नयी दिल्ली : कर्तव्य पथ पर शुक्रवार को 75 वें गणतंत्र दिवस पर आयोजित परेड के दौरान रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की ओर से विकसित कई महत्वपूर्ण प्रणालियों तथा प्राैद्योगिकियों को प्रदर्शित किया गया।डीआरडीओ की महिला वैज्ञानिकों का ‘आत्मनिर्भरता’ के प्रवर्तक के रूप में रक्षा अनुसंधान के प्रमुख क्षेत्रों में बहुमूल्य योगदान रहा है। डीआरडीओ की इस वर्ष की झांकी ‘पृथ्वी, वायु, समुद्र, साइबर और अंतरिक्ष जैसे पांचों आयामों में रक्षा कवच प्रदान करके राष्ट्र की सुरक्षा करने में महिला शक्ति’ विषय पर आधारित रही।इस झांकी में डीआरडीओ में महिलाओं की भागीदारी को प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया।
प्रसिद्ध वैज्ञानिक सुनीता देवी जेना दस्ते की कमांडर रहीं। झांकी में मैन पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल(एमपीएटीजीएम), एंटी-सैटेलाइट (एएसएटी) मिसाइल, और अग्नि-5, सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल, बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली (वीएसएचओआरएडीएस), नौसेना एंटी-शिपमिसाइल शॉर्ट रेंज (एनएएसएम-एसआर), एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल ‘हेलिना’, क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एयर मिसाइल (क्यूआरएसएएम), एस्ट्रा, लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट ‘तेजस’, ‘उत्तम’ एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे रडार (एईएसएआर), एडवांस्ड इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम ‘शक्ति’, साइबर सुरक्षा प्रणालियां, कमांड कंट्रोल सिस्टम और सेमी कंडक्टर फैब्रिकेशन सुविधा का प्रदर्शन किया गया। (वार्ता)
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