ज्ञानवापी परिसर सर्वे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के खिलाफ दायर याचिका पर कल (17 मई को) सुनवाई करेगा। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और पीएस नरसिम्हा की बेंच सुनवाई करेगी।याचिका अंजुमन इंतजामिया मस्जिद की मैनेजमेंट कमेटी ने दायर की है । याचिका में वाराणसी निचली अदालत से जारी सर्वे के आदेश को 1991 के प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट के खिलाफ बताया है।13 मई को वरिष्ठ वकील हुफेजा अहमदी ने इस मामले को चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष मेंशन करते हुए ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी।

इस पर चीफ जस्टिस ने कहा था कि उन्हें इस मामले के बारे में कुछ भी नहीं पता है। जब वे सभी दस्तावेज देखेंगे तो उस पर फैसला करेंगे।हुफेजी ने कहा था कि वाराणसी का ज्ञानवापी मस्जिद प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट के तहत आता है। इसके बावजूद वाराणसी की निचली अदालत ने इस कानून का उल्लंघन करते हुए ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया है।उल्लेखनीय है कि वाराणसी की निचली अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था लेकिन ये सर्वे मस्जिद कमेटी ने नहीं होने दिया था। दरअसल, पांच हिन्दू महिलाओं ने ज्ञानवापी मस्जिद के पश्चिमी दीवार के पीछे पूजा करने की मांग की है।(हि.स.)

ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे कार्य समाप्त

वाराणसी : उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में सोमवार को तीसरे दिन कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे-वीडियोग्राफी कार्य संपन्न हो गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने सोमवार को संवाददताओं से कहा, “सोमवार को दो घंटे 15 मिनट से अधिक समय तक सर्वे करने के बाद अदालत द्वारा गठित आयोग (कोर्ट कमीशन) ने सुबह करीब 10.15 बजे अपना काम समाप्त कर दिया। सर्वे कार्य से सभी पक्ष संतुष्ट थे।” उल्लेखनीय है कि ज्ञानवापी मस्जिद प्रतिष्ठित काशी विश्वनाथ मंदिर के करीब स्थित है। स्थानीय अदालत महिलाओं के एक समूह द्वारा इसकी बाहरी दीवारों पर मूर्तियों के सामने दैनिक प्रार्थना की अनुमति की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है।

रविवार को जिलाधिकारी शर्मा ने कहा था कि सोमवार का सर्वे कार्य सुबह आठ बजे से शुरू होगा और इस दौरान सभी पक्षों को मस्जिद परिसर में मौजूद रहने का निर्देश दिया गया है।हिंदू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने रविवार को कहा था कि आज सर्वे का लगभग 65 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और यह कल (सोमवार को) भी जारी रहेगा।यादव ने कहा था कि चूंकि, इस तरह के सर्वे कार्य के लिए अधिवक्ता अभ्यस्त नहीं हैं और यह पूरी तरह से पुरातात्विक सर्वे का कार्य है, इसलिए इसमें थोड़ा समय लग रहा है।

वाराणसी की एक अदालत ने ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर का सर्वे-वीडियोग्राफी कार्य कराने के लिए नियुक्त अधिवक्ता आयुक्त (कोर्ट कमिश्नर) अजय मिश्रा को पक्षपात के आरोप में हटाने की मांग संबंधी याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दी थी। अदालत ने स्पष्ट किया था कि ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर भी वीडियोग्राफी कराई जाएगी। दीवानी अदालत के न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर ने अधिवक्ता आयुक्त मिश्रा को हटाने संबंधी याचिका को नामंजूर करते हुए विशाल सिंह को विशेष अधिवक्ता आयुक्त और अजय प्रताप सिंह को सहायक अधिवक्ता आयुक्त के तौर पर नियुक्त किया था।

उन्होंने संपूर्ण परिसर की वीडियोग्राफी करके 17 मई तक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश भी दिए थे।जिला अदालत ने कहा था कि यदि सर्वेक्षण की खातिर परिसर के कुछ हिस्सों तक पहुंचने के लिए चाबियां उपलब्ध नहीं हैं तो ताले तोड़े जा सकते हैं। अदालत ने अधिकारियों को सर्वे कार्य में अवरोध उत्पन्न करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का भी निर्देश दिया था।इससे पहले, उच्चतम न्यायालय ने बीते शुक्रवार को सर्वेक्षण पर यथास्थिति का अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया था। हालांकि, शीर्ष अदालत सर्वेक्षण के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की एक याचिका को सूचीबद्ध करने पर विचार करने के लिए सहमत हुई है। (भाषा)

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