वाराणसी। दो दर्जन से ज़्यादा संगीन अपराध में नामज़द और वाराणसी पुलिस के लिए सिरदर्द बना हार्डकोर अपराधी मनीष सिंह उर्फ़ सोनू को एसटीफ लोहाता में ढ़ेर किया। मनीष उर्फ़ सोनू चौकाघाट दोहरे हत्याकांड को अंजाम देने के बाद वाराणसी पुलिस की निगाह में आया था। इसके ऊपर 2 लाख का इनाम घोषित था। लंका थाना अंतर्गत नरोत्तमपुर निवासी मनीष सिंह सोनू इस समय वाराणसी के अलावा मिर्जापुर और आजमगढ़ में हत्या, लूट और रंगदारी के मुकदमों में वांछित था। नवंबर 2020 में जैतपुरा क्षेत्र में पुलिस मुठभेड़ में बदमाश रोशन गुप्ता उर्फ बाबू उर्फ किट्टू मारा गया तो उस दौरान मनीष फायरिंग करते हुए भाग निकला था।
इसके बाद से पुलिस उसकी तलाश कर रही है लेकिन वह हाथ नहीं लगा। पुलिस के अनुसार मनीष मौजूदा समय में बिहार और नेपाल में ठिकाने बदल-बदल कर रहता था।तत्कालीन एसएसपी अमित पाठक ने मनीष पर घोषित इनाम की राशि दो लाख करने के लिए शासन को सिफारिश की गई थी।मारे गए मनीष सिंह उर्फ सोनू पुत्र अनिल सिंह निवासी नरोत्तमपुर लंका के ऊपर वाराणसी के विभिन्न थानों में 24 व पूर्वांचल सहित यूपी के कुछ जिलों में कुल मिलाकर 36 मुकदमें पंजीकृत है।9 मार्च 2021को इसके ऊपर इनाम राशि 2 लाख करने की।घोषणा यूपी पुलिस के द्वारा की गई थी। कुल 32 मुकदमें दर्ज है।
सिनेस्टार के सचिव की हत्या में था शामिल
वाराणसी। सोनू चर्चित अभिनेत्री मनीषा कोईराला के सचिव अजीत जीगवानी की हत्या में शामिल था। इस वारदात को अंजाम मुंबई में डॉन अब्बू सलेम के कहने पर दिया गया था। वही वाराणसी में कोचिंग सेंटर टाइम्स निदेशक आरके सिंह की सरेराह उसने रंगदारी के लिए हत्या कर दी थी। हाल ही में ज़मीन कारोबारी और पत्रकार एनडी तिवारी की हत्या में इसका नाम आया था।
हिस्ट्रीशीटर कल्लू यादव को मारी थी गोली
वाराणसी। एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मारे गए मनीष सिंह सोनू लंका थाने के सीरगोवर्धनपुर के रहने वाले हिस्ट्रीशीटर अनिल उर्फ कल्लू यादव को गोली मारी थी। इस मामले में कल्लू के पिता रामआश्रर यादव ने 11 अगस्त 2020 को सीरगोवर्धनपुर के रहने वाले अशोक यादव, राही मिश्रा , मनीष सिंह उर्फ सोनू निवासी नरोत्तमपुर और शंकर यादव निवासी सीरगोवर्धनपुर के खिलाफ आईपीसी 307 दर्ज कराया। जबकि मौके से सुरेश यादव रंगेहाथ पकड़ा गया। इस मामले में मनीष की तलाश लंका को भी थी।
बीते साल पांच अप्रैल को पत्रकार को मारी थी गोली
वाराणसी। रोहनिया थाना क्षेत्र के अखरी निवासी एनडी तिवारी की 5 अप्रैल की रात शूलटंकेश्वर महादेव मंदिर से दर्शन कर घर लौटते समय ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड का मुख्य शूटर मनीष सिंह सोनू था। पूर्वांचल के वाराणसी, जौनपुर और गाजीपुर सहित तमाम जिलों में उसकी आपराधिक गतिविधियां काफी समय से चर्चा में रही हैं।
घर का इकलौती संतान था मनीष
वाराणसी। मनीष सिंह सोनू अपने पिता अनिल सिंह का इकलौता बेटा था। कक्षा आठ में पढ़ाई के दौरान मां की मौत हो गयी। इसके बाद वह अपने मामा के घर के उंदी चोलापुर चला गया। मनबढ़ होने के कारण पहली घटना की रिपोर्ट मनीष के खिलाफ चोलापुर में दर्ज हुआ। इसके बाद वह पीछे मुड़कर नहीं देखे और जरायम की दुनिया में अपनी धाक जमायी। मनीष 2015 की पंचायत चुनाव में अपने चचेरे भाई को चुनाव लड़वाया था।
सन्नी की मौत के बाद संभाली थी कमान
वाराणसी। एसटीएफ के हाथों सात साल पहले एनकांउटर में ढेर हुआ सन्नी सिंह को वो अपना गुरु और बड़ाभाई मानता था। सन्नी की मौत के बाद उसने गैंग की कमान संभाली थी। दोनों की दोस्ती जिला जेल में बंद होने के दौरान हुई थी। कहते हैं कि जेल से लेकर बाहर तक का खर्चा सन्नी ही देखता था और उसक जमानत कराने में मदद की थी। जेल से बाहर आने के बाद उसने सन्नी के लिए काम करना शुरु कर दिया था और संगीन अपराधों को अंजाम दिया। मनीष की गाजीपुर पुलिस और क्राइम ब्रांच ने मीरजापुर के अदलहाट थाने के रामपुर से की थी। इस गिरफ्तारी के बाद मनीष लंबे समय तक गाजीपुर जेल में निरुद्ध रहा।
22 मुकदमे तो केवल बनारस में
वाराणसी। मुठभेड़ में ढ़ेर मनीष उर्फ़ सोनू पर केवल वाराणसी में ही 22 संगीन धराओ में मुकदमा दर्ज था। जैतपुरा थाना में चार, कोतवाली में पाँच, भेलपुर में दो, सिगरा में एक, कैंट में एक, चौक थाना में दो, चेतगंज और लंका में एक, इसी तरह ग्रामीण थाना कपसेठी, रोहनिया समेत अन्य थानो में ये नामजद था। वाराणसी के आसपास के जिलों में भी उसने आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया था।