- जनता दर्शन और आईजीआरएस की असलियत की भी होगी पड़ताल
- शिकायतों की प्रकृति, निस्तारण अवधि और फरियादी की संतुष्टि का होगा आकलन
- जहां मिलेगी लापरवाही, वहां कार्रवाई तय
- जिलाधिकारियों-पुलिस कप्तानों के साथ होगी वर्चुअल समीक्षा
लखनऊ : आम आदमी की फरियाद को अनसुना करने वाले अधिकारियों के बुरे दिनों की शुरुआत होने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी थानों और तहसीलों पर लंबित शिकायतों का ब्यौरा तलब किया है। जिलेवार तैयार हो रही इस रिपोर्ट में थाना और तहसील दिवसों में आईं शिकायतों के आधार पर एक-एक थाने और तहसील की कार्यपद्धति का आकलन होगा, साथ ही जनता-दर्शन और आईजीआरएस पोर्टल पर आईं समस्याओं को भी रिपोर्ट में शामिल किया जा रहा है। यह जिला और विभागवार रिपोर्ट फील्ड में तैनात अधिकारियों के प्रदर्शन की गुणवत्ता का मानक बनेगा। खुद मुख्यमंत्री इस बाबत जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों के साथ समीक्षा करेंगे, जिसके बाद लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
बुधवार को उच्चस्तरीय बैठक में उपरोक्त के संबंध में सीएम योगी के निर्देश के बाद रिपोर्ट तैयार करने की कवायद शुरू हो रही है। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि आम आदमी की समस्याओं का त्वरित निस्तारण शासन की शीर्ष प्राथमिकता है। तहसील और थाना दिवसों के आयोजन के पीछे उद्देश्य यही है कि लोगों की समस्याओं का समाधान स्थानीय स्तर पर ही हो सके। केंद्रीयकृत व्यवस्था के रूप में आईजीआरएस पोर्टल की सुविधा भी है तो मुख्यमंत्री जनता दर्शन की आयोजित हो रहा है। इन सभी आयोजनों की सफलता फरियादी की संतुष्टि है। ऐसे में इन सभी कार्यक्रमों की गहन समीक्षा की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है।