सेवा मामलों की सुनवाई एवं निस्तारण जम्मू एवं कश्मीर में ही होगा
नई दिल्ली । भारत सरकार ने जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्वाख के केंद्र शासित प्रदेश (यूटी)के कर्मचारियों के सभी सेवा मामलों की सुनवाई एवं निस्तारण चंडीगढ़ कैट में ही स्थानांतरित किया‘ के बाद यह स्पष्ट किया जाता है कि न तो याचिकाकर्ता को और न ही याचिका दायर करने के लिए वकील को चंडीगढ़ जाने या कर्मचारियों के सेवा मामलों से संबंधित न्यायाधिकरण के समक्ष उपस्थित होने की आवश्यकता है। चंडीगढ़ सर्किट शब्द की इस अर्थ में गलत व्याख्या की जा रही है कि याचिकाकर्ता/वकील को चंडीगढ़ जाने की आवश्यकता होगी जबकि ऐसा नहीं है। केंद्रीय सरकार एवं जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्वाख के यूटी कर्मचारियों के सभी सेवा मामलों की सुनवाई एवं निस्तारण जम्मू एवं कश्मीर में कैट पीठ में ही होगा।
पहले भी, कैट पीठ जम्मू एवं कश्मीर के केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों से संबंधित सेवा मामलों के निस्तारण के लिए जम्मू एवं कश्मीर में अपनी बैठकों का आयोजन करती रही है। एकमात्र अंतर अब केवल यह है कि यह यूटी कर्मचारियों से संबंधित सेवा मामलों का भी निस्तारण करेगी और इसलिए जम्मू एवं कश्मीर यूटी में अधिक और बारंबार बैठकों का आयोजन होगा।
मामलों का पंजीकरण भी स्थानीय रूप से आनलाइन या यूटी सरकार द्वारा उपयुक्त सुविधा उपलब्ध कराये जाने के बाद स्थापित होने वाले कैट के सचिवालय कार्यालय में किया जा सकता है। जम्मू एवं कश्मीर के यूटी में कैट के जरिये मामलों का निस्तारण न्याय की उचित एवं वस्तुपरक प्रदायगी सुनिश्चित करेगी।