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वैश्विक आर्थिक वृद्धि 2025 में 2.8 प्रतिशत, भारत की वृद्धि 6.6 प्रतिशत रहेगी: संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट

नयी दिल्ली : संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक एवं सामाजिक कार्य प्रभाग की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार निवेश और उपभोक्ता मांग में नरमी तथा देशों पर कर्ज के बोझ की समस्या का सामाना कर रही विश्व अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर वर्ष 2025 में 2024 के अनुमानित 2.8 प्रतिशत के स्तर पर बनी रहेगी।विश्व की आर्थिक स्थिति एवं संभावनाओं पर- वर्ल्ड इकोनॉमिक सिचुएशन एवं प्रॉस्पेक्ट्स (डब्ल्यूईएसपी, 2025) शीर्षक इस रिपोर्ट में 2025 में भारत की वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।

इस रिपोर्ट का अनुमान है कि वैश्वकि व्यापार में 2025 में वृद्धि 3.2 प्रतिशत रह सकती है, जबकि 2024 में व्यापार वार्षिक आधार पर यह दर 3.4 प्रतिशत बढ़ा था।वर्ष के दौरान वैश्विक मुद्रास्फीति वर्ष 2024 के चार प्रतिशत की तुलना में 3.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है, लेकिन खाद्य मुद्रास्फीति ऊंची बनी हुई है।वर्ष 2025 में विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि 2024 के 2.8 प्रतिशत की तुलना में धीमी पड़ कर 1.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है जबकि दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन 4.8 प्रतिशत की वृद्धि के साथ मजबूत रहेगी।

यूरोपीय संघ की अर्थव्यवस्था 2024 की अनुमानित 0.9 प्रतिशत की तुलना में इस वर्ष 1.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कर सकती है।वर्ष 2025 में वैश्विक जीडीपी में वृद्धि 2.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्व अर्थव्यवस्था ने 2024 में परिस्थितियों के समक्ष मजबूती और जुझारुपन दिखाया है, लेकिन अभी वैश्विक आर्थिक वृद्धि महामारी के पहले के औसत 3.2 प्रतिशत वार्षिक से कम बनी हुई है।रिपोर्ट अनुसार निवेश कम है, उत्पादकता वृद्धि भी धीमी है और कई अर्थव्यवस्थाओं में कर्ज का बोझ बड़ा है।

रिपोर्ट के अनुसार कई देशों में मुद्रास्फीति कम होने और मौद्रिक नीतियों में ढील से 2025 में आर्थिक गतिविधियां बढ़ने की संभावना है, लेकिन भू-राजनीतिक परिस्थितियों, व्यापार प्रतिबंधों और ऋण महंगा होने से आर्थिक परिदृश्य में अनिश्चितता बनी हुई है।डब्ल्यूईएसपी-2025 के अनुसार ऐसी परिस्थिति में संयुक्त राष्ट्र के स्वस्थ विकास के लक्ष्यों (एसडीजी) की दिशा में प्रगति और बाधित हो सकती है।संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटरेस ने इस रिपोर्ट के संबंध में कहा है कि कोई देश इन जोखिमों की अनदेखी नहीं कर सकता क्योंकि अर्थव्यवस्थाएं परस्पर जुड़ी हुई हैं।

उन्होंने हर देश को समस्याओं के समाधान में सहभागी होने और वर्ष 2025 में विश्व को समृद्धि और स्वस्थ भविष्य की पटरी पर पुन: लाने का काम करने का आह्वान किया है।रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2025 में एशियाई अर्थव्यवस्था की आर्थिक वृद्धि 4.7 प्रतिशत रहेगी जिसमें चीन का प्रमुख योगदान होगा। चीन की अर्थव्यव्था को आंतरिक उपभोग में सुधार से बल मिल रहा है।रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण एशियाई अर्थव्यवस्था सबसे तेज गति से वृद्धि कर रही अर्थव्यवस्था बनी रहेगी और 2025 में इस क्षेत्र की आर्थिक वृद्धि 5.7 प्रतिशत रहने का अनुमान जिसमें भारत की संभावित 6.6 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि का बड़ा योगदान होगा।

अफ्रीकी महाद्वीप की अर्थव्यवस्था में इस साल 3.7 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है जो पिछले साल अनुमानित 3.4 प्रतिशत बढ़ी थी। (वार्ता)

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