नई दिल्ली । केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज नई दिल्ली में वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) के संचालक मंडल की विशेष बैठक में भाग लिया। इस बैठक के एजेंडे में एनडीबी के अगले अध्यक्ष का चुनाव, उपाध्यक्ष एवं मुख्य जोखिम अधिकारी की नियुक्ति और सदस्यता का विस्तार करना जैसे कार्य शामिल थे।
वित्त मंत्री ने अपने प्रारंभिक संबोधन में बुनियादी ढांचे के विकास के वित्तपोषण में एनडीबी के अहम योगदान की सराहना की, जिसका भारत सहित सदस्य देशों के विकास एजेंडे पर सकारात्मक असर रहा है। एनडीबी ने छोटी सी अवधि में ही सदस्य देशों की 55 परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है जिसमें 16.6 अरब डॉलर की राशि निहित है और यह निश्चित तौर पर एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। श्रीमती सीतारमण ने यह भी उल्लेख किया कि बैंक ने सफलतापूर्वक अपनी एक विशिष्ट पहचान बना ली है और यह गर्व से कंधे से कंधा मिलाकर समकक्ष एमडीबी के साथ खड़ा है।
वित्त मंत्री ने वर्ष 2014 में ब्रिक्स के नेताओं द्वारा निर्दिष्ट किए गए विजन को बहुत जल्दी मूर्त रूप देने में उत्कृष्ट नेतृत्व प्रदान करने के लिए एनडीबी के निवर्तमान अध्यक्ष श्री के.वी. कामथ की सराहना की। ‘कोविड-19 आपातकालीन कार्यक्रम ऋण’ उत्पाद को लॉन्च कर कोविड-19 से निपटने के लिए बड़ी तेजी से उठाए गए कदम को उनके एक अहम योगदान के रूप में याद किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने नव-निर्वाचित अध्यक्ष ब्राजील के मार्कोस ट्रॉयजो और नवनियुक्त उपाध्यक्ष एवं सीआरओ भारत के अनिल किशोरा को बधाई दी। इसके साथ ही सीतारमण ने कहा कि उन्हें इस उत्कृष्ट गति को आगे बढ़ाने के साथ-साथ सदस्य देशों को ऋण देने, पारदर्शिता, अंतर्राष्ट्रीय विश्वसनीयता और एनडीबी के अधिदेश को प्रभावकारी ढंग से हासिल करने के मामले में एनडीबी को अगले स्तर पर ले जाने में नए नेतृत्व से बहुत उम्मीदें हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि इसके साथ ही ब्रिक्स के मूल्यों के संरक्षण और एनडीबी को एक वैश्विक विकास संस्थान के रूप में विकसित करने के दोहरे उद्देश्य को प्राप्त करने पर भी फोकस किया जाना चाहिए।