वाराणसी । बहारों फूल बरसाओ मेरा महबूब आया है…. ओ दुनिया के रखवाले.. दिल के झरोखों में रखूंगा मैं.. ये दुनिया ये महफिल मेरे काम की नहीं .. क्या हुआ तेरा वादा.. जैसे हजारों सुपरहिट गीत गाने वाले महान गायक मोहम्मद रफी की रविवार को 42वीं पुण्य तिथि है। शहर में महान फनकार के प्रशंसकों ने उन्हें याद किया और सोशल मीडिया के जरिये श्रद्धांजलि दी। इसी क्रम में डर्बीशायर क्लब के बैनर तले शकील अहमद जादूगर की अगुवाई में पितरकुंडा कुंड पर जुटे प्रशंसकों ने मछलियों को चारा खिलाकर महान फनकार को श्रद्धांजलि दी।
इस दौरान शकील अहमद ने कहा कि महान फनकार रफी साहब का जन्म 24 दिसंबर 1928 को हुआ था। 50 व 60 के दशक के मशहूर गायक मोहम्मद रफी ने तत्कालीन अभिनेताओं के लिये अपनी मधुर आवाज दी । जिसमें ओ दुनिया के रखवाले,कर चले हम फिदा जानो तन साथियों, अभी न जाओ छोड़कर के दिल अभी भरा नहीं, असली क्या है नकली क्या है पूछो दिल से मेरे, झिलमिल सितारों का आंगन होगा रिमझिम बरसता सावन होगा, आया सावन झूम के जैसे गीत शामिल है।
उनके गीत दिल और दिमाग को खुश करने में बेहद प्रभावशाली है। उनके गाये गीत आज भी हमारे दिलों में राज कर रहे हैं। 31 जुलाई 1980 को हमारे चहेते गायक इस फानी दुनिया से रुखसत हो गये। आज हम सब रफी साहब की याद में मछलियों को चारा खिलाकर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। इस दौरान प्रशंसकों ने भारत सरकार से मांग किया कि जिस तरह से मशहूर गीतकार कैफी आजमी साहब की याद में कैफियात नाम से ट्रेन चलायी है उसी तरह रफीसाहब की भी याद में एक ट्रेन चलायी जाय। कार्यक्रम में प्रमोद वर्मा, हैदर मौलाई, हाजी असलम, साजिद खां, अरशद खां, बाले शर्मा, विक्की यादव, अब्दुल रहमान, चिंतित बनारसी आदि शामिल रहे।(हि.स.)