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प्राणघातक हमले में चार साल की कैद

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वाराणसी। शौचालय गिराने का विरोध करने पर रम्भे से सिर पर प्राणघातक हमला करने के मामले में अदालत ने एक अभियुक्त को दंडित किया है। विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (यूपीएसईबी) अभय कृष्ण तिवारी की अदालत ने सलारपुर, सारनाथ निवासी अभियुक्त सुनील राजभर को दोषी पाने पर चार वर्ष के कठोर कारावास व 15 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। अदालत में अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी रोहित मौर्य ने पक्ष रखा।

अभियोजन पक्ष के अनुसार सलारपुर, सारनाथ निवासिनी वादिनी दुखन्ती देवी ने सारनाथ थाने में तहरीर दी थी। आरोप था कि 16 अगस्त 2015 को रात्रि 9.30 बजे वह घर पर खाना खा रही थी। उसी दौरान पट्टीदार शिवप्रसाद राजभर द्वारा अपने घर ईंट गिरवाने के दौरान उनके ट्रैक्टर के धक्के से उसके घर के बाहर निर्मित कच्चा शौचालय अपने स्थान से खिसक गया। इस पर उसके बड़े पुत्र रमेश द्वारा आपत्ति करने एवं ठीक कराने के लिए कहने पर शिव प्रसाद राजभर व सुनील राजभर रंभा लेकर आये और प्रार्थिनी के साथ गाली गुप्ता करने लगे। पुत्र रमेश द्वारा मना करने पर अभियुक्तगण उसे लात-घूंसे से मारने लगे।

शोर सुनकर छोटा लड़का महेश बीचबचाव करने आया तो सुनील राजभर ने रम्भे से उसके सर पर वार कर दिया, जिससे वह घायल होकर तड़फड़ाने लगा। शोर सुनकर गांव वालों के आने पर शिवप्रसाद व सुनील राजभर घटना स्थल से भाग गये। गांव वालों द्वारा घायल महेश को शिव सर्जिकल नर्सिंग होम पहड़िया में भर्ती कराया गया। जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। इस मामले में तहरीर के आधार पर पुलिस ने शिव प्रसाद राजभर तथा सुनील राजभर के विरुद्ध 23 अगस्त 2015 को मुकदमा दर्ज किया था। अदालत में विचारण के दौरान शिवप्रसाद की मौत हो जाने पर उसके खिलाफ सुनवाई समाप्त कर दी गयी।

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