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एफसीआई ने लॉकडाउन के दौरान खाद्यान्न आपूर्ति बनाये रखने के लिए अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में दो पोत एवं लक्षद्वीप द्वीपसमूह में 7 छोटे पोत भेजे

नई दिल्ली । इन कठिन दिनों के दौरान, जब अनिवार्य वस्तुओं की लॉजिस्टिक्स सभी हितधारकों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है, एफसीआई ने सुनिश्चित किया है कि सभी उपलब्ध संसाधनों और परिवहन के साधनों का उपयोग करके देश के सबसे सुदूर द्वीपसमूहों में खाद्यान्न की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध कराई जाए।

लॉकडाउन की अवधि के दौरान अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह तथा लक्षद्वीप को खाद्यान्न की निरंतर आपूर्ति बनाये रखने का कार्य भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा पिछले 27 दिनों में पूरे जोर शोर से किया जा रहा है। इसके कठिन भूभागीय क्षेत्र एवं सीमित पहुंच के कारण इन द्वीपसमूहों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत अनाजों की अबाधित आपूर्ति सुनिश्चित करते हुए लॉजिस्टिक्स परिचालन बनाये रखना बेहद दुष्कर कार्य है। इन द्वीपसमूहों में पीडीएस पर भारी निर्भरता को देखते हुए यह सुनिश्चित करना बेहद महत्वपूर्ण है कि प्रत्येक द्वीपसमूह पर नियत समय पर खाद्यान्न पहुंचे। एफसीआई ने 27 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में दो पोत एवं लक्षद्वीप द्वीपसमूह में 7 छोटे पोत भेजे जोकि इन द्वीपसमूहों को मासिक औसत आवाजाही के दोगुने से अधिक है।

अंडमान एवं निकोबार तथा लक्षद्वीप द्वीपसमूहों की बहुत विशिष्ट लॉजिस्टिक्स संबंधी चुनौतियां हैं क्योंकि ये क्षेत्र मुख्य भूमि से सड़क/रेल से जुड़े हुए नहीं हैं और समुद्र का रास्ता ही खाद्यान्न की आवाजाही का एकमात्र विकल्प है। एफसीआई का अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह तथा लक्षद्वीप द्वीपसमूह प्रत्येक में एक एक डिपो है जिसमें पोर्ट ब्लेयर में 7080 एमटी की क्षमता है तथा एंड्रोथ में 2500 एमटी की क्षमता है। इसके अतिरिक्त, पोर्ट ब्लेयर के अपने मुख्य डिपो पर स्टॉक ले जाने के लिए एफसीआई काकीनाडा बंदरगाह (आंध्र प्रदेश) से पोत आवाजाही के जरिये सीधे 12 प्रमुख वितरण केंद्रों (पीडीसी) को खाद्यान्न भेज कर पूरे अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में खाद्यान्न की आपूर्ति सुनिश्चित करता है। लक्षद्वीप द्वीपसमूह की पीडीएस आवश्यकता की पूर्ति एंड्रोथ में 2500 एमटी के एफसीआई के गोदाम के जरिये होती है। एंड्रोथ एफसीआई को खाद्यान्न की आपूर्ति मैंगलोर बंदरगाह (कर्नाटक) से पोत के जरिये होती है और यूटी प्रशासन एंड्रोथ से आगे छोटे छोटे द्वीपों में आपूर्ति करने का काम करता है।

पिछले 27 दिनों की लॉकडाउन अवधि के दौरान मंगलौर बंदरगाह से लक्षद्वीप को लगभग 1750 एमटी खाद्यान्न भेजा गया है जो 600 एमटी के सामान्य मासिक औसत की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक है। इसी प्रकार, काकीनाडा बंदरगाह से पोर्ट ब्लेयर एवं अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह के विभिन्न द्वीपों पर स्थित विभिन्न पीडीसी को लगभग 6500 एमटी की मात्रा भेजी गई है जो 3000 एमटी के सामान्य मासिक औसत की तुलना में दोगुने से अधिक है।

देशव्यापी लॉकडाउन के कारण उत्पन्न सभी प्रकार चुनौतियों के बावजूद इन द्वीपसमूहों में खाद्यान्नों की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकी और पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेऐवाई) के तहत अतिरिक्त आवंटन सहित 27 दिनों की लॉकडाउन अवधि के दौरान लक्षद्वीप द्वीपसमूह में लगभग 1100 एमटी खाद्यान्न एवं अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में लगभग 5500 एमटी की मात्रा का वितरण किया जा चुका है। लक्षद्वीप ने पहले ही पीएमजीकेऐवाई के तहत 3 महीने के आवंटन का अपना कोटा उठा लिया है जबकि अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह ने इस स्कीम के तहत दो महीने से अधिक का कोटा उठाया है।

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