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भूस्खलन में टेरिटोरियल आर्मी के 43 जवान मलबे में दबे, 7 शहीद

प्रधानमंत्री ने भूस्खलन पर मणिपुर के मुख्यमंत्री से की बात.मलबे में दबे कुल 82 में से 19 लोग बचाए गए, राहत एवं बचाव कार्य जारी

मणिपुर । मणिपुर के नोनी जिले में तेज बारिश के दौरान बीती रात बड़ा हादसा हुआ। टेरिटोरियल आर्मी कैंप के निकट टुपुल रेलवे लाइन निर्माण शिविर में भारी भूस्खलन के कारण 82 लोग मलबे में दब गए। हालांकि इनमें से 19 लोगों को जिंदा बचा लिया गया, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे में टेरिटोरियल आर्मी के 7 जवानों के शहीद होने की पुष्टि हुई है। राज्य सरकार की ओर से जारी सूचना के आधार पर 12वीं बटालियन एनडीआरएफ ने यह जानकारी दी है।

भूस्खलन के चपेट में आए लोगों में टेरिटोरियल आर्मी के कुल 43 जवान थे। इनमें से 13 को जीवित निकाल कर अस्पताल में भर्ती कराया गया है जबकि 7 जवान शहीद हो गए। अभी तक 23 जवानों का पता नहीं चल पाया है। भारत इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि. (बीआईपीएल) के 4 कर्मी थे, जिसमें एक को जीवित बरामद किया गया है। विशाखापट्टनम कंस्ट्रक्शन (वीएससी) कंपनी के 23 कर्मी थे, जिसमें 5 को जीवित बरामद कर लिया गया है, जबकि 18 को पता नहीं चल सका है। रेलवे के तीन कर्मचारी थे, जिनका पता नहीं चल सका है। एक रसोइया था, उसका भी पता नहीं है। 3 अन्य व्यक्ति तथा 5 ग्रामीण थे, जिनका पता नहीं चल सका है। बताया गया है कि मलबे में अभी और लोग दबे हुए हैं। मौतों का अभी पता लगाना बाकी है।

भारतीय सेना और असम राइफल्स, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के जवान भूस्खलन में गायब हुए लोगों की तलाश में बड़े पैमाने पर राहत एवं बचाव अभियान को अंजाम दे रहे हैं। अब तक 19 लोगों को बचाया गया है। घायलों को आर्मी मेडिकल यूनिट ले जाया गया है, जहां उनका इलाज जारी है। गंभीर रूप से घायल लोगों को बेहतर इलाज के लिए इंफाल के जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान भेजा गया है। बीती रात को हुई इस घटना के पीड़ितों की पहचान सामने नहीं आई है।

इस बीच, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह भूस्खलन पीड़ितों के बचाव अभियान के लिए लगातार संपर्क में हैं। इस बीच, आज सुबह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री से टेलीफोन पर बातचीत कर स्थिति का जायजा लिया और उन्हें सभी आवश्यक उपाय करने का निर्देश दिया है। बीरेन सिंह ने बताया कि टुपुल रेलवे स्टेशन के पास भूस्खलन की घटना को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से भी बात की है।

मुख्यमंत्री सिंह ने स्थिति को देखते हुए आज सुबह आपात बैठक की। बैठक में टुपुल में भूस्खलन की स्थिति पर विस्तार से चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने संबंधित जिला मजिस्ट्रेट को सेना और अर्धसैनिक बलों और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की मदद से लापता लोगों को बचाने के लिए तलाशी अभियान तेज करने का निर्देश दिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बचाव अभियान में सहायता के लिए डॉक्टरों की एक बड़ी टीम के साथ एंबुलेंस भेजी गई है। उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ की एक टीम बचाव अभियान में जुट गई है। दो और टीमों को मौके पर रवाना किया गया है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इंफाल-जिरिबाम रेलवे लाइन की सुरक्षा को देखते हुए टुपुल रेलवे स्टेशन के पास भारतीय सेना को तैनात किया गया था।

इस बीच, जिलाधिकारी हाउलियानलाल गुइते ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि भारतीय सेना की 107 टेरिटोरियल आर्मी कंपनी के शिविर के पास टुपुल रेलवे यार्ड निर्माण शिविर में बीती आधी रात को भूस्खलन हुआ। तामेंगलोंग और नोनी जिलों से होकर बहने वाली ईजेई नदी के मार्ग में भूस्खलन से बाधा उत्पन्न हो गयी है जिसके चलते बांध जैसी स्थिति पैदा हो गयी है। उन्होंने कहा कि आपदा की स्थिति को देखते हुए जिलाधिकारी ने आम जनता खासकर बच्चों को नदी में न जाने की चेतावनी दी है।

नोनी महकुमा अधिकारी सालोमोन एल फेमेट ने बताया कि मौके से सात शव बरामद हुए हैं, जबकि कई लोग घायल भी हुए हैं। उन्होंने बताया कि 19 लोगों को पहले ही बचा लिया गया है। उनका इलाज आर्मी मेडिकल यूनिट में चल रहा है। इसके अलावा भारतीय सेना और असम राइफल्स के जवान लापता लोगों को बचाने के लिए आगे आए हैं। उन्होंने कहा कि हताहतों और लापता लोगों में से अधिकांश अधिकारी, मजदूर और रेलवे लाइनों के निर्माण में लगे सेना के जवान हैं।

पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ ने बताया कि खराब मौसम के कारण भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में बचाव अभियान को भारी रूप से प्रभावित कर रहा है। उन्होंने कहा कि लगातार बारिश के कारण भारी भूस्खलन से चल रही इंफाल-जिरीबाम नई लाइन परियोजना के टुपुल स्टेशन की इमारत को भी नुकसान पहुंचा है। भूस्खलन से नवनिर्मित पटरियों और निर्माण श्रमिकों के शिविरों को भी नष्ट हो गया। एनएफ रेलवे के सीपीआरओ ने कहा, बचाव अभियान जारी है।

सेना के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि जनता को इस समय इंफाल-जिरीबाम राष्ट्रीय राजमार्ग 37 पर न जाने की सलाह दी गई है। उन्होंने बताया कि अब तक 19 लोगों को बचाया है। घायलों को आर्मी मेडिकल यूनिट ले जाया गया है। उनका इलाज जारी है। गंभीर रूप से घायल कर्मियों को बेहतर इलाज के लिए इंफाल के जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान भेजा गया है।(हि.स.)

प्रधानमंत्री ने भूस्खलन पर मणिपुर के मुख्यमंत्री से की बात

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भूस्खलन पर गुरुवार को मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से बात की और केंद्र से हर संभव मदद का आश्वासन दिया।प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, “मणिपुर के मुख्यमंत्री श्री एन बीरेन सिहं जी से बात की और एक दुखद भूस्खलन के कारण स्थिति की समीक्षा की। केंद्र से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। मैं सभी प्रभावितों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता हूं। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। ईश्वर घायलों को शीघ्र स्वस्थ करें।”

शाह ने बीरेन सिंह और वैष्णव से बात कर भूस्खलन की जानकारी ली

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से बात कर मणिपुर के तुपुल रेलवे स्टेशन के निकट भूस्खलन की घटना के बारे में जानकारी ली है।श्री शाह ने गुरूवार को ट्वीट कर कहा , “ मुख्यमंत्री एन बीरेन शाह और अश्विनी वैष्णव से मणिपुर के तुपुल रेलवे स्टेशन के निकट भूस्खलन के बारे में जानकारी ली। घटनास्थल पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है। एनडीआरएफ की एक टीम पहले ही घटनास्थल पर पहुंच गयी है और अभियान में हाथ बंटा रही है।

दो अन्य टीम तुपुल के लिए रवाना हो गयी हैं। ”उल्लेखनीय है कि मणिपुर के नोनी जिले में बुधवार आधी रात हुए भीषण भूस्खलन में प्रादेशिक सेना के कई जवान दब गये। हादसे में प्रादेशिक सेना के दो जवानों सहित आठ लोगों की मौत हो गयी है। बचाव टीमों ने 23 लोगों को बचा लिया है जबकि 50 अन्य के अभी भी लापता होने की खबर है।मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह घटनास्थल पर पहुंच गये हैं और बचाव अभियान पर नजर रखे हुए हैं। सेना, असम राइफल्स, मणिपुर पुलिस और स्थानीय लोगों द्वारा बड़े पैमाने पर बचाव कार्य किया जा रहा है।(वार्ता)

 

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