शिक्षाविदों के नेतृत्व क्षमता का विकास कराएगा आईआईटी(बीएचयू)

वाराणसी। मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (काशी हिन्दू विश्वविद्यालय) को लगातार दूसरे वर्ष भी ’शिक्षाविदों की नेतृत्व क्षमता का विकास’ के कार्यक्रम के आयोजन का दायित्व सौंपा गया है। इसी क्रम में रविवार को संस्थान के केमिकल इंजीनियरिंग विभाग स्थित सभागार में 8 दिसंबर से 21 दिसंबर तक के प्रथम चरण में चलने वाले ’’लीडरशिप फाॅर एकेडमीशियन प्रोग्राम’’ का शुभारंभ किया गया। मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार के पंडित मदन मोहन मालवीय नेशनल मिशन आॅन टीचर्स एंड टीचिंग स्कीम के तहत आयोजित इस कार्यक्रम को जज बिजनेस स्कूल, कैंब्रिज यूनिवर्सटी, यूके से भी सहयोग प्राप्त है। द्वितीय चरण में यह आयोजन जज बिजनेस स्कूल, कैंब्रिज यूनिवर्सटी, यूके में अगले वर्ष दिनांक 20 से 26 जनवरी के मध्य आयोजित किया जाएगा।
इस अवसर पर उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता करते हुए संस्थान के निदेशक प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन ने कहा कि इस कार्यक्रम का लक्ष्य भारत के उच्च शिक्षाविदों में नेतृत्व क्षमता को विकसित करना है, ताकि वे भारत में उच्चशिक्षा के उन्नयन, सम्मान, उपलब्धता और उसके गुणवत्ता के लक्ष्यों की प्राप्ति में योगदान दे सकें।
कार्यक्रम के समन्वयक एवं अधिष्ठाता प्रोफेसर राजीव प्रकाश ने बताया कि यह कार्यक्रम अकादमिक नेतृत्व के पदों के साथ उत्पन्न होने वाले विभिन्न मुद्दों को नेविगेट करने के लिए आवश्यक उपकरण और कौशल प्रदान करने के लिए बनाया गया है। दो सप्ताह के कार्यक्रम में अतिथियों को काशी भ्रमण भी कराया जाएगा।
उद्घाटन कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि महिंद्रा एयरोस्पेस, स्टील एवं डिफेंस सेक्टर के ग्रुप प्रेसीडेंट व सीईओ श्री श्रीप्रकाश शुक्ला रहे। श्री शुक्ला आईआईटी बीएचयू के 1979 बैच के पुराछात्र हैं। उन्होंने लीप कार्यक्रम को रिसर्च आउटपुट के लिए बेहद उपयोगी बताया। वहीं बतौर मुख्य अतिथि चीफ डाटा साइंटिस्ट डाॅ सत्यम प्रियदर्शी रहे। उन्होंने देश में डाटा साइंटिस्ट की संख्या बढ़ाने पर बल दिया।
कार्यक्रम का संचालन लीप के सह समन्वयक प्रोफेसर प्रदीप कुमार मिश्रा ने किया। उन्होंने बताया कि इस वर्ष लीप कार्यक्रम में 28 शिक्षाविदों ने हिस्सा लिया है। इस आयोजन में आईआईटी रूड़की, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, जामिया हमदर्द डीम्ड विश्वविद्यालय, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, अन्ना विश्वविद्यालय, चेन्नई आदि स्थिानों से शिक्षाविद शामिल हुुए। कार्यक्रम का शुभारंभ में मालवीय जी की प्रतिमा पर माल्यापर्ण और बीएचयू कुलगीत से हुआ।

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