किसान खुशहाल हैं, ट्रैक्टर के आंकड़े तो यही बता रहे

बदले दौर में किसानों की शान और संपन्नता के प्रमाण माने जाते हैं ट्रैक्टर लखनऊ । बात करीब चार दशक पुरानी है। तब किसी किसान की संपन्नता का पैमाना दरवाजे पर बंधे बैलों की संख्या होती थी। धीरे-धीरे ट्रैक्टर ने बैलों को खेतीबाड़ी में अप्रासंगिक बना दिया। बदले दौर में … Continue reading किसान खुशहाल हैं, ट्रैक्टर के आंकड़े तो यही बता रहे