रणवीर कपूर और श्रृद्धा कपूर अभिनित निर्माता लव रंजन की अनटाईटल फिल्म की शुटिंग के दौरान सेट लगाने के काम में जूड़े लगभग 300 दिहाड़ी मजदूरों का बकाया भुगतान अब तक नहीं दिया गया है । मेसर्स लव फिल्म्स के उपर दिहाड़ी मजदूरों का एक करोड़ 22 लाख 81 हजार 986 रुपए बकाया है जिसको लेकर बार बार फिल्म स्टूडियो सेटिंग एंड अलाइड मजदूर यूनियन (एफएसएसएएमयू) ने इस फिल्म निर्माण कंपनी को पत्र भी लिखा। इस पैसे के अलावा लव फिल्म्स पर पिछले एक वर्ष के लिए अन्य स्थानों पर किए गए हाल के कार्यों की मजदूरी राशि भी बकाया है। जिसके बाद अब एफएसएसएएमयू ने महाराष्टÑ के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उनका ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया है ।
बतादें कि मेसर्स लव फिल्म्स ने फिल्म स्टूडियो सेटिंग एंड अलाइड मजदूर यूनियन (एफएसएसएएमयू) के दिहाड़ी मजदूरों के भुगतान से इनकार किया है और इसके बजाय एफएसएसएएमयू के समिति के सदस्यों के उपर झूठी पुलिस शिकायत दर्ज करने की धमकी दी है। आपको बतादें कि निर्माताओं के लिए यह अनिवार्य है कि दिहाड़ी मजदूरों का भुगतान रोज के रोज इन श्रमिकों के व्यक्तिगत बैंक खातों में सीधे हस्तांतरण करें मगर ऐसा नहीं किया गया और कई निर्माता तो सालों तक इन दिहाड़ी मजदूरों का पैसा नहीं देते। इस फ़िल्म का भी एक साल से ज्यादा समय से दिहाड़ी मजदूरों का पैसा बाकी है।निर्माता लव रंजन का दावा है कि उन्होंने दीपांकर दास गुप्ता – प्रोडक्शन डिजाइनर और प्रशांत विचारे प्रोजेक्ट के कला निदेशक को पूरा भुगतान कर दिया है। मगर ये राशि श्रमिकों कोे आज तक नहीं मिली है।
फिल्म स्टूडियो सेटिंग एंड अलाइड मजदूर यूनियन (एफएसएसएएमयू) के जनरल सेक्रेटरी गंगेश्वरलाल श्रीवास्तव ने कहा है कि इस बारे में फेडरेशन आॅफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉयज (एफडब्लूआईसीई) के साथ हुई संयुक्त बैठक में मेसर्स लव फिल्म्स की ओर से भरोसा दिया गया था कि वे दीपांकर दास गुप्ता और प्रशांत विचारे के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करेंगे और कर्मचारियों का बकाया पैसा दिलाया जाएगा मगर न तो निर्माता और न ही कला निर्देशक या प्रोडक्शन डिजाइनर ने बकाया राशि का भुगतान करने के लिए कोई पहल की है। जबकि निर्माता ने एक बयान जारी कर दावा किया है कि उन्होने हमारे सदस्यों की बकाया राशि का भुगतान कर दिया है, लेकिन इन भुगतानों का विवरण हमें प्रदान नहीं किया गया है और हमारे सदस्यों को अभी तक उनका भुगतान प्राप्त नहीं हुआ है।
एफएसएसएएमयू को इस मामले को जनवरी 2022 के महीने में समाधान के लिए श्रम विभाग को भेजने के लिए मजबूर किया गया था। लेकिन श्रम विभाग भी हमारी शिकायत का संज्ञान लेने में विफल रहा और विवाद को सुनवाई के लिए बोर्ड पर ले जाने में देरी हुई। एफडब्ल्यूआईसीई की पहल के बाद मामले की सुनवाई श्रम विभाग के अधिकारियों द्वारा निर्धारित की गई थी लेकिन मेसर्स लव फिल्म््स के प्रतिनिधि जानबूझकर उक्त सुनवाई में शामिल नहीं हुए। निर्माता द्वारा श्रमिकों के करोड़ों रुपये का भुगतान नहीं किया जाता है, लेकिन श्रमिकों का बकाया चुकाने के बजाय, निर्माता अब एसोसिएशन पर निराधार आरोप लगा रहे हैं और उचित कानूनी कार्रवाई करने की धमकी दे रहे हैं। वे गरीबों की आवाज को दबाने के लिए अपनी धन शक्ति का उपयोग कर रहे हैं जिसे हम किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम सभी संबंधित अधिकारियों को इस मुद्दे को हल करने और प्रोडक्शन हाउस द्वारा भुगतान को मंजूरी दिलाने में मदद करने के लिए लिख रहे हैं।
हालांकि, हमारे किसी भी अनुरोध पर संज्ञान नहीं लिया गया है और न ही हमारे सदस्यों की मदद के लिए कोई आगे आया है। गंगेश्वरलाल श्रीवास्तव ने कहा है कि हम मुख्यमंत्री, श्रम मंत्री, श्रम आयुक्त और पुलिस अधिकारियों से इस मुद्दे पर संज्ञान लेने और हमारे श्रमिकों के लंबे समय से लंबित इस विवाद को सुलझाने के लिए तत्काल हस्तक्षेप करने तथा उन्हें गरीब मजदूरों की बकाया राशि दिलाने की मांग की है।