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तत्काल कीव शहर छोड़ दें भारतीय छात्र : दूतावास,रूस ने कीव पर फिर से हमला शुरू किया: यूक्रेनी सेना

कीव/नई दिल्ली । रूस-यूक्रेन के संकट के बीच आज यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास ने एक बार फिर से एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी में कहा गया है कि सभी भारतीय छात्र तत्काल प्रभाव से कीव शहर को छोड़ दें। बाहर जाने के लिए रेल, बस या अन्य साधन का उपयोग कर सकते हैं। सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि रूसी सेना 24 घंटे के भीतर कीव शहर पर ताबड़तोड़ हमले को अंजाम दे सकती है, इसलिए एहतियातन भारतीय नागरिकों एवं छात्रों को शहर छोड़ने के लिए कहा जा रहा है।

वायुसेना भी करेगी भारतीय नागरिकों को एयरलिफ्ट

रूस-यूक्रेन की वर्तमान स्थिति की बात करें तो दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच चुका है। इन सब के बीच अन्य देशों के नागरिकों के लिए भी खतरा बढ़ गया है। इस बढ़ते खतरे को देखते हुए भारतीय वायुसेना ने भी कमर कस ली है। ताजा जानकारी के मुताबिक भारतीय नागरिकों को एयरलिफ्ट कराने के लिए एयरफोर्स के कई C-17 विमानों की सहायता ली जाएगी। सूत्रों के अनुसार ऑपरेशन गंगा के तहत भारतीय नागरिकों के निकासी अभियान को और तेज करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी खुद भारतीय वायु सेना को इस ऑपरेशन से जुड़ने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि वायु सेना के हवाई जहाज़ों के जुड़ने से भारतीयों के लौटने की प्रक्रिया गति पकड़ेगी, और उनकी संख्या में भी वृद्धि होगी। साथ ही साथ, भारत से भेजी जा रही राहत सामग्री भी और तेजी से पहुंचेगी। बताया जा रहा है कि भारतीय वायु सेना के कई C-17 विमान आज से ही ऑपरेशन गंगा के तहत उड़ान भर सकते हैं।

रूस ने कीव पर फिर से हमला शुरू किया: यूक्रेनी सेना

कीव : यूक्रेन की सेना ने मंगलवार को कहा कि रूसी सैनिकों ने राजधानी कीव पर फिर से हमला शुरू कर दिया है।यूक्रेन के सशस्त्र बलों के एक अधिकारी ने सोशल मीडिया पर कहा,”कीव के आसपास की स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।”

रूस ने यूक्रेन के सैन्य बेस को बनाया निशाना, 70 से ज्यादा सैनिकों की मौत

कीव । रूसी सैन्य काफिला कीव की तरफ लगातार बढ़ रहा है और यूक्रेन के कई महत्वपूर्ण ठिकानों पर रूसी सैनिक भीषण गोलीबारी कर रहे हैं। रूस ने यूक्रेन के ओख्तिरका शहर पर जोरदार हमला करते हुये सैन्य बेस को निशाना बनाया है, जिसमें 70 से ज्यादा यूक्रेनी सैनिकों के मारे जाने की खबर है। यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध का यह छठवां दिन है।यूक्रेन पर रूस के हमले की शुरुआत के बाद सोमवार को दोनों देशों के बीच हुई बातचीत से शांति की उम्मीद बंधी थी। लेकिन, मंगलवार को उसका कोई सार्थक परिणाम दिखाई नहीं दिया। रूस ने यूक्रेन पर हमले अधिक तेज कर दिये हैं। कीव में प्रवेश करने में सफल न हो सकी रूसी सेना आसपास के शहरों को निशाना बना रही है।

रूसी सेना ने इस बार खारकीव और कीव के बीच स्थित ओख्तिरका शहर में स्थित यूक्रेन के सैन्य अड्डे पर भीषण हमला कर दिया। वह हमला इतना जोरदार था कि यूक्रेनी सेना को संभलने का कोई अवसर नहीं मिला। हमले में 70 से अधिक यूक्रेनी सैनिकों के मारे जाने की जानकारी सामने आ रही है। इस बीच रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव पर कब्जे को अपना लक्ष्य बना लिया है। इसके लिए एक बड़ी सेना यूक्रेन की ओर प्रस्थान कर चुकी है। मैक्सार टेक्नोलॉजी की तरफ से जारी की गई सैटेलाइट तस्वीरों से इसकी पुष्टि हो रही है कि रूस की बड़ी सेना कीव की ओर लगातार बढ़ रही है। इन तस्वीरों में खुलासा हुआ है कि रूसी सेना का काफिला अब 64 किमी लंबा हो गया है।

कीव की तरफ बढ़ रहा रुसी सेना का विशाल काफिला, जारी हुई तस्वीर

वाशिंगटन/कीव/नई दिल्ली। यूक्रेन के साथ बातचीत बेनतीजा रहने के बाद रूस ने संभवत: कीव पर बड़ा धावा बोलने की तैयारी कर ली है। रूसी सेना का विशाल काफिला यूक्रेन की राजधानी कीव की ओर बढ़ रहा है। अमेरिकी कंपनी मैक्सर टेक्नालॉजी ने उपग्रह तस्वीरों के जरिए यह खुलासा किया है। यह काफिला 64 किलोमीटर लंबा बताया गया है। कीव पहले ही कई रूसी हमलों को विफल कर चुका है। इसे देखते हुए लग रहा है कि रूस ने अब इस पर कब्जे की निर्णायक तैयारी कर ली है। यह काफिला उत्तरी कीव की ओर जा रहा है।

रूसी सेना का काफिला एंटोनोव एयरपोर्ट के पास और राजधानी कीव से चंद किलोमीटर दूर रह गया है। यह लगातार आगे बढ़ रहा है, इसलिए इसके जल्द कीव पहुंचने का अनुमान है। कुछ सैन्य वाहनों में सैनिक तो कुछ में हथियार व गोलाबारूद हैं। उपग्रह की तस्वीरों में इवांकीव के उत्तर और उत्तर-पश्चिम में कई घरों और इमारतों को जलते देखा गया है। इन्हीं इलाकों की सड़कों से यह काफिला गुजर रहा है।

काफिले में सेना के ट्रक, बख्तरबंद वाहन, टैंक व सैनिक शामिल हैं। एक दिन पहले रूसी सेना ने आम नागरिकों से कीव छोड़ने को भी कहा था। रूस-यूक्रेन के बीच छह दिनों से जंग जारी है। रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की का कहना है कि रूस ने यूक्रेन में 56 रॉकेट और 113 क्रूज मिसाइलें दागी हैं। रूसी मिसाइलों, प्लेन और हेलीकॉप्टर के लिए नो फ्लाई जोन पर विचार करने का वक्त आ गया है।रूस व यूक्रेन के बीच सोमवार को पहली बार सीधी बातचीत भी हुई, लेकिन वह बेनतीजा रही। रूस जहां यूक्रेन को हथियार डालने पर अडिग है वहीं, यूक्रेन रूसी फौज की वापसी पर। रूस के राष्ट्रपति पुतिन द्वारा अपनी परमाणु फौजों को तैयार रहने के निर्देश से भी चिंता बढ़ गई है।

करे कोई भरे कोई : अरबपतियों ने चुकाई पुतिन की जिद की कीमत, इतने का हुआ नुकसान

मॉस्को/ नई दिल्ली । रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की जिद देश के अबरपतियों पर भारी पड़ती जा रही है। गुरुवार को पुतिन ने यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई करने का आदेश दिया और देश के अमीरों के बुरे दिन शुरू हो गए। दोनों देशों के बीच युद्ध के चार दिन बीत चुके हैं और इस दौरान रूसी अरबपतियों को 126 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ा है।यूक्रेन पर हमले के एलान के साथ ही गुरुवार को शेयर बाजार के लिए ब्लैक मंडे के बाद सबसे बुरा दिन रहा और देश का शेयर बाजार भरभराकर गिर गया। इस गिरावट की वजह से एक दिन में ही रूसी अरबपतियों की संपत्ति में बड़ी गिरावट आई। युद्ध का असर सिर्फ शेयर बाजार पर ही नहीं पड़ा, बल्कि इसके असर से रूसी करेंसी रूबल का भी बुरा हाल हो गया और इसने अपने सर्वकालिक निचले स्तर का छू लिया। सोमवार को भी रूबल में बड़ी गिरावट आई और यह डॉलर के मुकाबले 30 फीसदी से ज्यादा कमजोर हो गया। एक ओर जहां युद्ध रूस के सबसे अमीरों को कंगाल बनाता जा रहा है, वहीं दूसरी ओर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रविवार को क्रेमलिन में एक बैठक के दौरान देश के शीर्ष व्यापारिक नेताओं से कहा कि जो हो रहा है वह बेहद जरूरी है।

बैठक में शीर्ष 13 अमीर हुए शामिल

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा बुलाई गई इस बैठक में देश के कम से कम 13 शीर्ष अरबपति मौजूद थे। पुतिन ने उनसे कहा कि हमारे पास अन्यथा करने का कोई मौका नहीं बचा था। इस संबंध में सामने आई रिपोर्ट के मुताबिक, बैठक के दौरान पुतिन ने अरबपतियों से अपने ही अंदाज में बात की और किसी भी अरबपति ने उनकी बात पर कोई टिप्पणी करने की हिमाकत नहीं की। भले ही उन्हें रूस-यूक्रेन के बीच जारी इस युद्ध के चलते बड़ा नुकसान क्यों न उठाना पड़ा हो।

116 अरबपतियों की दौलत कम हुई

एक रिपोर्ट के अनुसार, बीत 16 फरवरी के बाद से रूस और यूक्रेन संकट के कारण देश के 116 अरबपतियों को 126 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हो चुका है। अगर ये युद्ध और आगे खिंचता है तो इनकी दौलत में और भी गिरावट आएगी। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि गुरुवार को यूक्रेन पर आक्रमण शुरू होने के बाद रूस का मोएक्स इंडेक्स 33 फीसदी तक टूटकर बंद हुआ था और रूबल अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर पर गिरने के बाद बंद हुआ था। सिर्फ, गुरुवार को ही अरबपतियों को अनुमानित 71 अरब डॉलर का भारी नुकसान उठाना पड़ा था। गुरुवार को रूस के पांच सबसे अमीर अलेपेरोव, मिखेलसन, मोर्दशोव, पोटानिन और केरीमोव को सबसे ज्यादा घाटा हुआ।

दूसरे देशों के प्रतिबंधों का असर

गौरतलब है कि रूस की ओर से युक्रेन पर किए गए हमले के बाद दूसरे देशों ने रूस के खिलाफ प्रतिबंधों का एलान कर दिया। अमेरिका और ब्रिटेन समेत अन्य बड़े देशों की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों के कारण भी निवेशकों की धारणाओं पर असर पड़ा, जिसका सीधा असर बाजार में गिरावट के रूप में सामने आया। रिपोर्ट में कहा गया है कि यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद ब्रिटेन ने रूस के बैंकों की संपत्ति फ्रीज करने और रूसी नागरिकों पर यूके के बैंक खाते में 50,000 पाउंड से अधिक रखने पर प्रतिबंध लगाने की भी घोषणा कर दी थी। ब्रिटिश प्रतिबंधों के कारण प्रीमियर लीग सॉकर टीम चेल्सी एफसी के मालिक रूसी अरबपति रोमन अब्रामोविच की संपत्ति को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है।

बाजार के इतिहास की पांचवी बड़ी गिरावट

24 घंटे के भीतर हुए इस बड़े नुकसान ने देश के सबसे अमीर लोगों को हिला कर रख दिया। इसके साथ ही उनमें इस बात का डर भी बैठ गया कि यह युद्ध ज्यादा दिनों तक चला तो उन्हें और भी घाटा सहन करना पड़ सकता है। बता दें कि हमले के दौरान गुरुवार को रूसी शेयर बाजार में आई गिरावट स्टॉक मार्केट के इतिहास की पांचवी सबसे बड़ी गिरावट थी। रूस का बेंचमार्क मोएक्स इंडेक्स 33 फीसदी तक टूटकर बंद हुआ था।

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे ज्यादा प्रभावित

शेयर बाजार के बुरी तरह टूटने के साथ ही रूसी करेंसी रूबल ने भी अपना सर्वकालिक निचला स्तर पाया था। गौरतलब है कि शेयर बाजार के इतिहास में यह गिरावट साल 1987 के ब्लैक मंडे दुर्घटना के बाद सबसे बड़ी रही। ब्लैक मंडे को निवेशकों को 50 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान हुआ था। इस रिपोर्ट में कहा गया कि रूस के शेयर बाजार में आई ये बड़ी गिरावट देश का स्टॉक इंडेक्स इतिहास के सबसे बुरे दिनों में से एक है। वहीं द्वितीय विश्व युद्ध के बाद इस समय यूरोप में चल रहे सबसे खराब दौर की वजह से शेयर बाजार बेहद बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। यूक्रेन के साथ विवाद के चलते रूस को अमेरिका सहित कई बड़े देशों के आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है। इस वजह से रूस के अरबपतियों को काफी तगड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है। इसका सीधे तौर पर असर दिखाई देने लगा है।

इन रूसी अरबपतियों को लगा तगड़ा झटका

रिपोर्ट के मुताबिक, लुकोइल के अध्यक्ष वागिट अलेपेरोव को एक दिन में सबसे अधिक घाटा हुआ है सिर्फ बीते शनिवार को उनकी नेटवर्थ में एक दिन में लगभग एक तिहाई की गिरावट आई। जो लगभग 6.2 अरब डॉलर घट गई। मॉस्को स्थित तेल उत्पादक के शेयर गुरुवार को लगभग 33 फीसदी तक गिर गए थे। इसके बाद स्टीलमेकर सेवरस्टल के चेयरमैन एलेक्सी मोर्दशोव को गुरुवार को 4.2 अरब डॉलर का नुकसान हुआ, जिससे उनकी संपत्ति 23 अरब डॉलर रह गई। इसके बाद नोरिल्स्क निकेल के अध्यक्ष और वर्तमान में रूस के सबसे बड़े रईस व्लादिमिर पोतानिन को 3 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। (वीएनएस)

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में यूक्रेन पर आपात चर्चा को 29 देशों का समर्थन

न्यूयार्क । यूक्रेन पर रूसी हमले को लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ एवं उससे जुड़े अन्य संगठन लगातार सक्रिय हैं। सभी संगठन प्रकारांतर से रूस पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इसी क्रम में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने यूक्रेन में मानवाधिकारों के हनन पर चिंता जाहिर करते हुये इस मसले पर आपात चर्चा का प्रस्ताव किया था। 47 देशों वाली संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में 29 देशों ने चर्चा का समर्थन किया। जबकि चीन और रूस सहित पांच देश खुलकर विरोध में आए। वहीं भारत सहित 13 देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के सत्र के दौरान यूक्रेन में संकट का बड़ा मुद्दा छाया रहा। संयुक्त राष्ट्र संघ के मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट ने यूक्रेन में सैन्य हमलों के दौरान हताहत होने वाले आम नागरिकों की बढ़ती संख्या पर गंभीर चिंता जतायी और कहा कि अनगिनत जिन्दगियों के लिये जोखिम पैदा हो रहा है। यूक्रेन ने रूस के विशेष सैन्य अभियान के मुद्दे पर तत्काल चर्चा की मांग की। इसके बाद 47 सदस्य देशों से इस मांग पर मतदान के लिये कहा गया। इसके पक्ष में 29 देशों ने मतदान किया। वहीं पांच मत विरोध में पड़े। 13 देश मतदान से अनुपस्थित रहे। अब गुरुवार को तीन बजे चर्चा कराने का फैसला हुआ है। इस मतदान में अनुपस्थित रहने वालों में भारत भी शामिल है। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 26 फरवरी को यूक्रेन पर रूसी हमले को रोकने और सेना को वापस बुलाने के प्रस्ताव पर मतदान से भी भारत अनुपस्थित था।

छह लाख लोगों ने छोड़ा यूक्रेन, पड़ोसी देशों पर लगातार बढ़ रहा बोझ

जेनेवा। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद पिछले छह दिनों में छह लाख से अधिक लोग यूक्रेन छोड़ चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ के मुताबिक यूक्रेन छोड़ने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे पड़ोसी देशों पर बोझ तेजी से बढ़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ के मानवीय राहत मामलों में संयोजन और आपात सहायता मामलों के प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों को जानकारी देते हुये आगाह किया कि हताहत आम नागरिकों की संख्या और बुनियादी ढांचे को पहुंची क्षति बेहद चिंताजनक है। आगे उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में शरणार्थी यूक्रेन से अन्य यूरोपीय देशों का रुख कर रहे हैं और उनके मेजबान देशों पर बोझ बढ़ने की सम्भावना है। हिंसा से सर्वाधिक प्रभावित इलाकों में मानवीय जरूरतें तेजी से बढ़ी हैं। आम नागरिकों की मौत हुई है और बड़ी संख्या में लोग घायल हुये हैं, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।

मार्टिन ग्रिफिथ्स के मुताबिक कम से कम एक लाख 60 हजार लोग घरेलू विस्थापन का शिकार हुए हैं। हवाई हमलों और लड़ाई से शहरी इलाकों में नागरिक प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचा है और स्वास्थ्य, बिजली, जल व साफ-सफाई जैसी बुनियादी सेवाओं में व्यवधान आया है। जबकि कई इलाकों में पुल और सड़कें ध्वस्त हो गई हैं, जिससे स्थानीय लोगों के लिये अति-आवश्यक सामग्री एवं सेवाओं की सुलभता पर असर पड़ा है। राजधानी कीव और खारकीव जैसे शहरों में यह विशेष रूप से चिंताजनक है।

शरणार्थी मामलों के लिये संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूएनएचसीआर के प्रमुख फिलिपो ग्रैण्डी ने सुरक्षा परिषद को बताया कि यूक्रेन में गम्भीर हालात की वजह से लाखों लोग पड़ोसी देशों में शरण लेने की कोशिश कर रहे हैं। रूसी सैन्य अभियान के बाद से अब तक छह लाख लोग यूक्रेन से पड़ोसी देशों में पहुंच चुके हैं। यह आंकड़ा तेजी से हर घंटे बढ़ रहा है। आगे जानकारी दी गई है कि दो लाख 80 हजार से अधिक लोगों ने पोलैंड में शरण ली है, जबकि 94 हजार लोग हंगरी पहुंचे हैं। 40 हजार लोग माल्दोवा, 34 हजार रोमानिया और 30 हजार लोग स्लोवाकिया पहुंचे हैं। इसके अलावा हजारों लोग अन्य यूरोपीय देशों में शरण के लिए पहुंच चुके हैं। बताया गया कि कुछ लोग रूसी महासंघ भी पहुंचे हैं।

रूस के साथ बैठक में यूक्रेन ने देश छोड़ने को कहा, संयुक्त राष्ट्र ने मांगा युद्धविराम

कीव । यूक्रेन पर रूस के हमले के पांचवें दिन बेलारूस में रूस और यूक्रेन के बीच साढ़े तीन घंटे तक बैठक हुई। बैठक में यूक्रेन ने रूसी सैन्य बलों से तुरंत यूक्रेन छोड़ने को कहा। उधर, संयुक्त राष्ट्र महासभा की आपात बैठक में तत्काल युद्ध विराम की मांग की गयी। दोनों ओर सैकड़ों जान ले चुका युद्ध सोमवार को वार्ता की मेज तक पहुंचा। पड़ोसी देश बेलारूस में हुई यह बैठक साढ़े तीन घंटे तक चली। यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडल में रक्षा मंत्री अलेक्सी रेजनिकोव, सत्ताधारी सर्वेंट ऑफ द पीपल गुट के प्रमुख डेविड अरखामिया और उप विदेश मंत्री निकोले टोचिट्स्की बैठक में शामिल हुए। वहीं रूस के प्रतिनिधिमंडल में मिन्स्क में मॉस्को के राजदूत, रूस के उप रक्षा मंत्री, एक वरिष्ठ सांसद और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सहयोगी व्लादिमीर मेडिंस्की शामिल रहे।

करीब साढ़े तीन घंटे तक चली इस बैठक में यूक्रेन ने तुरंत युद्धविराम की मांग की। साथ ही कहा कि रूस तुरंत सभी सैन्य बलों को यूक्रेन छोड़ने को कहे, जिसमें क्रीमिया और डोनबास भी शामिल हैं। वहीं बेलारूस की तरफ से इस बैठक के बाद कहा गया कि राष्ट्रपति लुकाशेंको सिंसरेली को उम्मीद है कि आज हुई बातचीत से इस नाजुक मामले को लेकर कोई हल निकल पाएगा। बेलारूस के सभी लोग इसके लिए प्रार्थना कर रहे हैं। हालांकि बैठक में रूस का क्या रुख रहा, ये अब तक साफ नहीं हो पाया है लेकिन सभी उम्मीद जता रहे हैं कि इस बैठक का असर यूक्रेन में चल रही जंग पर जरूर दिखेगा।

संयुक्त राष्ट्र संघ भी रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रोकने की कोशिशों में लगा है। इस मसले पर संयुक्त राष्ट्र महासभा का आपात सत्र बुलाया गया। इसमें संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सभी पक्षों से तत्काल युद्ध विराम लागू करने, संयम बरतने और तत्काल वार्ता शुरू करने की मांग की। संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि हिंसा को बढ़ावा देने का मतलब आम नागरिकों की जान लेना है। अब बहुत हो चुका है। सैनिकों को अपनी बैरकों में वापस लौटने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मानवीय सहायता महत्वपूर्ण है लेकिन यह समाधान नहीं है। समस्या का समाधान केवल शांति के जरिए संभव है।

यूक्रेन का दावा- रूस के 5300 सैनिक मारे

यूक्रेन का दावा है कि उसकी सेना ने रूस के 5300 सैनिक मार डाले हैं। यूक्रेनी राष्ट्रपति वेलोदिमिर जेलेंस्की ने रूसी सैनिकों से कहा कि पहले ही पांच हजार से अधिक रूसी सैनिक मारे जा चुके हैं, अब आप लोग यहां क्यों आए हो। हथियार डाल दो और अपने कमांडरों और अफवाह फैलाने वालों पर विश्वास मत करो, बस अपनी जान बचाओ और देश छोड़कर चले जाओ। उन्होंने यूक्रेन की जेलों में बंद उन कैदियों को रिहा करने की घोषणा की है, जिनके पास सैन्य अनुभव है। वे लोग यदि रूस के खिलाफ जंग लड़ना चाहते हैं, तो उन्हें इसका मौका दिया जाएगा। यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने 28 फरवरी तक के आंकड़े जारी कर पांच दिनों में रूस के 5300 सैनिकों के मारे जाने की बात कही है। दावा किया गया है कि यूक्रेन की सेना ने रूस के 29 युद्धक विमान और 29 हेलीकॉप्टर भी मार गिराए हैं। 5 एंटी एयरक्राफ्ट वाहन और 191 टैंक तबाह करने का दावा भी किया गया है। रूसी सेना की 291 कारें, ईंधन के 60 टैंकर, तीन ड्रोन और 816 व्यक्तिगत सैन्य वाहन उड़ाने का दावा भी यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने किया है।

यूक्रेन को कई देशों से मिलेंगे घातक हथियार

यूक्रेन को अमेरिका, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, एस्तोनिया, स्वीडन और फिनलैंड से घातक हथियार मिलेंगे। अमेरिका और जर्मनी हेलीकॉप्टर और मार गिराने वाले स्टिंगर मिसाइल की आपूर्ति करेंगे। अमेरिका ने यूक्रेन को स्टिंगर मिसाइल की सीधी आपूर्ति करने को मंजूरी दे दी है। व्हाइट हाउस से यह मंजूरी स्वीकृत पैकेज के हिस्से में पहली बार दी गयी है। अब यूक्रेन तक यह अमेरिकी हथियार पहुंचाने की व्यवस्था पर काम हो रहा है। जर्मनी पहले ही यूक्रेन को 500 स्टिंगर मिसाइलों रहित अन्य अत्याधुनिक हथियारों की आपूर्ति की घोषणा कर चुका है। उच्च गति वाले ये स्टिंगर बहुत सटीक होते हैं और हेलीकॉप्टर को गिराने के लिए इनका इस्तेमाल किया जाता है। एस्तोनिया भी यूक्रेन को स्टिंगर मुहैया करा रहा है। इसके अलावा, ऑस्ट्रेलिया सरकार ने भी सोमवार को घोषणा की कि वह रूसी हमले के खिलाफ यूक्रेन की मदद करने के लिए घातक सैन्य हथियार मुहैया कराएगा। स्वीडन की प्रधानमंत्री मैग्डालेना एंडरसन और रक्षा मंत्री पीटर हल्टक्विस्ट ने बताया कि यूक्रेन की सेना की मदद के लिए 5,000 टैंक रोधी हथियार, 5,000 हेलमेट और 5,000 रक्षा कवच भेजे जाएंगे। फिनलैंड ने भी दो आपातकालीन चिकित्सा देखभाल केंद्रों के लिए उपकरण, 2,000 हेलमेट, 2,000 बुलेटप्रूफ जैकेट और 100 स्ट्रेचर भेजने का ऐलान किया है।

यूक्रेन में 14 बच्चों सहित 352 आम नागरिकों की मौत

रूसी सेना ने बीती पूरी रात यूक्रेन पर मिसाइलों से हमला किया। राजधानी कीव और प्रमुख शहर खार्किव में धमाकों की दहशत से यूक्रेनी नागरिक बंकरों में कैद होने को विवश हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति के सलाहकार ओलेक्सी एरिस्टोविच ने बताया कि पूरी रात रूस की सेना ने यूक्रेन पर मिसाइलों से हमले किये हैं। उन्होंने बताया कि कीव, जाइटोमिर, जापोरिझिया और चेर्निहिव में हवाई हमले हुए। कई अन्य इलाकों से भी हवाई हमलों के सायरन बजने की सूचनाएं आ रही हैं। यूक्रेन की स्टेट सर्विस ऑफ स्पेशल कम्युनिकेशंस एंड इंफॉर्मेशन प्रोटेक्शन ने बताया कि सोमवार सुबह यूक्रेन की राजधानी कीव और प्रमुख शहर खार्किव में धमाकों की आवाज सुनी गई। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के पहले चार दिनों में यूक्रेन के 352 आम नागरिकों की मौत हो चुकी है। इस लड़ाई में 14 बच्चों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। यूक्रेन के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार रविवार रात 11 बजे तक 1,684 लोग इस लड़ाई के दौरान जख्मी हो चुके थे। जख्मी होने वालों में बच्चों की संख्या 116 है।न्यूज़ सोर्स वार्ता, हि.स.,वीएनएस

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