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जिसके पास दस विधायक नहीं, वह कैसे मुख्यमंत्री बन सकता है-गहलोत

जयपुर । राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान आने से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जिस आदमी के पास 10 विधायक नहीं हैं, जिसने बगावत की हो, जिसे गद्दार नाम दिया गया है, उसे कैसे लोग स्वीकार कर सकते हैं। पायलट को कैसे सीएम बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि सर्वे करवा लीजिए कि मेरे मुख्यमंत्री रहने से सरकार आ सकती है तो मुझे रखिए। अगर दूसरे चेहरे से सरकार आ सकती है तो उसे बनाइए। मैं अमरिंदर सिंह की तरह बगावत नहीं करूंगा। मैं सरकार लाने के लिए जान लगा दूंगा।

एक निजी चैनल से बातचीत में गहलोत ने कहा कि जिसके कारण हम 34 दिन होटलों में बैठे रहे, ये सरकार गिरा रहे थे। जो आदमी गद्दारी कर चुका है, उसे हमारे एमएलए कैसे स्वीकार करेंगे? भविष्य में सीएम रहने के सवाल पर गहलोत ने कहा कि आज तो मैं ही हूं यहां पर। हाईकमान के इशारे की छोड़ो, मुझे तो कोई इंडिकेशन नहीं है। मैं हाईकमान के साथ हूं। पायलट को कोई स्वीकार ही नहीं करेगा। हाईकमान राजस्थान के साथ न्याय करेगा। सितंबर की बातें हैं। अजय माकन और हाईकमान को अपनी फीलिंग बता चुका हूं। राजस्थान में सरकार आना जरूरी है। मैं तीन बार सीएम रह चुका। मेरे लिए सीएम रहना जरूरी नहीं है।

गहलोत ने कहा कि जब 2009 में लोकसभा चुनाव में राजस्थान से 20 सांसद कांग्रेस के जीते तो मुझे दिल्ली बुलाया गया। जब वर्किंग कमेटी की बैठक हुई तो राजस्थान से मंत्री बनाने के बारे में मुझसे पूछा गया। सचिन पायलट को जानकारी है कि मैंने पायलट को केंद्र में मंत्री बनाने की सिफारिश की थी। पार्टी की हालत पर गहलोत ने कहा कि मुझे कोई टेंशन नहीं है। थोड़े बहुत मतभेद सब जगह होते हैं। 25 सितंबर को बगावत नहीं हुई थी। 2019 में बगावत हुई थी, 34 दिन होटलों में रहे। 25 सितंबर को 90 लोग इकट्ठे हुए। ये वे लाेग थे, जिन्होंने सरकार बचाने में सहयोग किया, वरना सरकार बच नहीं सकती थी। बिना हाईकमान कोई सीएम सरकार बचा ही नहीं सकता।

गहलोत ने कहा कि कांग्रेस का कोई मुख्यमंत्री ऐसा नहीं है जो हाईकमान के बिना विधायकों का समर्थन ले ले। जिसने पार्टी के साथ गद्दारी की, गद्दारी किए हुए आदमी को हमारे विधायक कैसे स्वीकार कर सकते हैं। हम उम्मीद नहीं कर सकते थे कि पार्टी का अध्यक्ष अपनी ही पार्टी की सरकार गिराने के लिए विपक्ष से मिल जाए। इतिहास में आज तक कभी ऐसा नहीं हुआ। इसी वजह से विधायक, पायलट का नाम सुनते ही नाराज थे।

गहलोत के आरोप झूठे, उन्हें इतना असुरक्षित नहीं होना चाहिए: पायलट

पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा है कि गहलोत पहले भी मुझे नाकारा, निकम्मा और गद्दार कह चुके हैं, उन्होंने मुझ पर जो आरोप लगाए हैं, वे बेबुनियाद हैं। ये समय भाजपा से लड़ने का है, ऐसे झूठे आरोप लगाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि वे पार्टी के अनुभवी नेता हैं, उन्हें इतना असुरक्षित नहीं होना चाहिए। हम आज किसी पद पर है, तो जरूरी नहीं है कि हमेशा रहे। पता नहीं कौन मुख्यमंत्री को ऐसी सलाह दे रहा है।एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा उन्हें गद्दार कहने पर सचिन पायलट ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री उन पर झूठे आरोप ना लगाएं। राजनीति में उनके कद के नेता को ये बयान देना शोभा नहीं देता है।

इससे पहले गहलोत ने सचिन पायलट पर जमकर भड़ास निकालते हुए कहा कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार गिराने की साजिश में जिम्मेदार शामिल थे। उन्होंने सचिन को गद्दार करार देते हुए कहा कि 2020 में मानेसर में बीजेपी की मिलीभगत से राजस्थान में सरकार गिराने की साजिश में सचिन पायलट और उनके साथी विधायक शामिल थे, जिन्हें भाजपा से 10 करोड़ रुपये मिले थे। इसका जवाब देते हुए पायलट ने हुए कहा कि पहले भी सीएम मुझे नकारा, निकम्मा और गद्दार कह चुके है, ये सब कहना उनके जैसे वरिष्ठ नेता के कद को घटाता है, हमें नहीं भूलना चाहिए उनके नेतृत्व में हम दो बार राजस्थान का चुनाव हारे भी है।

गहलोत और पायलट के बीच मतभेद को सुलझा लिया जाएगा: जयराम रमेश

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पार्टी में अपने साथी सचिन पायलट को ‘गद्दार’ कह कर संबोधित किया है। अब इस बयान पर पार्टी की ओर से आधिकारिक टिप्पणी आई है। इसमें कहा गया है कि आपसी मतभेदों को पार्टी को सशक्त बनाने की दिशा में सुलझा लिया जाएगा।।कांग्रेस नेता जयराम रमेश की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अशोक गहलोत वरिष्ठ एवं अनुभवी राजनेता हैं। अपने युवा सहयोगी के साथ अपने जिन भी मतभेदों को उन्होंने जाहिर किया है। उन्हें इस तरह से सुलझाया जाएगा की पार्टी मजबूत हो।उन्होंने कहा कि वर्तमान में सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं की यह जिम्मेदारी है कि अब तक सफल रही भारत जोड़ो यात्रा को उत्तर भारत के राज्यों में भी प्रभावपूर्ण बनाएं।(हि.स.)

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