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समृद्ध देश के लिए जमाकर्ताओं की जमा राशि की गांरटी जरूरी: मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि एक समृद्ध राष्ट्र के लिए सशक्त बैंक होने चाहिए और इसके लिए बैंक में जमाकर्ताओं की जमा राशि सुरक्षित होनी चाहिए। इसीको ध्यान में रखते हुये उनकी सरकार ने एक लाख रुपये के जमा बीमा कवर को बढ़ाकर न:न सिर्फ पांच लाख रुपये कर दी है बल्कि इसके लिए 90 दिनों का समय सीमा भी तय कर दिया है ताकि अब बैंक के डूबने पर किसी को गाढ़ी कमाई के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।श्री मोदी ने जमाकर्ता प्रथम: पांच लाख रुपये तक के समयबद्ध जमा राशि बीमा भुगतान की गारंटी विषय पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुये ये बातें कही।

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीने में इसी तरह के मामलों में एक लाख से अधिक जमाकर्ताओं को 1300 करोड़ रुपये की राशि मिल चुकी है और अगले कुछ महीने में तीन लाख और लोगों को जमा बीमा के तहत भुगतान किया जाना है। उन्होंने इसको दुनिया की सबसे बड़ी जमा राशि गारंटी बताते हुये कहा कि 76 लाख करोड़ रुपये की गांरटी दी जा रही है।प्रधानमंत्री ने कहा कि आज कोई भी बैंक अगर संकट में आता है तो जमाकर्ता को 5लाख रुपये तक तो जरूर मिलेंगे। इससे करीब 98 प्रतिशत जमाकर्ताओं के खाते पूरी तरह से कवर हो चुके हैं। आज जमाकर्ताओं का 76 लाख करोडरुपये पूरी तरह से सुरक्षित हैं। इतना व्यापक सुरक्षा कवच विकसित देशों में भी नहीं है।

उन्होंने कहा कि देश की समृद्धि में बैंक़ों की बडी भूमिका है और बैंक़ों की समृद्धि के लिए जमाकर्ताओं का पैसा सुरक्षित होना उतना ही जरूरी है। हमें बैंक बचाने हैं तो जमाकर्ताओं को सुरक्षा देनी ही होगी।उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में अनेक छोटे सरकारी बैंक़ों को बडे बैंक़ों के साथ विलय करके, उनकी कैपेलसटी, कैपेलबलिटी और ट्रांसपेरेंसी हर प्रकार से सशक्त की गई है। जब रिजर्व बैंक को-ऑपरेरटव बैंक़ों की निगरानी करेगा तो,उससे भी इनके प्रति सामान्य जमाकर्ताओं का भरोसा और बढेगा।

उन्होंने कहा कि कोई भी देश समस्याओं का समय पर समाधान करके ही उन्हें विकराल होने से बचा सकता है। लेकिन वर्षों तक एक प्रवृत्ति रही की समस्याओं को टाल दो, दड़ी के नीचे डाल दो। आज का नया भारत, समस्याओं के समाधान पर जोर लगाता है, आज भारत समस्याओं को टालता नहीं है।श्री मोदी ने कहा कि हमारे यहां समस्या सिर्फ बैंक खाता की ही नहीं थी, बल्कि दूर-सुदूर तक गांवों में बैंकिंग सेवाएं पहुंचाने की भी थी। आज देश के करीब-करीब हर गांव में 5 किलोमीटर के दायरे में बैंक ब्रांच या बैंकिंग कॉरस्पोंडेंट की सुविधा पहुंच चुकी है। आज भारत का सामान्य नागरिक कभी भी, कहीं भी, सातों दिन, 24 घंटे, छोटे से छोटा लेनदेन भी डिजिटली कर पा रहा है। कुछ साल पहले तक इस बारे में सोचना तो दूर, भारत के सामर्थ्य पर अविश्वास करने वाले लोग इसका मज़ाक उड़ाते फिरते थे।

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