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पराक्रम दिवस: परमवीर चक्र शहीदों के नाम पर होगा अंडमान के 21 द्वीपों का नाम

23 जनवरी से देश में राष्ट्रीय त्योहार की शुरुआत हो रही है। 23 जनवरी को नेता जी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं वर्षगांठ को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाएगा। साथ ही पीएम मोदी केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े अनाम द्वीपों के नामकरण कार्यक्रम में शामिल होंगे। आजादी के अमृतकाल में परमवीर चक्र से सम्मानित वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि स्वरूप द्वीपों का नामकरण परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर किया गया है।

कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप पर बनने वाले नेताजी को समर्पित राष्ट्रीय स्मारक के मॉडल का भी अनावरण करेंगे। कार्यक्रम के मुताबिक, पराक्रम दिवस पर पीएम मोदी 23 जनवरी को सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े अनाम द्वीपों का नामकरण परम वीर चक्र पुरस्कार विजेताओं के नाम पर करने के समारोह में भाग लेंगे।

वीर सैनिकों को अनोखी श्रद्धांजलि

दरअसल, देश के वास्तविक जीवन के नायकों को उचित सम्मान देना हमेशा पीएम की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। इसी भावना के साथ आगे बढ़ते हुए अब अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े अज्ञात द्वीपों का नामकरण 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर करने का निर्णय लिया गया है। सबसे बड़े अनाम द्वीप का नाम पहले परमवीर चक्र विजेता के नाम पर रखा जाएगा, दूसरे सबसे बड़े अज्ञात द्वीप का नाम दूसरे परमवीर चक्र विजेता के नाम पर रखा जाएगा। यह कदम हमारे नायकों के प्रति एक चिरस्थायी श्रद्धांजलि होगी, जिनमें से कई ने राष्ट्र की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया था।

नेता जी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर है द्वीप

इससे पहले अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखते हुए और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की स्मृति का सम्मान करने के लिए, रॉस द्वीप समूह का नाम बदलकर 2018 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप रखा गया था। तब पीएम ने सुभाष चंद्र बोस के तिरंगा फहराने की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर रॉस आइलैंड पहुंचे थे और वहीं रॉस द्वीप समूह का नाम बदलकर सुभाष चंद्र आइलैंड कर दिया था। गौरतलब है कि सुभाष चंद्र बोस ने 1943 को पोर्ट ब्लेयर में तिरंगा फहराया था। इसी के साथ नील आइलैंड और हैवलॉक आइलैंड का नाम बदलकर शहीद द्वीप और और स्वराज द्वीप रख दिया गया। इसी दिन यहां 75 रुपये का सिक्का और एक डाक टिकट भी जारी किया गया था।

मेजर सोमनाथ शर्मा के नाम पर पहला द्वीप

वहीं अब उत्तर और मध्य अंडमान में पहले द्वीप संख्या ‘INAN370’ का नाम मेजर सोमनाथ शर्मा के नाम पर रखा गया है। अब ‘INAN370’ को ‘सोमनाथ द्वीप’ के नाम से जाना जाएगा। मेजर सोमनाथ शर्मा को सबसे पहले परमवीर चक्र प्राप्त हुआ था। 3 नवंबर, 1947 को श्रीनगर हवाई अड्डे के पास पाकिस्तानी घुसपैठियों से निपटने के दौरान मेजर सोमनाथ शर्मा ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए। बडगाम की लड़ाई के दौरान उनकी वीरता और बलिदान के लिए उन्हें मरणोपरांत सर्वोच्च सैन्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

सूबेदार करम सिंह को सम्मान

इसी तरह 1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अपने वीरता का परिचय देने वाले सूबेदार करम सिंह के नाम पर गैर-आबादी द्वीप INAN308 का नाम ‘करम सिंह द्वीप’ रहेगा। सूबेदार करम सिंह ने 1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अपने साहस का परिचय देते हुए जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती गांव टिटवाल में एक अग्रिम पोस्ट को बचाया था, जिसके लिए उन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था।

21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम

मेजर सोमनाथ शर्मा, सूबेदार और मानद कप्तान (तत्कालीन लांस नायक) करम सिंह, सेकंड लेफ्टिनेंट राम राघोबा राणे, नायक जदुनाथ सिंह, कंपनी हवलदार मेजर पीरू सिंह, कैप्टन जीएस सलारिया, लेफ्टिनेंट कर्नल (तत्कालीन मेजर) धन सिंह थापा, सूबेदार जोगिंदर सिंह, मेजर शैतान सिंह, हवलदार अब्दुल हमीद, लेफ्टिनेंट कर्नल अर्देशिर बुर्जोरजी तारापोर, लांस नायक अल्बर्ट एक्का, मेजर होशियार सिंह, सेकंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल, फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों, मेजर रामास्वामी परमेश्वरन, नायब सूबेदार बाना सिंह, कैप्टन विक्रम बत्रा, लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडे, सूबेदार मेजर (तत्कालीन राइफलमैन) संजय कुमार और सूबेदार मेजर सेवानिवृत्त (मानद कैप्टन) ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह यादव।

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