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हो खता तो सजा दीजिए, वरना अब तो मुस्कुरा दीजिए

कवि सम्मेलन एवं मुशायरे में झूमे श्रोता, रात भर लगते रहे ठहाके , क़ौमी एकता के तत्वावधान में आयोजित 36वाँ अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवं मुशायरा सम्पन्न

दुद्धी,सोनभद्र- स्थानीय तहसील प्रांगण में कौमी एकता के तत्वावधान में 36 वां अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का आयोजन किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद रामशकल एवं सदर विधायक भूपेश चौबे, दुद्धी विधायक हरिराम चेरो ने संयुक्त रूप से माँ सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि ने कहा कि दुद्धी में कवि सम्मेलन एवं मुशायरे के आयोजन के लिए कमेटी का सार्थक पहल है।दुद्धी से हमारा गहरा लगाव रहा है।दुद्धी जैसे जगह में कौमी एकता का मंच राष्ट्रीय एकता का संदेश देता है। सदर विधायक भूपेश चौबे एवं दुद्धी विधायक हरिराम चेरो ने भी कमेटी की पहल की सराहना की और कहा कि सोनभद्र के दुद्धी में आए हुए सभी मंचासीन कवियों का स्वागत करते हैं।इसके बाद क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले आधा दर्जन लोगो का प्रशस्ति पत्र एवं अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया।

कवि सम्मेलन का शुभारंभ कवयित्री डॉ सुमन दुबे ने मां वीणा वाली की वंदना के किया।इसके बाद कवियों ने एक से बढ़कर एक रचना और गीत सुनाकर समा बांध दिया और जमकर तालियां बटोरी ।गोरखपुर के गीतकार मनमोहन मिश्र ने “ फूलों के रंग क्या हुए बोलो जबाव दो ।मैंने लहू दिया है लहू का हिसाब दो —-” जैसी गीत सुनाकर बाहबाही बटोरी ।

मुम्बई की धरती से पधारे कवि कवि दिनेश बावरा ने नौकरशाही व्यवस्थाओं पर तंज कसते हुए अपनी रचना सुनाकर जमकर तालियां बटोरी। व्यंग्य कसते हुए कहा कि “ जो मजदूर जो किसान ,अपने शहर को गढ़ता है।उसको मृत्यु का प्रमाण पत्र पाने के लिए भी दो चार बार मरना पड़ता है —– ” ।शायर हसन सोनभद्री ने “किसी मछली को पानी से निकालो मेरी चाहत का अंदाजा लगा लो” खिंजा में एक नजर पत्तों पर डालो मेरी हालात का अंदाजा लगा लो”जैसी गीत सुनाई।गढ़वा झारखंड से पधारे कवि राम अवध पुष्कल ने “लिखना बहुत कठिन है पानी से पानी पर पानी लिखना बहुत कठिन है” तथा कवि इमरान बनारसी ने “तेरे वाले कमान वाले हैं हम बड़ी आन बान वाले हैं जिसका सम्मान करते हैं दुनिया हम वह हिंदुस्तान वाले हैं” सुनाई ।

प्रयागराज से पधारे कवि शैलेश गौतम ने “ इंसानियत के हक में ये ऐलान होना चाहिए।कोई भी हो पहले उसे इंसान होना चाहिए —– व्यंग्य रचना पढ़कर जमकर बाहबाही लूटी। कवि अखिलेश द्विवेदी ने ” हम अपना दर्द बांटे या न बांटे पर हंसी बांटे, बुलाकर सारे गम अपने सभी के साथ खुशी बांटे — जैसी कविता पढ़ी। आजमगढ़ से पधारे अहमद आजमी ने जमीं मेरी गगन मेरा ये फूलों का चमन मेरा जैसी गजल सुनाया। पपमंच की एक मात्र कवियत्री डॉ सुमन दुबे ने “ हो खता तो सजा दीजिए।वरना अब मुस्कुरा दीजिए।।यू ही कब तक भटकते फिरें।कुछ तो अपना पता दीजिए — ” जैसी गीत पढ़कर लोगों के दिलों में जगह बना गईं। सोनभद्र जिले के म्योरपुर के युवा कवि यथार्थ विष्णु दयाल ने लॉकडाउन में भी किसानों की भूमिका पर कविता पढ़ी ।उनकी पंक्ति “फक्र मुझे है भारत मां, मैं भी किसान का बेटा हूं” — जैसी रचनाएं कवियों ने प्रस्तुति किया।

मंच का संचालन करते हुए कवि कमलेश राजहंस ने राजनीति पथ भ्रष्ट नही होती,जुल्म फसाद नही होता।इस धरती पर राष्ट्र द्रोह हर गिज आबाद नही होता जैसे रचनाएं पढ़ कर सबको भावुक कर दिया।इसके अलावा प्रमोद पंकज राम लखन जंगली, आलोक मिश्र,संकल्प देवव्रत एवं दुद्धी उप जिलाधिकारी रमेश कुमार ने शानदार कविता पाठ से लोगों को रात भर बांधे रखा। इस अवसर पर कौमी एकता समिति अध्यक्ष रामलोचन तिवारी, रामपाल जौहरी, सत्यनारायण यादव, कोषाध्यक्ष मदन मोहन तिवारी, सचिव शिवशंकर गुप्ता,चेयरमैन राजकुमार अग्रहरि, प्रचार प्रसार मंत्री भीम जायसवाल, प्रधान संघ अध्यक्ष दिनेश यादव, रामेश्वर रॉय, प्रभु सिंह, जगदीश्वर जायसवाल,जुबेर आलम,विष्णु कांत तिवारी,संगीता वर्मा,वन्दना कुशवाहा,ममता मौर्या सहित अन्य लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन शासकीय अधिवक्ता दिनेश अग्रहरि ने किया।

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