प्रतिकार यात्रा मामले में आरोपी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज
वाराणसी । चर्चित प्रतिकार यात्रा मामले में एमपी.एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश सियाराम चौरसिया की अदालत ने आरोपी ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की मुश्किलें बढ़ा दी है। शुक्रवार को अदालत ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद इसे खारिज कर दिया। न्यायालय में शंकराचार्य के अग्रिम जमानत अर्जी का एडीजीसी ज्योति शंकर उपाध्याय ने जमकर विरोध किया। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी को अग्रिम जमानत देने का पर्याप्त आधार नहीं है।
न्यायालय के आदेश के खिलाफ शंकराचार्य के अधिवक्ता अपर कोर्ट में जायेंगे। पिछले दिनों सात साल पुराने प्रतिकार यात्रा बवाल मामले में न्यायालय ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महंत संतोष दास उर्फ सतुआ बाबा, महंत बालक दास सहित 25 लोगों को फरार घोषित किया था। अदालत ने सभी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करते हुए उनकी संपत्ति कुर्की का आदेश पुलिस को दिया था। न्यायालय के आदेश के बाद स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के अधिवक्ता रमेश कुमार उपाध्याय ने अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दाखिल की थी। इस मामले में एक अन्य आरोपी महंत बालक दास की ओर से भी जिला जज की अदालत में अग्रिम जमानत अर्जी के लिए आवेदन दिया गया है।
गौरतलब हो कि गंगा में गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन की जिद पर अड़े लोगों पर लाठीचार्ज के बाद विरोध में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने संतों और बटुकों के साथ 5 अक्तूबर 2015 को मैदागिन टाउनहाल से दशाश्वमेध तक अन्याय प्रतिकार यात्रा निकाली थी। यात्रा के दशाश्वमेध पहुंचने के पहले ही गोदौलिया चौराहे पर खड़ा एक सांड़ भड़क गया और गिरजाघर चौराहे की ओर भागा। जिसके बाद वहां भगदड़ मच गई। भगदड़ देख चौक से गोदौलिया की ओर बढ़ रही अन्याय प्रतिकार यात्रा में शामिल लोग भी भागने लगे। इससे वहां भगदड़ मच गई। इसका लाभ उठाकर उपद्रवियों ने पहले पुलिस बूथ फिर एक सरकारी जीप में आग लगा दी। इसके बाद भड़के बवाल में भीड़ ने एक मजिस्ट्रेट की जीप, फायर ब्रिगेड की गाड़ी व पुलिस की वैन सहित दो दर्जन बाइक में आग लगा दी और गोदौलिया और उसके आसपास के क्षेत्र में जमकर तोड़फोड़ और आगजनी की थी।(हि.स.)