EducationNational

अगले वर्ष से मातृभाषा में भी होगी इंजीनियरिंग की पढ़ाई

नई दिल्ली : केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय अगले सत्र से इंजीनियरिंग की पढ़ाई मातृभाषा में शुरू करने जा रहा है। इसकी शुरुआत पहले कुछ चुनिंदा आईआईटी और एनआईटी से होगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की अध्यक्षता में गुरुवार को शिक्षा योजनाओं व कार्यक्रमों को लेकर हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया।

मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, नई शिक्षा नीति के तहत राज्य और शिक्षण संस्थानों को अपनी मातृभाषा में पढ़ाई करने की आजादी दी गई है। इसी के तहत अगले सत्र से पायलट प्रोजेक्ट में चुनिंदा आईआईटी, एनआईटी और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के तकनीकी कॉलेजों में इंजीनियरिंग प्रोग्राम की पढ़ाई मातृभाषा में होगी। मसलन बंगाली, तमिल, कन्नड़, तेलगू, मलयालम, असमिया, कश्मीरी, गुजराती, मराठी, पंजाबी आदि भाषाओं में इंजीनियरिंग प्रोग्राम की किताब पढ़ने का मिलेंगी।

मातृभाषा से संपूर्ण विकास
दरअसल मोदी सरकार नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ अपनी संस्कृति व भाषा से भी जोड़ना चाहती है, ताकि उनका संपूर्ण विकास हो। इसी के तहत आठवीं तक की पढ़ाई मातृभाषा में अनिवार्य की गई है। यदि राज्य सरकारें चाहें तो मेडिकल, इंजीनियरिंग समेत सामान्य डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई भी अपने यहां मातृभाषा में करवा सकती हैं। इसके लिए राज्यों के साथ केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की समिति की बैठकें चल रही हैं।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने यूजीसी को निर्देश दिया है कि वह छात्रों तक छात्रवृत्ति और फेलोशिप समय से पहुंचाना सुनिश्चित करे और इस संबंध में एक हेल्पलाइन भी शुरू करे। डॉ. निशंक ने कहा कि छात्रों की समस्या का निपटारा जल्द से जल्द होना चाहिए।

VARANASI TRAVEL
SHREYAN FIRE TRAINING INSTITUTE VARANASI

Related Articles

Back to top button
%d bloggers like this: