गुरुपूर्णिमा और गोरक्षपीठ :एक दूसरे का गुरुत्व बढ़ाना गुरु-शिष्य की श्रेष्ठतम परंपरा

एक दूसरे का गुरुत्व बढ़ाना गुरु-शिष्य की श्रेष्ठतम परंपरा है। गुरु का गुरुत्व, शिष्य की श्रद्धा में होता है। यह श्रद्धा गुरु के सशरीर रहने पर तो होती ही है, उनके ब्रह्मलीन होने पर भी शिष्य की श्रद्धा जस की तस रहती है। इसी तरह एक योग्य गुरु भी लगातार … Continue reading गुरुपूर्णिमा और गोरक्षपीठ :एक दूसरे का गुरुत्व बढ़ाना गुरु-शिष्य की श्रेष्ठतम परंपरा