वाराणसी : उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वीडियोग्राफी सर्वे मामले में बुधवार को वकीलों की हड़ताल के कारण स्थानीय अदालत में सुनवाई नहीं हो सकी। राज्य सरकार के एक पत्र में वकीलों के लिये प्रयुक्त की गयी भाषा के विरोध में वकीलों ने आज हड़ताल का आह्वान किया था।
वाराणसी बार एसोसिएशन के पदाधिकारी आनंद मिश्रा ने बुधवार को बताया कि राज्य सरकार के एक विशेष सचिव की ओर से जारी एक पत्र में आपत्तिजनक शब्दों के इस्तेमाल केे विरोध में वकीलों ने एक दिन की हड़ताल करने का फैसला किया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस मामले में हिंदू पक्ष के वकील ने बार एसोसिएशन को पत्र लिखकर ज्ञानवापी मामले की सुनवाई जारी रखने का अनुरोध किया था।(वार्ता)
हटाए गए एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र को कमीशन में शामिल करने की मांग
वाराणसी । ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी प्रकरण में वादी पक्ष ने बुधवार को एक नया प्रार्थना पत्र अदालत में दाखिल किया। सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत में दाखिल अर्जी में वादी पक्ष ने कहा कि हटाए गए एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र ने अकेले ज्ञानवापी मस्ज़िद में 6 एवं 7 मई को कमीशन की कार्यवाही की थी। ऐसे में उन्हें सर्वे की रिपोर्ट दाख़िल करने की अनुमति दी जाए। वादी पक्ष ने प्रार्थना पत्र के जरिए 6 एवं 7 मई की रिपोर्ट में अजय कुमार मिश्र को सहयोग के लिए आदेशित करने की मांग की है। अदालत ने अर्जी को देखने के बाद इसपर आपत्तियां मांगी है।
अदालत ने मंगलवार को कमीशन की कार्रवाई से एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र को हटा दिया था। इसके बाद स्पेशल एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह को रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था। विशाल सिंह ने रिपोर्ट पेश करने के लिए समय मांगा तो अदालत ने 19 मई का समय दिया। उधर, ज्ञानवापी मामले में ही प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी पक्ष ने आपत्ति दाखिल करने के लिए दो दिन का समय मांगा। अदालत ने आवेदन को स्वीकार करते हुए आपत्ति दाखिल करने के लिए समय दिया। इस मामले में वादी राखी सिंह और अन्य महिला वादियों ने ज्ञानवापी मस्जिद के एक तहखाना समेत कुछ स्थानों का सर्वे कराने की मांग की है।(हि.स.)