुर्मू ने स्वागत भाषण दिया।(वार्ता)