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आज से शुरू हो रहा है बिहार विधानसभा का पांच दिवसीय पहला सत्र

पांच भाषाओं में शपथ ले सकेंगे सदस्य

पटना : बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के नए जनादेश के बाद गठित 17वीं बिहार विधानसभा का पहला सत्र सोमवार से आरंभ होगा। कोविद-19 के संक्रमण के बीच आयोजित होने वाले इस पांच दिवसीय सत्र में सामाजिक दूरी को लेकर जहां कई नयापन देखने को मिलेंगे, वहीं पहली बार चुनकर आए, दूसरी बार चुनकर आए और एक या इससे अधिक अंतराल के बाल चुनकर आए सदस्यों के अलग-अलग स्तरों के उत्साह का भी जह सत्र गवाह बनेगा।

17वीं विधानसभा के पांच दिवसीय सत्र का पहला दो दिन सदस्यों के लिहाज से खासा महत्वपीर्ण होगा जबकि शेष तीन दिन विधायी कार्यों को लेकर बेहद अहम हैं। 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में 43.2 फीसदी अर्थात 105 ऐसे सदस्य आए हैं जो पहली बार विधानसभा की सदस्यता की शपथ लेंगे। पिछली विधानसभा के भी सदस्य रहे 98 यानी कि 40.3 फीसदी सदस्य इस विधानसभा में भी दोबारा जीतकर आए हैं। वहीं 40 (16.46) ऐसे सदस्य भी 23 और 24 नवम्बर के बीच सदस्यता लेंगे जो अंतराल (ब्रेक) के बाद जीतकर फिर से बिहार विधानसभा पहुंचे हैं। सत्र को लेकर सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था हुई है।

दमदार विपक्ष, सत्तापक्ष भी तैयार
वैसे तो पहला सत्र सदस्यों के शपथग्रहण को लेकर खास है लेकिन 110 की संख्या के साथ विपक्ष के दमदार मौजूदगी सदन में रहेगी। रोजी-रोजगार और भ्रष्टाचार को लेकर मौका देखते ही जहां विपक्ष वार करेगा वहीं सत्तापक्ष भी उसकी काट को लेकर तैयार दिख रहा है।

सबसे पहला शपथ डिप्टी सीएम का होगा
सामाजिक दूरी बरतने के लिहाज से सदस्यों का बारी-बारी से शपथ होगा। सबसे पहले उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, फिर रेणु देवी का शपथ होगा। उसके बाद मंत्री विजय चौधरी, बिजेन्द्र यादव, शीला कुमारी, अमरेन्द्र प्रताप सिंह, डा. रामप्रीत पासवान, जीवेश मिश्रा, रामसूरत राय क्रमश शपथ लेंगे। फिर सदस्यों की बारी आएगी। प्रोटेम स्पीकर जीतनराम मांझी सदस्यों को शपथ दिलायेंगे जबकि उनके नाम विधानसभा के सचिव पुकारेंगे। विस क्षेत्र 1 वाल्मीकिगर से संख्यावार सदस्यों को शपथ दिलायी जाएगी।

सेंट्रल हॉल में संचालित होगा सत्र
कोविद-19 के प्रभाव को देखते हुए अबकी बिहार विधानसभा का सत्र पांचो दिन विस्तारित भवन स्थित सेंट्रल हॉल में होगा। यहीं राज्यपाल का अभिभाषण समेत अन्य गतिविधियां होंगी। शपथ ग्रहण को लेकर पहले दो दिन सदस्यों के बैठने की व्यवस्था आम रहेगी। शेष तीन दिन अध्यक्ष के आसन के दायें सत्तापक्ष जबकि बायें विपक्ष के सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी। उधर विधानसभा के पुराने हॉल (वेश्म) में 26 और 27 को विधान परिषद की कार्यवाही चलेगी।

पांच भाषाओं में शपथ लेने का विकल्प
निर्वाचित सदस्यों को पांच भाषाओं हिन्दी, अंग्रेजी, मैथिली, उर्दू और संस्कृत में से किसी भी एक भाषा में शपथ लेने की छूट रहेगी। विस सचिवालय ने सभी पांच भाषाओं में शपथ के लिए स्क्रिप्ट तैयार कराया है। जानकारी के मुताबिक हिन्दी और मैथिली के स्क्रिप्ट की अधिक मांग है। शपथ के बाद सदस्य अध्यक्ष से हाथ नहीं मिला सकेंगे, बल्कि हाथ जोड़ अभिभावन कर आगे बढ़ जाएंगे।

25 को होगा अध्यक्ष का चुनाव
तय कार्यक्रम के मुताबिक 23 और 24 नवम्बर को नवनिर्वाचित सदस्यों द्वारा शपथ लिया जाएगा। 25 को विस की प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियमावली के नियम 9(1) के तहत अध्यक्ष का निर्वाचन होगा। 26 को सेंट्रल हॉल में ही राज्यपाल विधानमंडल के समवेत बैठक को संबोधित करेंगे। सत्र के आखिरी दिन 27 को राज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर वाद विवाद एवं सरकार का उत्तर होगा। इसी दिन सरकार के (वर्ग-5) विभागों ऊर्जा, आपदा, स्वास्थ्य, पर्यटन, योजना विकास पर सवाल-जवाब तथा सरकार द्वारा अनुपरक बजट भी पेश किया जाएगा।

संसदीय मंत्री विजय कुमार चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया कि यह स्वागत सत्र है। नए जनादेश के पहले सत्र के सफल संचालन में सबों का सहयोग चाहिए। मुद्दों को रखने के लिए आगे भी समय मिलेगा। कोविद -19 को लेकर सभी एहतियात बरते जा रहे हैं। सदस्यों के सम्पर्क में आने वाले सभी सदस्यों की कोरोना जांच हुई है। सदस्यों के लिए भी जांच की व्यवस्था होगी। सामाजिक दूरी का पालन किया जाएगा।

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