वाराणसी के दिव्यांग छात्र हनुमंत ने पहले ही प्रयास में पार की सिविल सर्विस की पहली बाधा
वाराणसी । जीवन में कुछ हासिल करने का जज्बा हो तो कोई भी अवरोध उसे लक्ष्य प्राप्त करने से रोक नही सकता है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है डीएवी पीजी कॉलेज के दिव्यांग छात्र हनुमंत लाल पटेल ने । हनुमंत ने संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सर्विस की पहली सीढ़ी प्रीलिम्स परीक्षा पहले ही प्रयास में पार कर ली। ऑखों से पूरी तरह से देखने में अक्षम हनुमंत कॉलेज में एमए दर्शनशास्त्र के छात्र है।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सत्यदेव सिंह ने हनुमंत लाल की पढ़ाई लिखाई का सारा जिम्मा स्वयं उठा रखा है। छात्र ने अपनी सफलता का श्रेय प्राचार्य डॉ. सत्यदेव सिंह एवं अपने माता पिता को दिया है। छात्र ने कहा कि आगे का रास्ता और कठिन होगा, जिसकी तैयारी के लिए कड़े परिश्रम की आवश्यकता है। हनुमंत ने कहा कि यदि आपके अन्दर लक्ष्य को प्राप्त करने का जुनून हो तो दिव्यांगता कही भी आड़़े नही आती है। दिखाई ना पड़़ने के बावजूद भी पढ़ाई में किसी भी प्रकार की कठिनाई न होने के बाबत छात्र ने बताया कि आनलाइन स्टडी मैटेरियल की वजह से काफी सहूलियत मिल जाती है और कोई परेशानी नही है।
छात्र हनुमंत की सफलता से गदगद प्राचार्य डॉ. सत्यदेव सिंह ने कहा कि हनुमंत काफी मेधावी छात्र है, उसकी मेहनत और सिविल सर्विस के प्रति लगन देखकर हमने उसका साथ देने का निश्चय किया था, जो आज सार्थक दिखाई पड़ रहा है। हनुमंत ने दिव्यांगता को अपनी कमजोरी नही बल्कि अपनी ताकत बना लिया जिसके लिए वह बधाई का पात्र है। आगे की पढ़ाई के लिए भी उसे जो भी आवश्यकता होगी उसकी मदद की जायेगी।(हि.स.)