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गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल ने भी लगाई पावन डुबकी, बोले- त्रिवेणी संगम में स्नान सौभाग्य की बात

मुख्यमंत्री ने संगम स्नान से पूर्व बड़े हनुमान मंदिर में की पूजा अर्चना

महाकुम्भ नगर । प्रयागराज महाकुम्भ में उमड़ रहे आस्था के जनसमुद्र के बीच शुक्रवार को गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी श्रद्धा की डुबकी लगाने पहुंचे। संगम त्रिवेणी में स्नान करने के बाद उन्होंने योगी सरकार द्वारा किए गए प्रबंधों की सराहना की। उन्होंने कहा कि कुम्भ क्षेत्र में सुंदर व्यवस्था की गई है और कहीं भी किसी को कोई समस्या नहीं हो रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि त्रिवेणी संगम में स्नान मेरे लिए सौभाग्य की बात है। मुख्यमंत्री ने संगम स्नान से पूर्व बड़े हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना की और फिर सेक्टर 7 स्थित गुजरात पवेलियन का भी अवलोकन किया।

पावन स्नान के साथ किया पूजन अर्चन

त्रिवेणी संगम में स्नान के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने योगी सरकार द्वारा किए गए प्रबंधों की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि कुम्भ क्षेत्र में सुंदर व्यवस्था की गई है और कहीं भी किसी को कोई समस्या नहीं हो रही है। भूपेंद्र पटेल ने कहा, “प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाएं अद्भुत हैं। स्वच्छता से लेकर हर सुविधा तक, सब कुछ बहुत ही अच्छा है।” गुजरात सीएम ने कहा, “हमें पवित्र स्नान करने का अवसर मिला, यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है। त्रिवेणी संगम, जो भारत की आस्था का केंद्र है, वहां स्नान करने के बाद हर व्यक्ति स्वयं को भाग्यशाली मानता है।” मोटरबोट से पूरी सुरक्षा के बीच मुख्यमंत्री त्रिवेणी संगम पहुंचे और यहां उन्होंने वैदिक मंत्रोच्चारण और श्लोकों के बीच आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान उन्होंने भगवान सूर्य को अर्घ्य भी दिया। उनके साथ औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने भी पावन डुबकी लगाई। इसके बाद मुख्यमंत्री ने गंगा पूजन और गंगा आरती भी की।

400 बेड की डॉरमेट्री का किया शुभारंभ

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल शुक्रवार सुबह 9 बजे स्टेट एयरक्राफ्ट से प्रयागराज पहुंचे। प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने उनका स्वागत किया। यहां से वह सीधे बड़े हनुमान मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने पूरे विधि विधान से वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच पूजन अर्चन किया और आरती उतारी। मंदिर के महंत और बाघंबरी गद्दी के पीठाधीश्वर बलबीर गिरि जी महाराज की ओर से मुख्यमंत्री को लेटे हनुमान मंदिर की प्रतिकृति भेंट की गई। बड़े हनुमान मंदिर में दर्शन और पूजन के बाद मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल सेक्टर 7 स्थित गुजरात पवेलियन पहुंचे। यहां उन्होंने पवेलियन का अवलोकन किया। गुजरात पवेलियन में उन्होंने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, साबरमती आश्रम और सूर्य मंदिर की प्रतिकृतियों का निरीक्षण किया, जबकि मेडिकल कैंप, लिट्रेचर स्टॉल और अन्य गैलरी का भी मुआयना किया। यहां वो गुजरात के उत्पादों की प्रदर्शनी में भी गए और सभी व्यवस्थाओं को सराहा। गुजरात से भारी संख्या में आ रहे श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए उन्होंने यहां 400 बेड की एक डॉरमेट्री का भी शुभारंभ किया।

महाकुम्भ भ्रमण के दौरान बिहार के राज्यपाल बोले – सनातन संस्कृति की मूल भावना एकात्मता है

महाकुम्भ पहुंचे बिहार के राज्यपाल अरिफ मोहम्मद खान ने शुक्रवार को संगम भ्रमण के दौरान भारत की सनातन संस्कृति को महान बताया। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ में सनातन संस्कृति की एकता स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। अपने प्रयागराज दौरे के दूसरे दिन आरिफ मो. खान ने कहा, भारत की सनातन संस्कृति का मूल आदर्श एकात्मता है, जहां सभी भेद समाप्त हो जाते हैं। हमारी संस्कृति हमें सिखाती है कि यदि हम किसी भी मानव को उनके दिव्य रूप में देखें, तो हमें यह अहसास होगा कि “मानव ही माधव का स्वरूप है”। राज्यपाल अरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि महाकुम्भ में आकर यह स्पष्ट होता है कि भारत की संस्कृति और परंपरा मानवता को जोड़ने का कार्य करती है। यहां मौजूद लोग एक-दूसरे को भले ही न जानते हों, लेकिन फिर भी सब एकजुट होकर इस आयोजन में भाग ले रहे हैं।

संस्कृति की पहचान को बनाए रखना जरूरी
उन्होंने यह भी कहा कि भारत की विरासत, आदर्श और मूल्यों को जीवंत रखना आवश्यक है। यही वे मूल्य हैं, जो हमारे समाज को एकसूत्र में बांधते हैं और समरसता की भावना को मजबूत करते हैं।

महाकुम्भ 2025 में संगम स्नान का सौभाग्य प्राप्त हुआ: जितिन प्रसाद

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने महाकुम्भ में शामिल होकर अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने संगम में परिवार संग पवित्र स्नान को अविस्मरणीय क्षण बताया। जितिन प्रसाद ने कहा, “आज मैं स्वयं को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मुझे इस भव्य कुम्भ मेले में अपने परिवार के साथ प्रयागराज के पावन संगम में स्नान करने का अवसर मिला। ये वे क्षण होते हैं जो जीवन में अविस्मरणीय बन जाते हैं और मैं इसे अपना परम सौभाग्य मानता हूं।”

महाकुंभ में आस्था और संस्कृति का संगम
उन्होंने कहा कि महाकुम्भ न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है बल्कि भारतीय संस्कृति और सनातन परंपराओं का भव्य उत्सव भी है। इस ऐतिहासिक आयोजन में शामिल होना किसी भी श्रद्धालु के लिए सौभाग्य की बात है।

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