आरएसएस ने दी दिवंगत प्रचारको, कार्यकर्ताओं को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि
प्रयागराज। संगठन एवं समाज की सेवा करते हुए महामारी की चपेट में आकरअपना प्राण गंवाने वाले वरिष्ठ प्रचारको समेत 13 कार्यकर्ताओं को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अश्रु पूरित श्रद्धांजलि अर्पित कर उनकी निष्ठा, समर्पण तथा कार्यों का भावपूर्ण स्मरण किया। प्रतिबद्ध कार्यकर्ताओं के असामयिक निधन को संगठन ने अपूरणीय क्षति बताते हुए परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना जताई।
सोमवार को काशी प्रांत की संपन्न हुई ऑनलाइन श्रद्धांजलि सभा में वक्ताओं ने उत्तर प्रदेश भाजपा के सह संगठन मंत्री भवानी सिंह एवं प्रांत के सह गो सेवा प्रमुख अनिल जी समेत 13 कार्यकर्ताओं को अत्यंत भावुक होकर श्रद्धांजलि अर्पित की। सभा का दृश्य यह था कि कई पदाधिकारी चाहते हुए भी अपने आंसुओं को रोक नहीं सके। आंखों से बहते आंसुओं के बीच रु़धे गलो से अपनी मार्मिक संवेदना जताई।
क्षेत्र शारीरिक प्रमुख गजेंद्र सिंह एवं सह प्रांत प्रचारक मुनीष जी की ओर से भवानी सिंह एवं अनिल भाई के चित्र पर माल्यार्पण के साथ शुरू हुई। सभा में पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र प्रचारक अनिल जी ने दोनों ही प्रचारको को अपने दायित्वों के प्रति समर्पित, निष्ठावान तथा अन्य कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा स्रोत बताया। उन्होंने कहा कि भवानी सिंह को कार्यकर्ताओं को जोड़ने में महारत हासिल थी ।उनका संपर्क समाज के सभी वर्ग में था। ।कठिनाई होने पर कार्यकर्ताओं की हमेशा मदद करते थे। स्वास्थ्य खराब होने पर भी बगैर विश्राम किए हुए अनवरत काम करते रहे । राजनीति के क्षेत्र में ऐसे लोग कम होते हैं जो प्रेरणा के स्रोत बनें। अखिल भारतीय गौ सेवा प्रमुख अजीत महापात्र ने वरिष्ठ प्रचारक तथा कार्यकर्ताओं के निधन को संगठन की अपूरणीय क्षति बताई।
देह ध्येय के लिये समर्पित हो गया। प्रांत प्रचारक रमेश भाई ने अपनी भावांजलि प्रकट करते हुए कहा कि जीवन व्रती दोनों प्रचारक तपस्वी की तरह अपने ध्येय की ओर जीवन भर आगे बढ़ते रहें ।उनका देह ध्येय के लिये समर्पित हो गया। ‘दिव्य ध्येय की ओर तपस्वी जीवन भर अविचल चलता है’ इन प्रचारकों के जीवन का मूलमंत्र था ।अनिल जी को जो काम दिया गया उसे पूरी कुशलता और निष्ठा से किया। गौ सेवा विभागका कठिन काम उन्होंने बड़ी प्रसन्नता के साथ स्वीकार किया। भवानी सिंह तो बहुत कम समय में अपनी गहरी और अमिट छाप छोड़ कर चले गए ।उनमें गजब का अपनत्व प्रेम और स्नेह था।
उन्होंने सब का विश्वास जीता और सब के दिल में उतर गए।राजनीति के क्षेत्र में रहते हुए सभी कार्यकर्ताओं को संतुष्ट कर पाना कठिन होता है लेकिन भवानी सिंह से मिलने के बाद कोई कार्यकर्ता असंतुष्ट होकर नही लौटता था। वह कहता था भवानी भाई साहब ने मेरी बात बहुत ध्यान देकर सुनी है। वह एक-एक कार्यकर्ता की चिंता करते थे। उनके जाने से विचार परिवार की बहुत बड़ी क्षति हुई है। अभी समाज और संगठन को उनकी जरूरत थी लेकिन वह हम सबको छोड़ कर चले गए प्रांत प्रचारक ने काशी महानगर के भाग कार्यवाह रत्नदीप को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा की सभी क्षेत्रों में अत्यंत प्रभावशाली तथा निष्ठावान समर्पित कार्यकर्ता थे वे। उनके निधन से संघ ने एक होनहार कार्यकर्ता खो दिया। उन्होंने विंध्याचल विभाग के प्रचार प्रमुख योगेश समेत सभी दिवंगत कार्यकर्ताओं एवं उनके बिछुडे परिजनों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की।
भाजपा काशी क्षेत्र के अध्यक्ष महेश चंद्र श्रीवास्तव ने अत्यंत भावुक होकर कहा की भवानी सिंह कार्यकर्ताओं को परिवार के सदस्य जैसा मानते थे और आत्मीयता देते थे ।वह तन समर्पित मन समर्पित और यह जीवन समर्पित की भावना से संगठन का काम कर रहे थे। भाजपा को पूरे देश में अग्रणी भूमिका में लाना ही उनका एकमात्र चिंतन था। किसी को कल्पना नहीं थी कि ऐसा हादसा होगा और वह हमारे बीच से चले जाएंगे ।सुल्तानपुर में कोविड इंजंक्शन लगवाने के बाद निरंतर पार्टी की बैठकों में व्यस्त रहे। पीजीआई लखनऊ में भी जब उन्हें भेजा गया तो उनकी स्थिति सामान्य थी। वहां सुधार भी हुआ। अच्छी चिकित्सा के लिए हैदराबाद भेजा गया जहां दुर्भाग्य से उनकी हृदय गति अवरुद्ध हो गई ।बहुत कम समय में भवानी भाई साहब ने काशी क्षेत्र में बड़ी लोकप्रियता अर्जित कर ली थी। वह सब को मार्गदर्शन देने वाले अच्छी सोच के व्यक्ति थे।
क्षेत्र शारीरिक प्रमुख गजेंद्र ने अनिल जी एवं भवानी सिंह के साथ बिताए अपने जीवन के अनेक संस्मरण सुनाते हुए उनके असामयिक निधन को संगठन एवं समाज की अपूरणीय क्षति बताई। उन्होंने कहा कि अनिल जी का पर्यावरण तथा पशु पक्षियों से विशेष लगाव था वह नेवले को अपने पास बुला लेते थे। भवानी सिंह जी ने इटावा जैसे एक ही परिवार के वर्चस्व वाले क्षेत्र में संघ को मजबूती दी , वह कार्यकर्ताओं में उत्साह का निर्माण करते थे । सहप्रांत प्रचारक मुनीष ने दोनों वरिष्ठ प्रचारको के कई संस्मरण सुनाए । कहा अनिल गायों को नाम लेकर पुकारते थे और उनके पास चली जाती थी। भवानी सिंह जी भोजन बहुत अच्छा बनाते थे। बिना आग के प्रयोग के एक बार भोजन तैयार किया था। उनका जीवन संतो जैसा था। वह महलों में नहीं झोपड़ी में रहने की कल्पना करते थे । प्रांत कार्यवाह मुरली पाल ने कहा कि दोनों प्रचारकों ने संगठन को यशस्वी बनाने का प्रयास किया।प्रांत गौ सेवा प्रमुख अरविंद ने तो आंखों से बहते आसुओ के बीच अनिल के अनेक संस्मरण सुनाए । सहक्षेत्र संघचालक राम कुमार के तकनीकी कारणों से न जुड़ पाने के कारण शोक संदेश पढ़ कर सुनाया गया। ऑनलाइन श्रद्धांजलि सभा का संचालन काशी प्रांत के सह प्रांत कार्यवाह डॉ राकेश तिवारी ने किया। इसमें जिला, विभाग टोली ,प्रांत कार्यकारिणी गतिविधि सहित जिला एवं विभाग गौ सेवा प्रमुख एवं प्रांतीय स्तर के विचार परिवार के सभी कार्यकर्ता जुड़े थे।