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केबल ऑपरेटर के लोकल चैनल के लिए केन्द्र सरकार ने जारी किए दिशा-निर्देश

नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने केबल ऑपरेटर के दिखाए जा रहे लोकल चैनलों में दिखाए जाने वाली सामग्री को नियमित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने इस संदर्भ में बुधवार को जारी इस संबंध में आदेश में कहा गया है कि अगर मल्टीसिस्टम ऑपरेटर अपने नेटवर्क पर प्लेटफार्म सेवाओं के रूप में खबरें और ताजा मामलों की जानकारी उपलब्ध कराना चाहते हैं तो उन्हें तीन महीने यानि 90 दिन के भीतर खुद को कंपनी के रूप में पंजीकृत करना होगा।

इन नियमों का पालन करने के लिए केबल ऑपरेटरों को 12 महीने का समय दिया गया है। यह नियम मल्टी सिस्टम ऑपरेटरों (एमएसओ), जो कि सीधे या अपने स्थानीय केबल ऑपरेटर की मदद से स्वयं बनाए गए कार्यक्रम प्रसारित करते हैं, पर लागू होंगे। इसके लिए एमएसओ को प्रति चैनल एक हजार रुपये के शुल्क पर ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा मिलेगी। इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया जा रहा है। इसके बाद केवल पंजीकृत कंपनियां ही स्थानीय स्तर पर खबरें और कार्यक्रम चला पाएंगे।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अनुसार प्रत्येक ऑपरेटर केवल कुल चैनल कैरिज क्षमता पर 5 पीएस चैनल की अनुमति होगी। स्थानीय भाषा और सांस्कृतिक आवश्यकताओं के अनुसार पीएस चैनलों की गणना राज्य या केंद्रशासित प्रदेश के स्तर पर की जाएगी। इसके अलावा जिला स्तर पर भी दो पीएस चैनलों को अनुमति मिलेगी। सभी पीएस चैनल केवल धार्मिक सामग्री और लाइव फीड को साझा कर सकेंगे, उन्हें प्लेटफार्म सेवाओं का शीर्षक भी देना होगा, ताकि उन्हें पंजीकृत टीवी चैनलों से अलग किया जा सके।

निर्देशों में कहा गया है कि सभी पीएस चैनलों को ट्राई के नियमानुसार प्लेटफार्म सेवा श्रेणी में एक साथ रखा जाएगा, जहां इन्हें निर्देशानुसार सक्रिय और निष्क्रिय करने का विकल्प होगा। सभी एमएसओ को जो कि पीएस पंजीकृत कराएंगे दिखाए जा रहे कार्यक्रमों की 90 दिन की रिकार्डिंग रखनी होगी। यह नियम केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम 1994 एमएसओ को स्वयं या केबल ऑपरेटरों की मदद से प्रोग्रामिंग सेवा प्रसारित करने की अनुमति देता है।(हि.स.)

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