किसानों का आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगाः टिकैत

संयुक्त किसान मोर्चा ने किया कृषि क़ानूनों को रद्द करने के निर्णय का स्वागत

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि किसानों का आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा।उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, ” आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा। सरकार एमएसपी के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें। “उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणी की और कहा कि इसके लिए 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद सत्र में प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम)तीन कृषि क़ानूनों को रद्द करने के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि वह उचित संसदीय प्रक्रियाओं के माध्यम से घोषणा के प्रभावी होने की प्रतीक्षा करेगा।संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान जारी कर आज कहा, “संयुक्त किसान मोर्चा इस निर्णय का स्वागत करता है और उचित संसदीय प्रक्रियाओं के माध्यम से घोषणा के प्रभावी होने की प्रतीक्षा करेगा। अगर ऐसा होता है, तो यह भारत में एक वर्ष से चल रहे किसान आंदोलन की ऐतिहासिक जीत होगी। हालांकि, इस संघर्ष में करीब 700 किसान शहीद हुए हैं। लखीमपुर खीरी हत्याकांड समेत, इन टाली जा सकने वाली मौतों के लिए केंद्र सरकार की जिद जिम्मेदार है।”

बयान में कहा गया कि संयुक्त किसान मोर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह भी याद दिलाना चाहता है कि किसानों का यह आंदोलन न केवल तीन काले कानूनों को निरस्त करने के लिए है, बल्कि सभी कृषि उत्पादों और सभी किसानों के लिए लाभकारी मूल्य की कानूनी गारंटी के लिए भी है। किसानों की यह अहम मांग अभी बाकी है। इसी तरह बिजली संशोधन विधेयक को भी वापस लिया जाना बाक़ी है। एसकेएम सभी घटनाक्रमों पर संज्ञान लेकर, जल्द ही अपनी बैठक करेगा और आगे के निर्णयों की घोषणा करेगा।उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज तीनों कृषि क़ानून वापस करने की घोषणा की और एमएसपी और शून्य बजट खेती पर सिफ़ारिश के लिए बहुपक्षीय समिति बनाने का एलान किया।

किसानों के सत्याग्रह की ऐतिहासिक सफलता : सिद्धू

पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने कृषि कानून रद्द करने की प्रधानमंत्री की घोषणा को किसान मोर्चा के सत्याग्रह की ऐतिहासिक सफलता करार दियपा।उन्होंने यहां अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि कृषि कानून रद्द करना सही दिशा में एक कदम है।उन्होंने कहा कि यह किसान मोर्चा के सत्याग्रह की ऐतिहासिक सफलता है।

किसानों की शहादत अमर रहेगी: केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तीन कृषि क़ानून रद्द होने को बड़ी ख़ुशख़बरी बताते हुए कहा कि आंदोलन के दौरान शहीद होने वाले किसानों की शहादत अमर रहेगी।श्री केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन कृषि क़ानूनों को रद्द करने की घोषणा के बाद ट्वीट कर कहा, “आज प्रकाश दिवस के दिन कितनी बड़ी ख़ुशख़बरी मिली। तीनों क़ानून रद्द। 700 से ज़्यादा किसान शहीद हो गए। उनकी शहादत अमर रहेगी। आने वाली पीढ़ियाँ याद रखेंगी कि किस तरह इस देश के किसानों ने अपनी जान की बाज़ी लगाकर किसानी और किसानों को बचाया था। मेरे देश के किसानों को मेरा नमन।’’उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्र के नाम संबोधन में तीनों कृषि कानून वापस लेने की घोषणा कर दी। उन्होंने कहा कि इस महीने के आख़िर से शुरू हो रहे संसद के सत्र में इन कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू होगी।

कृषि क़ानूनों को वापस लेने का निर्णय हर एक किसान की जीतः ममता

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि सरकार की ओर से कृषि क़ानूनों को वापस लेने का निर्णय हर एक किसान की जीत है।सुश्री बनर्जी ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, “सभी किसानों को मेरा हार्दिक अभिनंदन, जिन्होंने अथक संघर्ष किया और उस क्रूर व्यवहार से विचलित नहीं हुए, जो भारतीय जनता पार्टी ( भाजपा ) ने किसानों के साथ किया। “उन्होंने कहा कि इस संघर्ष में अपने प्रियजनों को खोने वाले सभी लोगों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है।उल्लेखनीय है कि करीब एक वर्ष से किसान आंदोलन की वजह बने तीनों नए कृषि कानून सरकार ने वापस ले लिए हैं। आज राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह बड़ा ऐलान किया। श्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को नेक नीयत के साथ लाई थी, लेकिन यह बात हम किसानों को समझा नहीं पाए।तीनों नए कृषि कानूनों को बीते वर्ष सितंबर को संसद से मंजूरी मिली थी। उसके बाद राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने तीनों कानूनों के प्रस्ताव पर सिंतबर को दस्तखत किए थे। इसके बाद से ही किसान संगठनों ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया था।

कृषि कानून वापसी की घोषणा मोदी सरकार के अहंकार की हार: गहलोत

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा की तीन कृषि क़ानूनों को रद्द करने की घोषणा लोकतंत्र की जीत तथा मोदी सरकार के अहंकार की हार है।श्री गहलोत ने ट्वीट कर कहा, “तीनों काले कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा लोकतंत्र की जीत एवं मोदी सरकार के अहंकार की हार है। यह पिछले एक साल से आंदोलनरत किसानों के धैर्य की जीत है। देश कभी नहीं भूल सकता कि मोदी सरकार की अदूरदर्शिता एवं अभिमान के कारण सैकड़ों किसानों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।’’उन्होंने कहा, “मैं किसान आंदोलन में शहादत देने वाले सभी किसानों को नमन करता हूं। यह उनके बलिदान की जीत है।’’उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज तीनों कृषि क़ानून वापस करने की घोषणा की और एमएसपी और शून्य बजट खेती पर सिफ़ारिश के लिए बहुपक्षीय समिति बनाने का एलान किया।

अहंकार का सिर झुकाने वाले किसानों को जीत मुबारक: राहुल

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने तीनों कृषि कानून वापस लेने की सरकार की घोषणा को अन्याय की हार बताते हुए किसानों को जीत की बधाई दी और कहा कि अन्नदाता के सत्याग्रह के सामने अहंकार का सिर झुका है।श्री गांधी ने ट्वीट किया, “देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया। अन्याय के खिलाफ़ ये जीत मुबारक हो! जय हिंद, जय हिंद का किसान।”गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान करते हुए आंदोलनकरी किसानों से घर लौटने की अपील की है। हालांकि, किसानों का कहना है कि वे अभी आंदोलन तभी खत्म करेंगे, जब संसद में इसे वापस लेने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

टूट गया अभिमान जीत गया किसान: हार्दिक पटेल

गुजरात प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने कहा कि आज किसान और उनके आंदोलन की जीत हुई और सरकार का अभिमान टूटा है।श्री पटेल ने ट्वीट कर कहा, “टूट गया अभिमान, जीत गया मेरे देश का किसान। आज किसान और उनके आंदोलन को विजय प्राप्त हुआ हैं। आंदोलन में और भाजपा की तानाशाही से शहीद हुए किसानों को यह विजय श्रद्धांजलि के रूप में अर्पित हैं।”उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, “भाजपा के नेता अभी तक तीन कृषि क़ानून लागू होने के फ़ायदे गिनाते थे लेकिन आज से तीन कृषि क़ानून वापिस लेने के फ़ायदे गिनाएँगे।’’वहीं राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के संयोजक जिगणेश मेवानी ने कहा पंजाब और उत्तर प्रदेश के चुनावों में दिख रहे खतरे के चलते किसान विरोधी तीनों कानून वापस लेने की सरकार की घोषणा का स्वागत है।उन्होंने कहा कि यदि चुनावी गणित के बजाय मानवीय संवेदना से प्रेरित होकर यह निर्णय पहले ही ले लिया गया होता तो सेंकडो किसानों की जाने बच जाती।उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज तीनों कृषि क़ानून वापस करने की घोषणा की और एमएसपी और शून्य बजट खेती पर सिफ़ारिश के लिए बहुपक्षीय समिति बनाने का एलान किया।

Exit mobile version