Varanasi

ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे मामले में सुनवाई पूरी, कल आ सकता है फैसला

लगातार तीन दिन हुई सुनवाई के बाद वादी पक्ष के अधिवक्ता बोले, प्रतिवादी की दलीलें निरर्थक,मूल विषयों से भटक गये

वाराणसी । ज्ञानवापी परिसर के सर्वे मामले में बुधवार को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत में कोर्ट कमिश्नर बदलने की दाखिल याचिका पर फिर सुनवाई हुई। लगातार तीसरे दिन न्यायालय में वादी और प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ताओं में अपनी दलीलें पेश की। सुनवाई पुरी होने के बाद न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। गुरुवार दोपहर 12 बजे अदालत सर्वे-वीडियोग्राफी और एडवोकेट कमिश्नर बदलने की मांग पर फैसला सुनायेगी। जिला शासकीय अधिवक्ता (सिविल) महेंद्र प्रसाद पांडेय ने मीडिया कर्मियों को बताया कि वादी पक्ष ने ज्ञानवापी परिसर के एक-एक हिस्से का सर्वे करने का स्पष्ट आदेश दिए जाने की दलील दी। वहीं, मुस्लिम पक्ष ने एडवोकेट कमिश्नर बदलने की मांग की है। दोनों पक्षों ने अपनी याचिका में दलीलें और आपत्ति रखी है।

इस मामले में अब अदालत गुरुवार 12 मई को अपना फैसला सुनाएगी। वादी पक्ष के अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने बताया कि प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी के अधिवक्ताओं की दलीलें निरर्थक रही। प्रतिवादी पक्ष ने मूल विषयों से भटकते हुए अपनी दलीलें और पक्ष रखी। उन्होंने दो टूक कहा कि जब यह पक्ष 26 अप्रैल को मौजूद था और उसी दिन सारी चीजें तय हो गयी थीं कि कमीशन होना है। कोर्ट कमिश्नर का और वह लगातार चल भी रहा है। उन्होंने सवाल किया कि दो दिन कमीशन की कार्रवाई हुई है, उसको प्रतिवादी बाधित अब कैसे कर सकते हैं।

चतुर्वेदी ने कहा कि ऐसा कोई प्रावधान सीपीसी में नहीं है कि किसी कोर्ट कमीशन को बिना कार्रवाई पूरी किये बिना ही रोक दिया जाए। प्रतिवादी आज भी उसी मांग पर अड़े हुए हैं, जबकि सारे पक्ष को सुनने के बाद न्यायालय ने आदेश को गुरुवार के लिए सुरक्षित कर लिया है। इसके पहले मंगलवार को न्यायालय में वादी और प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ताओं में लगभग दो घंटे तक बहस हुई। इस दौरान दोनों पक्षों ने अपनी दलीले पेश की। वादी पक्ष ने कमीशन की कार्यवाही सुनिश्चित कराने के लिए शासन-प्रशासन को निर्देश देने की अपील की। प्रतिवादी पक्ष ने एडवोकेट कमिश्नर को बदलने के लिए अपना पक्ष रखा। अदालत के सामने वादी पक्ष ने कमीशन की कार्रवाई के दौरान प्रतिवादी पक्ष की ओर से बाधा उत्पन्न किए जाने की जानकारी भी दी। वादी पक्ष के एक अधिवक्ता ने अदालत को मौके पर चलने का अनुरोध किया। उन्होंने इसके लिए दीन मोहम्मद बनाम सेक्रेटरी ऑफ़ इंडिया से सम्बंधित मुकदमें का हवाला भी दिया।

गौरतलब हो कि प्रतिवादी पक्ष अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के अधिवक्ताओं ने न्यायालय से सर्वे के लिए नियुक्त एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र पर आपत्ति जताते हुए 7 मई को अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था। प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ताओं का कहना है कि एडवोकेट कमिश्नर सर्वे का काम निष्पक्ष तरीके से नहीं कर रहे हैं, बल्कि वह पार्टी की तरह काम कर रहे हैं। इसलिए अदालत कोई और कमिश्नर नियुक्त करे। प्रतिवादी पक्ष के याचिका पर अदालत ने वादी और एडवोकेट कमिश्नर को उनका पक्ष दाखिल करने के लिए कहा है। फिलहाल प्रतिवादी पक्ष के एडवोकेट कमिश्नर को हटाने की मांग पर कोई फैसला नहीं हो सका है।

दिल्ली निवासी राखी सिंह सहित पांच महिलाओं ने 18 अगस्त 2021 को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर स्थित श्रृंगार गौरी में नियमित दर्शन पूजन को लेकर न्यायालय में याचिका दाखिल किया था। सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में याचिका दायर कर महिलाओं ने काशी विश्वनाथ धाम-ज्ञानवापी परिसर स्थित श्रृंगार गौरी और अन्य विग्रहों को 1991 के पूर्व स्थिति की तरह नियमित दर्शन-पूजन की मांग की है।(हि.स.)

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