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आईबी ने देश में शांति बनाये रखने में अहम योगदान दिया: शाह

नयी दिल्ली : केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि गुप्तचर ब्यूरो (आईबी) ने आज़ादी से अब तक देश में शांति बनाए रखने के लिए बिना किसी यश के गुप्त रहकर कार्य करते हुए बेहद अहम योगदान दिया है और सुरक्षा एजेन्सियों के बलबूते सरकार राष्ट्र की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।श्री शाह ने बुधवार को यहां आई बी के देश भर के अधिकारियों की उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए देश की आंतरिक सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। बैठक में आतंकवाद रोधी अभियानों, कट्टरवाद से खतरे, साइबर सुरक्षा संबंधित मुद्दों, सीमा से जुड़े पहलुओं और राष्ट्र की अखंडता और स्थिरता को सीमा पार से विरोधी तत्वों के खतरों सहित राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर गहन व्यापक विचार विमर्श किया गया।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार सुरक्षा के सभी पहलुओं को मजबूत कर राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कटिबद्ध है और पिछले आठ वर्षों में आंतरिक सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि आज़ादी से अब तक देश में शांति बनाए रखने में बिना किसी यश के गुमनाम तरीके से आईबी ने बेहद अहम योगदान दिया है। उन्होंने कहा,“हमारी लड़ाई आतंकवाद के साथ-साथ इसके सपोर्ट सिस्टम के साथ भी है, जब तक हम इन दोनों के खिलाफ सख्ती से नहीं लड़ते तब तक आतंकवाद पर जीत हासिल नहीं हो सकती।”केन्द्रीय गृह मंत्री ने राज्यों की आतंकवाद-रोधी और मादक पदार्थ रोधी ऐजेंसियों के बीच संपर्क बढ़ाने तथा सूचना साझा करने की प्रक्रिया को और सुदृढ़ बनाने की ज़रूरत पर भी बल दिया।

उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद पर काबू पाने के लिए उसके वित्तीय और ‘लॉजिस्टिकल सपोर्ट सिस्टम’ को खत्म करने की ज़रूरत है।गृह मंत्री ने कहा कि देश की तटीय सुरक्षा को भी अभेद्य बनाना होगा और इसके लिए सबसे छोटे और सबसे अलग थलग पड़े बंदरगाह पर भी पैनी नजर होनी चाहिए। उन्होंने कहा,“ नारकोटिक्स न सिर्फ देश की युवा पीढ़ी को बर्बाद करता है बल्कि इससे कमाया गया पैसा, देश की आतंरिक सुरक्षा को भी प्रभावित करता है, इसीलिए इसके समूल नाश के लिए हमें साथ मिलकर काम करना होगा। सीमापार से ड्रोन के माध्यम से हो रही मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए हमें ड्रोन-विरोधी तकनीक का अधिकतम उपयोग करना होगा।”(वार्ता)

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