- महाकुम्भ 2025 में भी साधु संतों और श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा की परंपरा को जारी रखेगी योगी सरकार
- प्रमुख स्नान पर्वों पर संगम तट पर होगी पुष्प वर्षा, अन्य प्रमुख घाटों पर भी पुष्प वर्षा किए जाने पर चर्चा
- महाकुम्भ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए आयोजन को यादगार अनुभव बनाने की पहल
- यूपी में स्नानार्थियों और कांवड़ियों पर पुष्प वर्षा बना सनातन संस्कृति व आस्था को नमन करने का प्रतीक
महाकुम्भनगर । उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार महाकुम्भ 2025 को यादगार बनाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। श्रद्धालुओं के लिए यह महाकुम्भ एक शानदार अनुभव हो, इसके लिए स्वच्छता, सुरक्षा और सुविधा सभी चीजों का खास ध्यान रखा जा रहा है। महाकुम्भ की भव्यता और दिव्यता को आयाम देने के लिए श्रद्धालुओं पर हर बार की तरह इस बार भी आकाश से पुष्प वर्षा किए जाने की योजना पर भी काम हो रहा है। उल्लेखनीय है कि योगी सरकार इससे पहले भी कुम्भ, माघ मेला समेत कई धार्मिक कार्यक्रमों के दौरान श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा करती रही है। इस परम्परा का महाकुम्भ 2025 के दौरान भी पालन किए जाने की योजना है।
सभी घाटों पर पुष्प वर्षा की योजना
प्रयागराज मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने इस संबंध में बताया कि उत्तर प्रदेश में कई धार्मिक आयोजनों के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर हेलिकॉप्टर से श्रद्धालुओं, साधु और संतों पर पुष्प वर्षा की जाती रही है। मुख्यमंत्री जी की मंशा के अनुरूप महाकुम्भ 2025 में भी इस परंपरा का निर्वहन किया जाएगा। नागा संन्यासियों एवं अन्य साधु संतों के साथ-साथ श्रद्धालुओं पर भी पुष्प वर्षा किए जाने की योजना है। सामान्यतः संगम नोज पर पुष्प वर्षा किए जाने की परंपरा रही है, लेकिन इस बार चूंकि और अधिक संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहेंगे तो ऐसे में संगम नोज के साथ-साथ अन्य सभी घाटों पर भी पुष्प वर्षा को लेकर चर्चा चल रही है। जल्द ही इस पर कार्ययोजना तैयार कर ली जाएगी।
सनातन संस्कृति व आस्था को नमन
योगी सरकार बनने के बाद उत्तर प्रदेश में श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा सनातन संस्कृति व आस्था को नमन करने का प्रतीक बन गया है। कुम्भ के दौरान पवित्र स्नान पर्व हों, या फिर माघ मेला या कांवड़ियों की यात्रा,योगी सरकार पुष्प वर्षा के माध्यम से आस्था को नमन करना नहीं भूलती। स्वयं सीएम योगी कई बार हेलिकॉप्टर और मंचों के माध्यम से श्रद्धालुओं और कांवड़ियों पर पुष्प वर्षा कर सनातन संस्कृति का मान बढ़ाने के अपने कर्तव्य का निर्वहन करते रहे हैं। 2019 कुम्भ के दौरान भी मौनी अमावस्या के दिन संगम तट पर आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे करोड़ों श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा की गई थी। तब भी सोशल मीडिया पर यूपी में पुष्प वर्षा हैशटैग काफी ट्रेंड हुआ था। महाकुम्भ 2025 में इस परंपरा को जारी रखते हुए और भी बड़े पैमाने पर इसका आयोजन किए जाने की संभावना है।
अलोपी पम्पिंग स्टेशन 10 दिसंबर से पूरी क्षमता 80 केएलडी से करेगा कार्य
महाकुम्भनगर : महाकुम्भ 2025 के लिए निर्माण कार्य भी पूरे जोर शोर से हो रहे हैं। सीएम योगी के स्वच्छ और स्वस्थ महाकुम्भ के विजन को साकार करने में जल निगम, नगरीय पूरी क्षमता से कार्यरत है। एक ओर तो जल निगम, नगरीय महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पीने के पानी की व्यवस्था कर रहा है, साथ ही पूरे मेला क्षेत्र के स्लज निस्तारण की जिम्मेदारी भी संस्था की ही है। इसी क्रम में निगम स्थाई और अस्थाई ट्रीटमेंट प्लांट, सेसफुल व्हीकल व पाइपलाइन की मदद से मेला क्षेत्र के 1,50,000 शौचालयों के स्लज का ट्रीटमेंट करेगा। इसी दिशा में अलोपी पम्पिंग स्टेशन का कार्य भी पूरा कर लिया गया है, ताकि महाकुम्भ का अतिरक्त दबाव प्रयागराज शहर पर न पड़े।
शत प्रतिशत ओडीएफ का लक्ष्य
सनातन संस्कृति के सबसे बड़े आयोजन महाकुम्भ 2025 में 40 करोड़ श्रद्धालुओं के प्रयागराज आने का अनुमान है। स्वच्छ और स्वस्थ महाकुम्भ की सीएम योगी की मंशा के मुताबिक महाकुम्भ मेला क्षेत्र को पूरी तरह ओडीएफ बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इस योजना के मुताबिक मेला क्षेत्र में रिकॉर्ड 1,50,000 शौचालय बनाए जा रहे हैं। मेला क्षेत्र के शौचालयों के स्लज का निस्तारण करने के लिए जल निगम,नगरीय ने 3 अस्थाई और नैनी, झूंसी के स्थाई एसटीपी और अरैल के फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट की मदद से किया जाएगा। जल निगम नगरीय विभाग के अधिशासी अभियंता सौरभ कुमार ने बताया कि महाकुम्भ के स्लज निस्तारण के लिये बार्क की मदद से मेला क्षेत्र में 3 अस्थाई एसटीपी बनाए गये हैं। इन एसटीपी तक स्लज पहुचांने का कार्य विभाग के 9 सेसफुल व्हीकल और सीवेज पाइप लाइन करेंगी। जल निगम में इसके लिए 4 हजार लीटर कैपिसिटी के चार, 3 हजार लीटर के तीन और हजार लीटर के दो सेसफुल व्हीकल मेला क्षेत्र में नियमित स्लज निस्तारण का कार्य करेंगे। मेला क्षेत्र का शेष गंदा पानी सीवेज पाइप लाइन से सीधे एसटीपी तक पहुंचेगा।
अरैल फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट का मुख्यमंत्री करेंगे निरीक्षण
महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं के स्लज का अतिरिक्त दबाव प्रयागराज शहर पर न पड़े इसके लिए जल निगम ने पहले ही अलोपी पम्पिंग स्टेशन की क्षमता विस्तारीकरण का कार्य पूरा कर लिया है। इसके बारे में अधिशासी अभियंता सौरभ कुमार ने बताया कि अलोपी पम्पिंग स्टेशन की क्षमता 45 केएलडी से बढ़ा कर 80 केएलडी करने का कार्य पूरा कर लिया गया है। 10 दिसंबर से राइजिंग के कार्य के बाद अलोपी पम्पिंग स्टेशन पूरी क्षमता से कार्य करने लगेगा। इसके दोनों ओल्ड और न्यु सम्प की वर्किंग शुरू हो जाएगी। साथ ही उन्होंने बताया कि सीएम योगी 07 दिसंबर को अपने प्रयागराज दौर पर अरैल स्थित फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण करेंगे। ये ट्रीटमेंट प्लांट जून महीने से नैनी, महेवा और आस-पास के घरेलू सेप्टिक टैंक के स्लज को ट्रीट कर रहा है। यहां से ट्रीटेड स्लज झूंसी के को-ट्रीटमेंट प्लांट में भेजा जाता है, वहां से फाइनली 10 से 20 बीओडी का ट्रीटेड पानी छोड़ा जाता है।
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